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रवीश कुमार की तरह पत्रकार बनना चाहती है बिहार बोर्ड की स्टेट टॉपर

रामायणी राय ने कहा- पत्रकार के रुप में रविश कुमार ही मेरे आदर्श

बिहार बोर्ड की 10वीं टॉपर रामायणी राय अपने माता-पिता व दादा के साथ।
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बिहार बोर्ड में सेंकेंड टॉपर रही सानिया ने भी दिया हैरान करने वाला बयान

कहा-आज के नेता व अफसरों को गरीबों के दर्द का जरा भी एहसास नहीं

पटना (voice4bihar news)। साल-दर-साल परीक्षाएं होती हैं और परीक्षा के रिजल्ट आने के साथ ही टॉपर्स के सपने कुलांचे मारने लगती है। 10वीं बोर्ड में अव्वल स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं अक्सर डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक व आईएसएस अफसर बनने की तमन्ना जाहिर करते हैं, लेकिन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की 10वीं बोर्ड परीक्षा टॉप करने वाली छात्रा ने अपने एम्बिशन के रुप में एक बड़े पत्रकार का नाम लिया तो स्थानीय पत्रकार भी हैरान रह गए। 10वीं बोर्ड की टॉपर और औरंगाबाद जिले के गोह की रहे वाली रामायणी राय ने एनडीटीवी से जुड़े पत्रकार रवीश कुमार की तरह बड़ा पत्रकार बनने की इच्छा जाहिर की है।

दरअसल, बृहस्पतिवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 10वीं बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया। शिक्षा विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी व प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने परिणाम जारी करते हुए टॉपर्स का ऐलान किया। औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड की रहने वाली रामायणी राय ने 500 के पूर्णांक में कुल 487 अंक हासिल कर स्टेट टॉपर का तमगा हासिल किया। इसके बाद स्थानीय पत्रकारों ने रामायणी के पैतृक निवास पर जाकर बातचीत की और उनका एम्बिशन जानना चाहा।

वही रामायणी ने अपनी सफलता का श्रेय कठिन परिश्रम के अलावा अपने माता-पिता, परिवार व गुरुजनों के सहयोग को देते हुए कहा कि वह आगे की पढ़ाई कर पत्रकार बनना चाहती है। पत्रकार के रुप में रविश कुमार उसके आदर्श है और वह उन्हीं के जैसा पत्रकार बनना चाहती है। आईएएस जैसे चार्मिंग पद को पाने की लालसा की बजाए एक पत्रकार बनने की इच्छा जाहिर कर रामायणी ने अलग नजरिया पेश किया है। इस विषय खासी चर्चा में रही।

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बिहार टॉपर होने पर रामायणी के घर गोह के न्यू एरिया में खुशियों की लहर दौड़ पड़ी। रामायणी के पिता जितेंद्र कुमार उर्फ भोला पेशे से पशु चिकित्सक हैं, जबकि मां किरण कुमारी गृहिणी हैं। रामायणी के दादा राजद नेता रामअयोध्या यादव और माता-पिता भी उसकी सफलता से आह्लादित है। वे कहते हैं कि रामायणी ने उनके मस्तक को ऊंचा किया है और परिवार का सम्मान बढ़ाया है। रामायणी के शिक्षकों व शुभचिंतकों की तरफ से भी बधाइयों का तांता लगा है।

सेंकेंड टॉपर सानिया बोली- बड़े पद पर बैठे नेता-अफसर को गरीबों की चिंता नहीं

बिहार बोर्ड की 10वीं परीक्षा में सेकेंड टॉपर रही नवादा की सानिया कुमारी का बयान भी चौंकाने वाला रहा। 500 के पूर्णांक में कुल 486 अंक हासिल कर सेकेंड स्टेट टॉपर बनी सानिया ने प्रशासनिक अधिकारी बनने की इच्छा जाहिर की है। सानिया ने कहा कि वह प्रशासनिक सेवा में अधिकारी बनकर गरीबों के उत्थान में अपना सहयोग करना चाहती है। बातचीत के दौर में सानिया ने कुछ ऐसी बातें कह डाली जो वर्तमान सिस्टम पर सीधे सवाल खड़ा करता है।

बिहार में 10वीं बोर्ड परीक्षा की सेकेंड टॉपर सानिया कुमारी अपने परिवार के साथ।
बिहार में 10वीं बोर्ड परीक्षा की सेकेंड टॉपर सानिया कुमारी अपने परिवार के साथ।

उसने कहा कि आज भी बड़े पदों पर बैठे अधिकारी व नेता गरीबों की चिंता नहीं कर रहे हैं। अपनी आरामदायक शैली में मग्न होकर जीवन जी रहे हैं। उनके दिलों में जरा भी गरीबी के दर्द का एहसास नहीं होता। सानिया ने साफ तौर पर कहा कि जो भी गरीब परिवार के लोग एसपी-डीएम बनकर आते हैं, वे अपनी मौज मस्ती व अपने पद के अहंकार में डूब जाते हैं और कभी गरीबों की चिंता नहीं करते। शीशा बंद वातानुकूलित गाड़ियों में चलने व आराम का जीवन जीने वाला अधिकारी कभी गरीबों का कल्याण नहीं कर सकता। इसलिए मैं भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहकर भी गरीबों की सेवा में अपने आप को न्योछावर कर दूंगी।

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