पप्पू यादव के साथ खड़ा होने से क्यों डर गया राजद!
राजीव प्रताप रुडी के एम्बुलेंस विवाद में पप्पू यादव का साथ देते नजर आए थे तेजस्वी
राजद नेता तेजप्रताप व श्याम रजक ने भी सरकार पर साधा था निशाना
पटना (voice4bihar news)। छपरा संसदीय सीट से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रुडी के एम्बुलेंस को लेकर राज्य में छिड़ी सियासी जंग आखिरकार पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर आकर थमती नजर आ रही है। अपनी लोकप्रिय कार्यशैली के कारण राज्य की राजनीति में हीरो बनकर उभरे पप्पू यादव ने जब राजीव प्रताप रुडी के खिलाफ मुहिम चलाई तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी ट्विटर पर इनके साथ नजर आए थे। पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी पप्पू यादव के सुर में सुर मिलाया था, लेकिन पार्टी का आधिकारिक स्टैंड इसके ठीक विपरीत नजर आ रहा है।
बुधवार को प्रेसवार्ता में राजद ने पूर्व सांसद पप्पू यादव को नीतीश सरकार का एजेंट करार दे दिया, तो राजद समर्थक भी हक्का-बक्का रह गए। हालांकि राजद की राजनीति को करीब से जानने वालों को इस स्टैंड पर हैरानी नहीं हुई। इससे पहले भी राजद ऐसी बानगी पेश कर चुका है। पिछले लोकसभा चुनाव में माकपा नेता कन्हैया कुमार व गिरिराज सिंह की बेगूसराय सीट पर टक्कर के दौरान राजद ने अपना प्रत्याशी हटाने से साफ मना कर दिया था। इसके पीछे मंशा शायद यह रही होगी कि राज्य में तेजस्वी के समकक्ष किसी अन्य नेता को उभरने से रोकना है।
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पप्पू यादव के मामले में भी ऐसा ही हुआ। एंबुलेंस में बालू ढोने का वीडियो सामने आने पर राजनीतिक पैंतरेबाजी शुरू हुई और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस वीडियो को रीट्विट कर मामले को हवा दी। मंगलवार को जब पटना पुलिस ने पप्पू यादव को गिरफ्तार किया तो सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के नेता एक साथ राज्य सरकार पर टूट पड़े। यहां तक की नीतीश सरकार में शामिल घटक दलों में भी खलबली मच गई है।
सरकार में शामिल मांझी-सहनी ने पुलिस की इस कार्रवाई को मानवता के खिलाफ बता तत्काल रिहाई की मांग कर डाली। मंत्री मुकेश सहनी ने भी अपनी ही कठघरे में खड़ा किया। राजद के कई बड़े नेता भी पप्पू यादव की गिरफ्तारी के खिलाफ ताल ठोंकते नजर आए। लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव ने भी ट्वीट कर नीतीश सरकार पर निशाना साधा। यह सारी कवायदें उस वक्त धरी की धरी रह गयीं, जब राजद ने अपना स्टैंड क्लीयर किया।
जानकारों का मानना है कि पप्पू यादव ने जिस तरह जनता के बीच जाकर अपनी छवि चमकाई है, उससे कई नेताओं को खतरा नजर आने लगा है। राजद या कोई भी दल यह कभी नहीं चाहेगा कि उनके नेता के कद वाला कोई अन्य शख्स राजनीतिक पटल पर उभरे। यही कारण है कि राजद ने अपना स्टैंड क्लीयर करने में तनिक भी देरी नहीं की।