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मतदान केंद्र पर नहीं था कुर्सी-टेबल का इंतजाम, जमीन पर ईवीएम रखकर कराना पड़ा मतदान

चुनावकर्मियों की बेबसी पर ग्रामीण भी हुए दंग, अपने घर से लाकर दिये कुर्सी टेबल

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अररिया के भरगामा में दिखी विद्रूप तस्वीर, लोकतंत्र के उत्सव में सिस्टम की बड़ी चूक

अररिया (voice4bihar news)। बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में एक पोलिंग बूथ पर हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। मतदान कराने के लिए पोलिंग बूथ पर पहुंचे चुनावकर्मियों को जब कुर्सी, टेबल व बेंच का इंतजाम नहीं दिखा तो वे जमीन पर ही ईवीएम खोलकर बैठ गए। खुरदरी जमीन पर ईवीएम रखी थी, पर्ची काटने वाले भी जमीन पर ही बैठे थे। लोकतंत्र के सबसे अहम पर्व में कुव्यवस्था की ये तस्वीरें अररिया जिले के भरगामा प्रखंड में देखने को मिली।

कीचड़ व पगडंडी से होकर बूथ तक पहुंचे मतदाता

दरअसल, पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में अररिया जिले के भरगामा में 29 सितम्बर को वोट डाले गए। प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बूथ संख्या -87 पर मतदान कर्मियों के बैठने तक की व्यवस्था नहीं की गई थी। किसान भवन स्थित बूथ पर मतदान कर्मियों को खुले जमीन पर बैठना पड़ा। इस भवन के चारों ओर धान का खेत है। मतदाता पानी कीचड़ से होकर खेतों के पगडंडी के सहारे मतदान केंद्र पर पहुंचकर अपने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

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लोकतंत्र में मतदान की विद्रूप तस्वीर।

बूथों पर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने का दावा हुआ फेल

तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि धान के खेतों से सटे एक खुरदरे फर्श पर ईवीएम व बैलेट बॉक्स रखे हुए हैं। वहीं पर कुछ चुनावकर्मी भी टूटे हुए पर बैठे हैं। पोलिंग एजेंट ने अपने बैठने के लिए कहीं से फ्लैक्स पेपर को बिछाकर अपना स्थान आरक्षित कर रखा है, जहां पालथी मार कर बैठ सकें। यह व्यवस्था तब है, जबकि करीब 2 महीने से चुनाव की तैचारियों में जिला प्रशासन लगा हुआ था। बूथों का रैंडमाइजेशन व भौतिक सत्यापन की कार्रवाई कई स्तर पर की गयी, नतीजा सिफर रहा।

जमीन पर ईवीएम रखी देख ग्रामीणों को आई तरस

बाद में मतदान करने पहुंचे वोटरों ने यह कुव्यवस्था देखी तो हैरान रह गए। ग्रामीणों ने इन कर्मियों की बेबसी देखकर अपने गांव से टेबल व बेंच लाकर लगा दिया , जिसके बाद से मतदान कर्मी उस टेवल व कुर्सी पर बैठकर चुनाव प्रक्रिया में लगे रहे। मतदान की प्रक्रिया सुबह सात बजे से शुरू होकर शाम पांच बजे तक चली। बहरहाल देखना दिलचस्प होगा कि लोकतंत्र के पर्व में कुव्यवस्था के लिए जिम्मेवार लोगों के खिलाफ चुनाव आयोग क्या एक्शन लेता है।

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