12 घंटे में दिल्ली से हावड़ा और मुम्बई पहुंचेगी ट्रेन
दोनों रूटों पर ट्रेन की रफ्तार 130 से बढ़ाकर 160 किमी प्रतिघंटा की जायेगी
1500 किलोमीटर लंबी रेललाइन पर 160 किलामीटर की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन
पटना (voice4bihar desk)। देश की प्रगति को और रफ्तार देने के लिए आवागमन के माध्यमों को और गतिमान किया जा रहा है। मिशन रफ्तार के तहत दिल्ली – हावड़ा और दिल्ली-मुम्बई रेलमार्गों पर 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनों के परिचालन के लिए ढांचागत सुधार किया जा रहा है। दिल्ली- हावड़ा रेलमार्ग उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से होते हुए दिल्ली तथा पश्चिम बंगाल के मध्य तीव्र और सुरक्षित रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा । पूर्व मध्य रेल के धनबाद और पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल में ग्रैंड कॉर्ड रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन 130 से बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से करने की दिशा में कार्य जारी है ।
लगभग 1500 किलोमीटर लंबे हावड़ा- दिल्ली रेलमार्ग को 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति के अनुकूल बनाने के लिए ढांचागत सुधार पर करीब 6975 करोड़ रुपये की लागत आएगी । इसमें पूर्व मध्य रेल के धनबाद मंडल के प्रधान खांटा से पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन तक 417 रूट किलोमीटर लंबे रेलमार्ग पर 2050 करोड़ रुपए की लागत से 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से रेल परिचालन के लिए उन्नयन कार्य जारी है ।
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चालू वित्त वर्ष में पूर्व मध्य रेल को इस परियोजना के मद में 408 करोड़ रुपए का आवंटन हुआ है । इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद दिल्ली से हावड़ा की दूरी मात्र 12 घंटे में तय की जा सकेगी जिससे यात्रा समय में काफी बचत होगी। वर्तमान में इस दूरी को तय करने में ट्रेनों को करीब 17 घंटे का समय लगता है। इसी तरह दिल्ली-मुम्बई रेल मार्ग की रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की जायेगी। वर्तमान में ट्रेनों को दिल्ली से मुम्बई पहुंचने में साढ़े 15 घंटे लगते हैं। इसमें 12 घंटे लगेंगे। इस परियोजना में कुल 6806 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा।
इससे यात्री परिवहन के साथ – साथ माल परिवहन में भी गति आएगी । ढांचागत सुधार के बाद क्षमता वृद्धि होने से इस रेलखंड पर बिना किसी अवरोध के ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों के परिचालन का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। ढांचागत सुधार के क्रम में मिट्टी के कार्य, बलास्ट , थीक वेब स्वीच आदि का प्रावधान किया जा रहा है । यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य पूरा किया जाएगा साथ ही इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग तथा यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम ( ईटीसीएस ) मानक स्थापित किए जाएंगे । इनमें रेलवे ट्रैक का नवीनीकरण, रेल पुलों का उन्नयन, सिगनल प्रणाली का आधुनिकीकरण जैसे कार्य कार्य भी शामिल हैं ।
विदित हो कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा एवं धनबाद के रेलवे ट्रैक को पहले चरण में 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से ट्रेन चलाने की अनुमति प्रदान की जा चुकी है । मुगलसराय से गया होते गुजरने वाले रूट को ग्रैंड कार्ड रेलखंड कहा जाता है। सासाराम, डेहरी मोहनिया भी इसी रेलखंड पर है। पिछले दिनों नई दिल्ली से उड़ीसा के पूरी जाने वाली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस को 130 किलोमीटर की रफ्तार से चलाया गया था। हालांकि ट्रेन की स्पीड बढ़ने के हिसाब से टाइम स्लॉट एडजस्ट नहीं किया गया है, लिहाजा विभिन्न स्टेशनों पर ट्रेनों को रोक कर रखा जाता है।