आखिर देश के जवान भी तो इंसान हैं! कचरे के ढेर पर खड़े होकर कैसे होगी सीमा की सुरक्षा?
भारत-नेपाल सीमा पर बसा दसगज्जा बना जोगबनी नगर पंचायत का डंपिंग साईट
- जोगबनी का सारा कूड़ा नो मेंस लैंड में ही फेंका जा रहा, सीमा की सुरक्षा में बाधक
- स्वच्छ भारत अभियान की मंशा को विफल कर रही जोगबनी नगर पंचायत
जोगबनी (voice4bihar desk)। चारों तरफ कचरे का ढेर, सुअरों का अड्डा और वहां से उठते बदबू के भभके के बीच खड़े होकर देश की सीमा की सुरक्षा करते जवानों की हालत की कल्पना मात्र से जी भिनक जाता है, लेकिन यह हकीकत है। जोगबनी नगर पंचायत की लापरवाही कहें या अररिया जिला प्रशासन का अंतरराष्ट्रीय सीमा के प्रति गैरजिम्मेदाराना व्यवहार… हमारे देश के जवानों को ऐसे ही हालात में रहकर सीमा की सुरक्षा करनी पड़ रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्या सीमा पर तैनात जवान इंसान नहीं?
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे संवेदनशील सीमाओं में शुमार जोगबनी के भारत नेपाल सीमा की सुरक्षा में तैनात जवान कितनी मुसीबतों का सामना कर सीमा की सुरक्षा में लगे हैं, इसका अंदाजा आप दसगज्जा में गश्ती के लिए बनी सीमा सड़क पर दस मिनट खड़े होकर महसूस कर सकते हैं। हालात यह है कि जोगबनी का सारा कचरा नो मेंस लैंड में ही फेंका जा रहा है । एक तो सीमा अतिक्रमण और दूसरी तरफ सीमा सड़क में नगर पंचायत के कचरा से उठती दुर्गंध… बदबूदार कचरे का ढेर एक स्वस्थ इंसान को बीमार करने के लिए काफी है।

शहर का कचरा सीमा सड़क पर ही क्यों?
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शहर का कचरा प्रबंधन कर स्वच्छ भारत अभियान में नगर पंचायत जोगबनी कितनी उम्दा है, इसका अंदाज इस बात से ही आप लगा सकते हैं कि सारा कचरा सीमा की गश्ती सड़क पर ही खुले में जमा हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय सीमा में डाले जाने वाले इस कचरे को लेकर कई बार नेपाल के अधिकारियों ने संयुक्त बैठक में आपत्ति दर्ज कराई है, लेकिन इसका कोई त्वरित ठोस उपाय नहीं खोजा गया। नतीजा यह कि एसएसबी जवानों को भी सीमा गश्ती के लिए इसी दुर्गंध के बीच सीमा की सुरक्षा करनी पड़ रही है।
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क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी
अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक नो मेन्स लैंड पर शहर का कचरा फेंके जाने के सवाल पर कार्यपालक पदाधिकारी जोगबनी प्रकाश चन्द्र राज ने कहा कि जोगबनी के लिए यह निश्चित ही गंभीर समस्या है। हमें भी शिकायत मिल रही है। इस सम्बंध में पूर्व में ही जिला पदाधिकारी के साथ इस मुद्दे पर बैठक की जा चुकी है। डम्पिंग साईट के लिए भूमि की तलाश की जा रही है। जल्द ही इस समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है।
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