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झारखंडी कारीगर के बूते रोहतास में चल रही थी मिनी गन फैक्ट्री

नक्सलियों के गढ़ से आया कारीगर दरिगांव में बना रहा था हथियार

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एक दिन में बनते थे दो असलहे, 35 सौ में बिकता था मौत का सामान

अभिषेक कुमार सुमन के साथ पंकज प्रताप मौर्य की रिपोर्ट

सासाराम (Voice4bihar news)। रोहतास जिला के दरिगांव थाना क्षेत्र के कुसुढ़ी गांव में संचालित मिनी गन फैक्ट्री स्थानीय लोगों के संरक्षण में झारखंडी कारीगर विनय यादव उर्फ नंदू विश्वकर्मा की बदौलत चल रही थी, जहां मौत का सामान तैयार हो रहा था। मौत का देशी सामान महज पैंतीस सौ रूपये की लागत से तैयार किया जाता था। स्थानीय संरक्षक सामग्री उपलब्ध कराते थे और झारखंडी कारीगर एक दिन में दो असलहे तैयार कर देता था।

नक्सलियों के गढ़ से दरिगांव आकर मौत का सामान तैयार कर रहे इस कारीगर के बारे में भले हीं पुलिस को इसकी भनक वर्ष 2022 में लगी, लेकिन इस झारखंडी कारीगर का कुसढ़ी गांव के संरक्षणदाताओं से पुराना रिश्ता है। यह कारीगर पूर्व में भी यहां आता जाता रहा है और संरक्षणदाताओं को इसके अवैध हथियार निर्माण में दक्षता की जानकारी भी पूर्व से रही है। शायद इसी वजह से इस हथियार बनाने वाले को अपने गांव में ही पनाह दी और अवैध हथियार को धंधा चल निकला।

बताया जाता है कि अवैध हथियार निर्माण के गुण झारखंडी कारीगर विनय यादव उर्फ नंदू विश्वकर्मा ने बीस-पच्चीस वर्ष की उम्र में हीं अपने बाप-दादा को बनाते देखकर सीख लिया था। इसका खुलासा स्वयं केस डायरी के पारा दस में अभियुक्त पचपन वर्षीय विनय यादव उर्फ नंदू विश्वकर्मा ने की है।

गिरफ्तार कारीगर ने किया गुमराह, पुलिस के गुप्तचर ने दिखायी सही राह

कांड के अनुसंधान में गुप्तचर की भूमिका काफी अहम मानी जाती है। इस मामले में भी गुप्तचर की भूमिका पुलिस के लिए मार्गदर्शक साबित हुई। गिरफ्तार कारीगर नंदू विश्वकर्मा ने पुलिस को प्रथम अनुसंधान में गुमराह करते हुए स्वयं को झारखंड के लातेहार जिला अंतर्गत बडुई ग्राम निवासी स्वर्गीय छटठु यादव के पुत्र विनय यादव के रूप पहचान बताकर अनुसंधान को प्रभावित कर दिया। लेकिन पुलिस को ज्यादा दिन तक गुमराह नहीं कर सका।

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स्थानीय पुलिस ने मामले का अनुसंधान करते हुए 2 माह पश्चात झारखंडी कारीगर की जन्म कुंडली खंगाली तो लातेहार के तत्कालीन थाना प्रभारी राज रोशन सिन्हा ने स्पष्ट तौर पर बताया कि कथित विनय यादव का संबंध लातेहार थाना क्षेत्र में बडुई गांव से नहीं है। 18 अक्टूबर 2022 को जारी पत्रांक 3082 दरिगांव थाना प्रभारी को प्रेषित करते हुए अभियुक्त विनय यादव के नाम पता सत्यापन एवं आपराधिक इतिहास ज्ञात नहीं होने की जानकारी दी। केस डायरी के पारा 105 के मुताबिक अनुसंधान के दौरान गुप्तचर द्वारा विनय यादव का असली नाम नंदू विश्वकर्मा होने की जानकारी दी गई साथ ही पुलिस को बताया गया कि यह लातेहार का नहीं बल्कि गढ़वा जिला के बरडीहा गांव निवासी छठ्ठु विश्वकर्मा का पुत्र है।

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कारीगर सहित अब तक सात हुए गिरफ्तार

मिनी गन फैक्ट्री उद्भेदन के मामले में स्थानीय पुलिस ने झारखंडी कारीगर विनय यादव उर्फ नंदू विश्वकर्मा के अलावे दरिगांव थाना क्षेत्र के‌ कुसुढी निवासी श्रीराम यादव,बडुई निवासी राजू कुमार, शेषनाथ चौधरी, प्रदीप यादव, किसान चौधरी, राम गहन यादव सहित कुल सात लोगों को दबोचकर सलाखों के पीछे धकेल दिया है।

जब्त बाइक महिला के नाम है निबंधित

पुलिस ने घटनास्थल से अर्ध निर्मित हथियार जिंदा कारतूस हथियार बनाने के उपकरण सहित बाइक भी बरामद किया था पुलिस ने मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा करते हुए 20 अगस्त 2022 को दर्ज थाना कांड संख्या 709/22 दर्ज करते हुए अनुसंधान शुरू किया जिसमें जब्त बाईकों की कुंडली खंगालने के दौरान एक बाईक महिला के नाम निबंधित पाई गई है।

हालांकि अब तक पुलिस ने उक्त महिला के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की है। पुलिस अनुसंधान में हुए खुलासे के अनुसार घटनास्थल पर जब्त बाईक बीआर 24 वाई 3096 कुसुढी शेषनाथ चौधरी की पत्नी शांति देवी के नाम जबकि बीआर 24 एडी 7326 बड़ुई निवासी भुनेश्वर सिंह के पुत्र राजू कुमार के नाम पर रोहतास जिला परिवहन कार्यालय में निबंधित है।

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