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राजगीर जू सफारी को पर्यटकों के लिए खोला गया, मुख्यमंत्री नीतीश ने किया शुभारंभ

पूर्वोत्तर भारत का पहला और देश का सबसे अत्याधुनिक जू सफारी पर्यटकों को लुभाएगा

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बख्तरबंद गाड़ी में बैठकर वन्य प्राणियों को नजदीक से देख सकेंगे सैलानी

ग्लास स्काईवॉक पर चढ़कर प्राकृतिक छटा देखने का होगा अलग अंदाज

राजगीर (voice4bihar news)। बिहार के नालंदा जिले में अत्याधुनिक रूप में विकसित किए गए राजगीर जू सफारी को आज पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। विश्व शांति स्तूप समेत तमाम आकर्षण के लिए विख्यात अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में आने वाले सैलानी अब राजगीर वन्य प्राणी (जू) सफारी का आनंद ले सकेंगे। बख्तरबंद गाड़ी में बैठकर इसका आनंद लेना किसी एडवेंचर से कम नहीं होगा। जू सफारी का उद्घाटन बुधवार (16 फरवरी 2022) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया।

राजगीर जू सफारी का खासियतों के बारे में मुख्मंत्री ने कहा कि इसका निर्माण बेहतर तरीके से कराया गया है। इस सफारी को देखने में कम से कम पर्यटकों को डेढ़ घंटा लगेगा। इस सफारी के अंदर 6 शेर, 2 बाघ, दो तेंदुआ, दो भालू सहित अधिक मात्रा में हिरण विद्यमान हैं। पहले हिरण इधर-उधर जंगलों में भटकते रहते थे, उसको एक जगह पर किया गया है।

राजगीर के घोड़ा कटोरा जलाशय में भगवान बुद्ध की प्रतिमा को नमन करते नीतीश कुमार।
राजगीर के घोड़ा कटोरा जलाशय में भगवान बुद्ध की प्रतिमा को नमन करते नीतीश कुमार।

वर्ष 2016 में रखी गयी थी नेचर सफारी की आधारशिला

श्री कुमार ने कहा कि जू सफारी की आधारशिला 2016 में रखी गयी थी, जिसका डिजाइन कई बार किया गया। आखिरकार फरवरी 2022 में इसे पूरा कर पर्यटकों के लिए चालू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जू सफारी में टिकट बाउंड्री, कंट्रोल रूम ,180 थिएटर, शौचालय सहित अन्य सुविधाएं लोगों के लिए मुहैया कराया गया है इतना ही नहीं जू सफारी के अंदर पर्यटकों के लिए सेल्फी फोटो लेने का स्थल भी बनाया गया है।

तमिलनाडू व महाराष्ट्र से आएंगे अन्य वन्य प्राणी

मुख्यमंत्री ने कहा कि जू सफारी के संबंध देश के प्रधानमंत्री से बातें की थी। उनकी पहल पर जू सफारी के लिए 6 शेर उपलब्ध कराये गए हैं। यहां कई अन्य वन्य प्राणियों को लाने के लिए तमिलनाडु एवं महाराष्ट्र से संपर्क किया जा रहा है। राजगीर जू सफारी के अंदर जितने तरह की जीव हैं, उनकी देख-रेख व भोजन से लेकर चिकित्सा की उत्तम व्यवस्था की गयी है। जू सफारी का आनंद लेने वाले लोगों के लिए वर्तमान समय में 20 वाहनों की खरीदारी की गयी है, जिसमें बैठकर लोग वन्य प्राणियों को नजदीक से देख सकेंगे।

बैटरी चालित वाहन में बैठकर घोड़ा कटोरा जाते नीतीश कुमार व अन्य गणमान्य।
बैटरी चालित वाहन में बैठकर घोड़ा कटोरा जाते नीतीश कुमार व अन्य गणमान्य।

नेचर सफारी और जू सफारी बनेंगे पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र

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सीएम ने बताया कि नेचर सफारी का निर्माण जू सफारी के बगल में कराया गया है। इस सफारी के अंदर ग्लास स्काईवॉक ब्रिज है, जो देश का इकलौता है। नेचर सफारी का आनंद लेने के लिए अच्छी तादाद में लोग आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने 2019 के आंकड़ों के अनुसार बताया कि बोधगया व गया के बाद राजगीर देखने के लिए दो करोड़ पर्यटक लोग आए हैं। सरकार ऐसे प्रयास लगातार कर रही है, जिससे पर्यटकों को बढ़ावा और मिलेगा।

सफारी के अलावा भी राजगीर में पर्यटकों के लिए बहुत कुछ

राजगीर को पर्यटन के तौर पर विकसित करने के पीछे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच रही है। शुरूआती दिनों को याद कर श्री कुमार ने कहा कि वर्ष 2009 के दिसंबर माह में 7 दिनों के लिए यहां प्रवास किया था। उस समय राजगीर में कई तरह की खूबियों का अनुभव किया और तभी से पर्यटन के विकास की बात शुरू हुई। आज यहां पर पांडू पोखर, इको टूरिज्म के रूप में घोड़ा कटोरा जलाशय, अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराया गया।

इतना ही नहीं भगवान बुद्ध के पवित्र स्थल का भी ध्यान रखा गया। जहां भगवान बुद्ध रहा करते थे, उस वेणु वन का विस्तार किया गया है। इस देखने के लिए भारी तादाद में देशी-विदेशी सैलानी आते हैं। घोड़ा कटोरा जलाशय के बीच भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित की गयी है। इतना ही नहीं घोड़ा कटोरा के पास ही इको पार्क का निर्माण कराया गया है। यह भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। श्री कुमार ने कहा कि राजगीर पांच धर्मों का संगम स्थल है। इस स्थल का सर्वांगीण विकास करना हमारा दायित्व था और हमने ऐसा ही किया।

राजगीर के जू सफारी में विचरण करता बाघ।
राजगीर के जू सफारी में विचरण करता बाघ।

नेचर सफारी जाने के लिए बनेगा नया रास्ता

आगे की योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नेचर सफारी में जाने के लिए एक रास्ता का निर्माण कराया जाएगा, जिसका स्थल का चयन कर लिया गया है। वर्तमान समय में सोन भंडार से होकर जरासंध के अखाड़ा होते हुए लोग यहां जाते हैं, जिसके कारण स्वर्ण भंडार और जरासंध के अखाड़ा को लोग नहीं देख रहे हैं। इसी के आलोक में नेचर सफारी के लिए अलग से रास्ता का निर्माण कराया जाएगा। यह रास्ता जू सफारी के निकट से होगा।

राजगीर में सबसे पहले बना अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर पर्यटन स्थल पर सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराया गया। उसके उपरांत पटना एवं बोधगया में सेंटर का निर्माण कराया गया। राजगीर को इस तरह से सजाया-संवारा जा रहा है कि आने वाले समय के नई पीढ़ी के लोग यहां आने और इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक रहेंगे। उन्होंने कहा कि राजगीर में पहले एक सीट का रोपवे हुआ करता था। उसके बगल में अब पर्यटकों के लिए 8 सीटर रोपवे का निर्माण कराया गया है। जिसका आनंद पर्यटक लोग ले रहे हैं।

राजगीर की पंच पहाड़ियों पर है साइक्लोपीयन वॉल

नीतीश कुमार ने अपने बचपन के समय का जिक्र करते हुए कहा कि वे जब राजगीर में कुंड स्नान करने के लिए आते थे, उस समय राजगीर की स्थिति बहुत ही दयनीय थी। इसकी तुलना में अब राजगीर का विकास देखने योग्य है। उन्होंने कहा कि राजगीर में पांच पहाड़ है। इस पहाड़ों पर साइक्लोपीयन वॉल है। इस तरह का साइक्लोपीयन वॉल पूरे विश्व में कहीं एक देश में और है। उन्होंने कहा कि साइक्लोपीयन वालों को विश्व धरोहर की सूची में जोड़ने के लिए प्रयास किया जा रहा है।

जू सफारी के उद्घाटन के मौके पर पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, सांसद कौशलेंद्र कुमार, विधायक कौशल किशोर, प्रेम कुमार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, पटना क्षेत्र के महा निरीक्षक राकेश लाठी, भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, विशेष कार्य सचिव गोपाल कुमार, हेमंत पाटील, जिलाधिकारी शशांक शुभंकर, आरक्षी अधीक्षक अशोक कुमार मिश्रा सहित अन्य पदाधिकारी लोग मौजूद थे।

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