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पोएट्री फ्यूजन में कवियों ने जमाया रंग

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‘चलो आज झूठे भरम तोड़ दें हम, ये पत्थर के सारे सनम तोड़ दें हम।’

पटना (voice4bihar desk)।‘मैं बनाता तुझे हमसफ़र ज़िन्दगी, काश! आती कभी मेरे घर ज़िन्दगी’ तथा ‘हम फ़क़ीरों के क़ाबिल रही तू कहाँ, जा अमीरों की कोठी में मर ज़िन्दगी….’  युवा शायर समीर परिमल ने जब यह पंक्तियां सुनाई तो सारा सभागार झूम उठा। अवसर था कविता फ्यूजन कार्यक्रम का जिसमें समकालीन कविता के कवि दिलीप कुमार और शायर समीर परिमल ने एक से बढ़कर एक कविताएं और गजलें सुनाई । समीर परिमल ने अपनी नई रचना से वाहवाही पाई –

‘चलो आज झूठे भरम तोड़ दें हम
ये पत्थर के सारे सनम तोड़ दें हम
लबों पर तुम्हारे तबस्सुम सजाकर
मुहब्बत के साये में दम तोड़ दें हम।’

पोएट्री फ्यूजन में काव्य पाठ करते कविगण।

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‘प्रेम क्वॉरेंटाइन हो गया, नफरत फैली गली-गली।’

पोएट्री फ्यूजन में दिलीप कुमार ने कार्यक्रम में बारिश का पानी, जलती तो बाती है सहित अनेक कविताएँ सुनाईं । कोरोना काल की कविताओं को खूब पसंद किया गया-

‘प्रेम क्वॉरेंटाइन हो गया
नफरत फैली गली-गली
न जाने कैसी हवा चली।’
——–
‘खुद से खुद की दूरी देखी
तो खुद पर ही रोना आया ।
मुद्दत बाद मिला मैं खुद से
जब मेरे देश कोरोना आया।।’


आर्केड बिजनेस कॉलेज में आयोजित पोएट्री फ्यूजन कार्यक्रम का संयोजन युवा कवयित्री रश्मि गुप्ता द्वारा किया गया । दूरदर्शन की प्रसिद्ध एंकर प्रेरणा प्रताप ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय शायर डॉ कासिम खुर्शीद, प्रसिद्ध साहित्यकार प्रेम किरण, राजमणि मिश्र, डॉ रामनाथ शोधार्थी, प्रमोद कुमार, अविनाश झा, रणधीर कुमार, सुनील कुमार लवसिम, ओम प्रकाश, सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे ।

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