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मासूम से हैवानियत की मिली सजा, आखिरी सांस तक जेल में ही रहना होगा

8 वर्ष की मासूम से दुष्कर्म मामले में 35 माह बाद आया फैसला

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जब तक वह जिंदा रहेगा, तब तक जेल की सलाखों के पीछे ही रहेगा

मुजफ्फरपुर (voice4bihar desk)। 8 वर्षीया एक मासूम को अपनी हैवानियत का शिकार बनाने वाले एक दरिंदे को न्यायालय ने अंतिम सांस तक जेल की चारदीवारी में कैद रखने की सजा सुनाई है । कोर्ट ने अपने फैसले से साफ संदेश दिया कि ऐसे दरिंदे की समाज में कोई जगह नहीं है । उसे अब ताउम्र जेल में ही गुजारनी पड़ेगी । मतलब जब तक वह जिंदा रहेगा तब तक जेल की सलाखों के पीछे ही रहेगा ।

पॉक्सो कोर्ट के एडिशनल जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक कुमार ने कहा कि आरोपी ने क्रूरता पूर्वक एक जघन्य वारदात को अंजाम दिया है। उसे जिंदगी की आखिरी सांस तक जेल में ही बितानी होगी । अदालत में फैसला सुनाए जाने के दौरान दोषी सुजीत कुमार राम पूरे समय शांत खड़ा रहा और फैसला सुनाए जाने के बाद अदालत से निकलते समय शर्म से अपना चेहरा छुपाता रहा। विशेष पुलिस अभिरक्षा के बीच उसे पेशी के लिए लाया गया था और न्यायालय का फैसला आने के बाद उसे आनन – फानन में जेल ले जाया गया।

अदालत ने अर्थदंड भी लगाया, देने होंगे 10.5 लाख रुपये

न्यायालय ने आरोपी अभियुक्त को आजीवन कारावास के साथ ही 50 हजार रुपये के अर्थदंड की भी सजा सुनाई है । पीड़िता को प्रतिकर के रूप में अर्थदंड की धनराशि के साथ पुनर्वासन के लिए जिला विधिक प्राधिकार को दस लाख रुपये दिए जाने का आदेश दिया है । यहां बताना जरूरी है कि अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना के प्रावधान के तहत अपराध से पीड़ित व्यक्तियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पुनर्वास एवं प्रतिकर की सहायता दिलाई जाती है ।

सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो कोर्ट अजय कुमार ने पीड़िता की तरफ से पक्ष रखा । विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार ने बताया कि मामला जिले के औराई थाना क्षेत्र का है । उन्होंने पॉक्सो कोर्ट के एडिशनल जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक कुमार की अदालत के फैसले को परिभाषित करते हुए कहा कि आरोपी को जिंदगी की अंतिम सांस तक जेल में ही रहना होगा ।

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सामाजिक स्तर पर मामला सुलझाना चाहते थे आरोपित के परिजन

मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव में बुधवार 2 मई 2018 की दोपहर में हुई थी। एक वहशी युवक ने सात वर्षीय बच्ची को बहला फुसलाकर चौर में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। जख्मी अवस्था में बच्ची ने घर आकर मां को सारी बात बताई और मां के साथ आरोपित के घर जाकर उसने आरोपी सुजीत कुमार राम की पहचान की। हालांकि उस समय सामाजिक स्तर पर मामला सलटाने का भी प्रयास किया गया ।

सरपंच पति ने निभाई थी जिम्मेदार नागरिक की भूमिका, पुलिस को दी थी सूचना

इस बीच एक जिम्मेदार नागरिक की हैसियत से सरपंच पति तकी अहमद ने औराई थाने को मामले की जानकारी दी थी । जिसके उपरांत औराई थाना के दारोगा और स्थानीय चौकीदार तेज नारायण आरोपी को पकड़कर औराई थाने ले गए । थाने से जमादार रमाशंकर सिंह, मिथलेश कुमार पीड़ित बच्ची को पीएचसी लेकर पहुंचे, जहां उसकी प्राथमिक चिकित्सा कर डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए एसकेएमसीएच रेफर कर दिया था ।

गांव के लोगों ने एक स्वर में की थी फांसी की सजा की मांग

इस मामले में महिला थाना में पीड़िता के परिजनों के बयान के आधार पर प्राथमिकी 20/2018 दर्ज की गई थी । आरोपी के घर उसके भाई की शादी चार मई को होनी तय थी, जिस दौरान 1 मई 2018 की रात एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। आरोपित युवक ने रात भर शराब पी थी और हंगामा करता रहा था। दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी के खिलाफ स्थानीय ग्रामवासियों ने प्रशासन से एकस्वर में फांसी की सजा देने की मांग भी की थी ।

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