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नेपाल में बसे घर तो भारत में द्वार, आंगन में असहाय पड़ा इंटरनेशनल बॉर्डर

कहीं घर की दीवार तो कहीं आंगन में खड़ा है इंटरनेशनल बॉर्डर पिलर

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  1. इंटरनेशनल बॉर्डर पर बस चुकी हैं कई बस्तियां
  2. अवैध कारोबार व आवाजाही को मिल रहा प्रश्रय
  3. सीमा पर लगाये गए 123 में से गायब को चुके हैं 16 बॉर्डर पिलर
  4. दोनों देशों की संप्रभुता को मिल रही चुनौती
  5. बिहार के अररिया जिले में 108 किलोमीटर का इलाका नेपाल सीमा से सटा

राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट

जोगबनी (voice4bihar desk)।  भारत -नेपाल इंटरनेशनल बॉर्डर पर खुली सीमा का कुछ लोगों ने इस कदर फायदा उठाया है कि अगर नेपाल में घर बनाकर भारत की सीमा में द्वार खोल लिया।  स्थानीय नागरिकों ने सीमा पर इस कदर अतिक्रमण कर रखा है कि बोर्डर पिलर को ही अपने घर के अन्दर समेट रखा है। वहीं कुछ के आंगन में खड़ा बॉर्डर पिलर दोनों देशों की सम्प्रभुता को चुनौती दे रहा है।

    अररिया जिले के कुर्साकाटा थाना अन्तर्गत सोनामणि गोदाम में इंटरनेशनल बॉर्डर बोर्डर पिलर संख्या 174/621 घर के आंगन में ही है, जिस कारण कई बार यह संशय की स्थिति रहती है कि कौन भाग भारत का है कौन नेपाल का ?

दरअसल भारत नेपाल की खुली सीमा वर्षों से अतिक्रमण का शिकार है, जिसे हटाने की कोई ठोस पहल स्थानीय जिला प्रशासन ने नहीं की। लिहाजा इंटरनेशनल बॉर्डर इलाके में लगातार तस्करी व आपराधिक घटनाओं में इजाफा हो रहा है। इंटरनेशनल बॉर्डर में अतिक्रमण होने व लगातार सीमा स्तम्भ को अपने आंगन में रखने सहित लगातार दशगजा में घर दुकाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। इस पर पर दोनों देश के सरकार का ध्यानाकर्षण नहीं होना गंभीर चिंता का विषय है।

इंटरनेशनल बॉर्डर पर आंगन में खड़ा सीमा स्तम्भ।

बिहार के अररिया जिले में 108 किलोमीटर का इलाका नेपाल सीमा से सटा

अररिया जिला का 108 किलोमीटर क्षेत्र नेपाल सीमा से जुड़ा है। वहीं नेपाल के मोरंग जिले के दक्षिण भाग की तरफ  63.2 किलोमीटर क्षेत्र अररिया सीमा से जुड़ा है।इसके अलावा नेपाल प्रदेश एक के सुनसरी जिले के आधा भाग मोरंग का पूरा इलाका व झापा जिले के पश्चिम–दक्षिण का कुछ भाग अररिया जिले से सटा हुआ है। इनमें सोनामणि गोदाम से  डुमरिया तक सीमा में अवैध अतिक्रमण है।

कहीं घर की दीवार तो कहीं आंगन में बॉर्डर पिलर

कुर्साकाटा थाना अन्तर्गत सोनामणि गोदाम में स्थानीय नागरिकों ने सीमा पर इस कदर अतिक्रमण कर रखा है कि बोर्डर पिलर को ही अपने घर के अन्दर समेट रखा है। वहीं कुछ के आंगन में खड़ा बॉर्डर पिलर दोनों देशों की सम्प्रभुता को चुनौती दे रहा है। बोर्डर पिलर संख्या 174/621 घर के आंगन में ही है, जिस कारण कई बार यह संशय की स्थिति रहती है कि कौन भाग भारत का है कौन नेपाल का ?

जोगबनी सीमा के चाणक्य चौक से अतिक्रमण

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जोगबनी सीमा के चाणक्य चौक पर बोर्डर पिलर संख्या 179 पर भी अतिक्रमण है। इस जगह पर दशगजा में 64  घर नेपाल के जबकि  40  घर भारतीय नागरिकों ने बना कर अतिक्रमण वर्षो से कर रखा है। इस अतिक्रमित जगह पर होटल से लेकर हार्डवेयर व किराना दुकान तक संचालित है। इन प्रतिष्ठानों का एक तरफ का दरवाजा भारत की तरफ तो दूसरा नेपाल की तरफ खुलता है, लेकिन इस हालात पर भी प्रशासन गंभीर नहीं दिखता।

दर्जन भर से ज्यादा पिलर गायब होने का अनुमान

अररिया जिले से सटे  नेपाल के मोरंग जिले के भारत नेपाल सीमा में 16 सीमा स्तम्भ गायब होने का प्रतिवेदन पिछले दिनों सरकार को दिए गए प्रतिवेदन में उल्लेख है। अररिया जिले से सटे नेपाल सीमा में छोटे बड़े बोर्डर पिलर मिला कर कुल 123 बोर्डर पिलर होना है, जिसमें 16 का पता नहीं चल पाया है।

भारत नेपाल सीमा पर दशगजा में खुले हैं होटल से लेकर सैलून तक

भारत नेपाल सीमा के दशगजा को अतिक्रमण कर सिर्फ घर ही नहीं बल्कि हेयर कटिंग सैलून, होटल, किराना दुकान, हार्डवेयर की दुकान तक खुली है। वर्षो से अतिक्रमण कर रह रहे लोगों से दशगजा को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराए जाने से समय के साथ समस्या भी बढ़ रही है। इन अतिक्रमित दशगजा के रास्ते ब्राउन शुगर जैसे मादक पदार्थों सहित अन्य आपराधिक गतिविधि बढ़ी है।

दशगजा में बॉर्डर पर अतिक्रमण अवैध कारोबारियों के लिए वरदान

दशगजा में अतिक्रमण हटाने के लिए न तो अब तक भारत की तरफ से और न ही नेपाल की तरफ से ही कोई सार्थक पहल की गई है, जबकि दशगजा में भारत से ज्यादा नेपाली नागरिकों ने अतिक्रमण किया है। जोगबनी की तरफ जोगबनी नगर पंचायत के वार्ड संख्या 10  में पड़ने वाली दशगजा में अतिक्रमण है।

दशगजा से नशीली दवा व ड्रग्स, हवाला कारोबार, अवैध क्रियाकलाप का दोनों देशों में संचालन

दशगजा में अतिक्रमण का फायदा तस्कर अतिक्रमण कर रह रहे लोगों की मिलीभगत से उठाते रहे हैं। हालांकि सीमा पर SSB की सजगता की बदौलत भारी संख्या में नशीली दवा, नशीली दवा के मुख्य एक कारोबारी सहित हथियार के साथ युवकों की गिरफ्तारी कर चुकी है, फिर भी तस्कर स्थानीय होने सीमा अतिक्रमण होने के कारण तस्कर सफल हो जाते हैं।

फारबिसगंज अंचल पदाधिकारी ने सीमा से अतिक्रमण हटाने को दिया था नोटिस

फारबिसगंज अंचल पदाधिकारी ने सीमा में अवैध रूप से अतिक्रमण किये लोगों को हटाने का नोटिस जारी किया था, लेकिन कोई मुकम्मल कार्रवाई नहीं हो पाई। जारी किए गए नोटिस में 9-10-2020 तक अतिक्रमण हटाने को कहा गया था लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी इसका अमल में नहीं आना समझ से परे है।

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