नेपाल में फिर आई भीषण बाढ़, जलसैलाब में बह गए 17 मकान
हेलम्बू गांवपालिका व मेलम्ची नगरपालिका क्षेत्र में मची भीषण तबाही
डेढ़ महीने पहले भी मेलम्ची में पहाड़ी नदी ने बरपाया था कहर, भीषण बाढ़ में कई लोगों की गई थी जान
नेपाल से राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट
Voice4bihar news. भारत के पड़ोसी देश नेपाल में शनिवार रात एक बार फिर बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। नेपाल के मेलम्ची में भारी जलप्रवाह के कारण हेलम्बू गांवपालिका व मेलम्ची नगरपालिका के 17 घर बाढ़ में बह गए हैं। इस क्षेत्र में डेढ़ महीने के अंतराल पर दूसरी बार आपदा आई है। विगत 15 जून को नेपाल के सिन्धुपाल्चौक में अनुमान से ज्यादा पानी आने की वजह से मेलम्ची बाजार में भारी तबाही मची थी। इस दौरान 3 भारतीय नागरिकों समेत कई लोगों की मौत हो गई थी।
9 पक्के व 8 कच्चे मकान बाढ़ में जमींदोज
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शनिवार की रात आई बाढ़ के बारे में जिला पुलिस कार्यालय के पुलिस उपरीक्षक राजन अधिकारी ने बताया कि इनमें से 9 पक्के तथा 8 कच्चे मकान बह गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों आई बाढ़ से जिन घरों में मलबा भरा था, वे घर शनिवार रात कि बारिश से बह गए हैं। ये कच्चे-पक्के घर खाली थे। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारणचनौटे का लाल पुल भी बह गया है।
बाढ़ में बह गया लाल पुल, आवागमन बाधित
वही स्थानीय स्तर पर मिली जानकारी के अनुसार बाढ़ से रविवार की सुबह लाल पुल बहा है। पुल के बहने के साथ ही अब इस क्षेत्र में वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद है। मेलम्ची बाजार से ऊपर पुल न रहने की जानकारी हेलम्बू गांवपालिका के अध्यक्ष नीमा ग्यालजेन शेरपा ने दी। उन्होंने बताया कि नदी में कीचड़ के साथ आई बाढ़ कभी घट तो कभी बढ़ रही है। हेलम्बू राजमार्ग के विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन होने से मेलम्ची से हेलम्बू सवारी साधन नहीं जा पा रहे हैं।
इस इलाके में डेढ़ महीने पहले आया था जलप्रलय
विगत 15 जून को इस इलाके में अचानक आये जलप्रलय ने सबकुछ तबाह कर दिया था। मेलम्ची बाजार के पांच किलोमीटर ऊपर के इलाके में 2 दिनों तक भारी वर्षा हो रही थी। इस कारण मेलम्ची के मुहान क्षेत्र नाम्सागसाग का जलस्तर लगभग दोगुना हो गया था। 15 जून को दोपहर बाद मेलम्ची नदी में मौजूद परियोजना स्थल से करीब तीन किलोमीटर ऊपर मेलम्चीघ्याग पहाड़ से गिरे पहाड़ के पत्थर से कुछ समय के लिए नदी का रास्ता अवरुद्ध हो गया था।
इसके नीचे के तटीय क्षेत्र में रह रहे लोगों को इस घटना की जानकारी नहीं हो पायी थी। जब अचानक से जलस्तर बढ़ कर भयावह बाढ़ का रूप अख्तियार कर लिया तब इसकी जानकारी स्थानीय नागरिकों को लगी। जब तक लोग संभल पाते, प्रलयंकारी बाढ़ ने सब कुछ बहा लिया था।