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जिस हत्याकांड से दहल उठा था शहर, उसमें अदालत ने किया जुर्म का हिसाब

लेदर गुड्स कारोबारी हत्याकांड में कुख्यात खुर्शीद सहित दस अभियुक्त दोषी करार

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शहर के भीड़-भाड़ इलाके धर्मन चौक पर भून दिया गया था कारोबारी इमरान खान

हत्याकांड के सालों बाद जेल गया कुख्यात खुर्शीद, 26 माह बाद हत्या में पाया गया दोषी

आरा (voice4bihar desk)। तारीख- छह दिसंबर 2018, स्थान- आरा शहर का अत्यंत भीड़-भाड़ वाला धर्मन चौक, हथियार से लैस अपराधी और बंदूक के निशाने पर लेदर गुड्स कारोबारी इमरान। दिनदहाडे़ गोलियों की बौछार के बीच मची दहशत के बीच इमरान को नजदीक से दर्जन भर गोलियां मारी गयी थी। अंधाधुंध फायरिंग में इमरान के भाई और बगल में काम कर रहे बीएसएनएल के एक कर्मी को भी गोली लग गयी थी। इस हत्याकांड में अब फैसले की घड़ी नजदीक आ चुकी है। अदालत ने हत्या के लिए कुख्यात खुर्शीद कुरैशी सहित दस आरोपितों को दोषी पाया है । आरोपितों में एक खुर्शीद कुरैशी का भाई अबदुल्ला भी शामिल है ।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार की अदालत ने सभी आरोपितों को हत्या, आपराधिक षड्यंत्र, आर्म्स एक्ट और रंगदारी के लिये भय पैदा करने में दोषी पाया है । एपीपी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि 6 दिसंबर 2018 को दिनदहाड़े शहर के धर्मन चौक स्थित शोभा मार्केट पर अंधाधुंध फायरिंग की गयी थी । उसमें दूध कटोरा निवासी बैग कारोबारी इमरान खान की मौत हो गयी थी । इमरान के बड़े भाई अकील अहमद और एक बीएसएनएल कर्मी भी गोली लगने से जख्मी हो गये थे ।

अकील अहमद के बयान पर टाउन थाना में खुर्शीद कुरैशी और उसके भाई सहित अन्य के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। नवम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार ने खुर्शीद कुरैशी उसके भाई अब्दुल्ला कुरैशी , नजीरगंज के राजू खान , रौजा मोहल्ला के अनवर कुरैशी , मिल्की मोहल्ला के अहमद मियां , खेताड़ी मोहल्ला के बबली मियां , तौशिफ आलम व फुचन उर्फ फुकन मियां, रोजा के गुड्डु मियां व अबरपुल मुहल्ला शमशेर मियां को सजा सुनाई ।

कारोबारी की दिनदहाडे़ हत्या और अंधाधुंध फायरिंग से दहल उठा था शहर

6 दिसंबर 2018 को दुस्साहसिक वारदात से पूरा शहर दहल उठा था। गोलियों की आवाज सुन लोग भाग गये थे। कुछ देर के बाद जब गोली बारी थमी, तब लोगों को इमरान के मारे जाने और दो लोगों को गोली लगने की खबर मिली थी। इस वारदात में कुख्यात खुर्शीद कुरैशी का नाम आने पर सभी हैरत में पड़ गए। बहुत दिनों के बाद खुर्शीद कुरैशी के अपराध की दुनिया में लौटने से सनसनी मच गयी थी। छानबीन में पुलिस को पता चला कि धर्मन चौक स्थित मार्केट पर कब्जा को लेकर खुर्शीद और इमरान में विवाद था। उसी में घटना को अंजाम दिया गया था।

कभी छोटे सरकार और बॉस के नाम से चर्चित था खुर्शीद कुरैशी

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जरायम की दुनिया में कभी छोटे सरकार और बॉस के नाम से चर्चित खुर्शीद कुरैशी को इमरान की हत्या में सालों बाद जेल जाना पड़ा था। अब उसे दोषी भी करार दिया गया। ऐसे में सजा मिलनी भी निश्चित हो गयी है। अपराध जगत में नाम कमाने के बाद ऐशो आराम की जिंदगी काटने वाले खुर्शीद को अब कुछ सालों तक जेल की कोठरी में रहना होगा।

बताया जा रहा है कि इमरान की हत्या में खर्शीद कुरैशी व उसके भाई समेत नौ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। चार-पांच अज्ञात को भी आरोपित किया गया था। हत्या के बाद खुर्शीद शहर छोड़ भाग गया था। उसकी गिरफ्तारी नहीं होते देख पुलिस मुख्यालय द्वारा उस पर 50 हजार का इनाम भी रखा गया था। इमरान की हत्या के करीब 105 दिनों बाद 22 मार्च 2019 को उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। तब से वह जेल में ही है।

इमरान की बहन शबनम ने दी थी बादशाहत को चुनौती, खुर्शीद ने उसकी भी कराई हत्या

कुख्यात खुर्शीद कुरैशी को कभी शहर की अपराध जगत का बेताज बादशाह माना जाता था। उसे अपनी बादशाहत की चुनौती स्वीकार नहीं थी। हालांकि बाद में उसने अपराध जगत को छोड़ दिया था। लेकिन बैग व बेल्ट कारोबारी इमरान की हत्या के बाद दुबारा इस दुनिया में लौटा। तब इमरान की बहन शबनम ने चुनौती दे डाली। उसके बाद खुर्शीद ने शबनम की भी हत्या कर दी। गिरफ्तारी के बाद उसने तब एसपी रहे आदित्य कुमार के समक्ष यह बात स्वीकार भी किया था।

बंदूक लेकर खुर्शीद के घर पर चढ़ गयी थी शबनम तारा

तत्कालीन एसपी के अनुसार था कि खुर्शीद ने बताया था कि इमरान की हत्या के बाद शबनम तारा बंदूक लेकर उसके घर पर चढ़ गयी थी। उसने खुर्शीद के घर पर गाली-गलौज भी की थी। यह बात खुर्शीद कुरैशी को काफी नागवार गुजरी थी। इसके बाद ही उसने शबनम को टपकाने की तैयारी कर ली थी। इस बीच खुर्शीद जब अपने गैंग के साथ इमरान के घर अकील अहमद की हत्या करने पहुंचा, तो उस समय भी शबनम उसके सामने आ गयी। इसे देख खुर्शीद का खून खौल उठा और शबनम को गोली मार दी गयी।

खुर्शीद की गिरफ्तारी के लिए बीस दिन तक दिल्ली में कैंप करती रही थी भोजपुर पुलिस

कारोबारी इमरान को दिनदहाड़े गोलियों से छलनी करने वाला खुर्शीद कुरैशी गिरफ्तारी से बचने के लिए करीब साढ़े तीन माह तक भागता रहा था। उस दौरान वह ठिकाना व हुलिया बदलकर भी पुलिस से बचने का प्रयास करता रहा। उसने मोबाइल से भी हरसंभव दूरी बना ली थी। बार-बार अपना मोबाइल नंबर भी बदल रहा था। लेकिन उसी मोबाइल के कारण अंतत: पुलिस के हाथ लग गया था। वैसे तो इमरान की हत्या के बाद से ही पुलिस उसके पीछे पड़ गयी थी लेकिन इमरान की बहन शबनम तारा की हत्या के बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को भी लगा दिया गया था।

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