नेपाल में पोस्ता दाना की खपत नहीं, फिर किसके लिए मंगाये जा रहे अफीम के बीज!
नियमों को ताक पर रखकर पोस्ता दाना का भारी मात्रा में आयात
भारत समेत अन्य पड़ोसी देशों में तस्करी का जताया जा रहा अंदेशा
पूर्व डीआईजी ने कहा- नेपाल का यह कदम तस्करी को बढ़ावा देने वाला
उद्योग विभाग के प्रवक्ता ने कहा-कानूनी प्रक्रिया क्या है मुझे जानकारी नहीं
राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट
जोगबनी (voice4bihar news)। बिना खपत के बड़े पैमाने पर नेपाल में मंगाई जा रही अफीम बीज / पप्पी सीड / पोस्ता दाना की खेप भारत समेत अन्य पड़ोसी देशों के लिए चिंता का सबब हो सकता है। नेपाल के रास्ते भारत में इन दिनों पप्पी सीड (अफीम के बीज) की तस्करी से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि नेपाल में इसकी खपत नहीं के बराबर है। जबकि बाकायदा नेपाल सरकार के उद्योग, वाणिज्य तथा आपूर्ति मंत्रालय की स्वीकृति के साथ 163 टन ( एक लाख 63 हजार पांच सौ किलोग्राम ) अफीम के बीज नेपाल में मंगाये गए हैं।
बड़े पैमाने पर आयातित कुल पोस्ता दाना की कीमत 12 करोड़ 21 लाख 50 हजार रुपये बतायी जा रही है। मंत्रालय के अनुसार दो हजार मीट्रिक टन सीड आयात के लिए स्वीकृति दी गयी है। मंत्रालय के अनुसार , टर्की से आयात करने की स्वीकृति देने के बाद पिछले तीन महीने से इसका आयात हो रहा है। यहां चौकाने वाली बात यह है कि अफीम बीज का यह आयात संयुक्त राष्ट्रसंघ के ऑफिस अन ड्रग्स क्राइम के अन्तर्गत आने वाले इंटरनेशनल नारकोटिक्स कन्ट्रोल बोर्ड (आइएनसीबी) की मंजूरी के बगैर ही किया जा रहा है।
क्या है अफीम के बीच का आयात-निर्यात नियम?
सूत्रों का दावा है कि यूएन ट्रिटी सेरिज वल्यूम 520 के नंबर 7515 व रिपोर्ट ऑफ इंटरनेशनल नारकोटिक्स कन्ट्रोल बोर्ड 1995 के अनुसार बोर्ड की मंजूरी के बाद ही कोई देश पप्पी सीड का उत्पादन कर सकता है। संबंधित देश की ओर से गठित उच्च स्तरीय बोर्ड की निगरानी में ही सीड उत्पादन कर सकता है। निर्यात के लिए भी यही नियम लागू है, जिसमें निर्यात किये जाने वाले देश का नाम भी बोर्ड को बताना आवश्यक है।
टर्की से नेपाल में मंगाया जाता है पोस्ता दाना
वस्तुस्थिति यह है कि टर्की ने पप्पी सीड उत्पादन करने की अनुमति कन्ट्रोल बोर्ड से ली है, लेकिन उत्पादित सीड नेपाल में निर्यात के लिए टर्की ने बोर्ड की मंजूरी ली है अथवा नहीं, इसकी जानकारी नेपाल के उद्योग मंत्रालय को भी नहीं है। इस बाबत मंत्रालय के सूचना अधिकारी कहते हैं कि अफीम सीड आयात के लिए अनुमति देते वक्त तत्कालीन उद्योग मन्त्री लेखराज भट्ट थे।
पिछले वित्तीय वर्ष में मिली थी आयात की मंजूरी
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दूसरी ओर उद्योग मंत्रालय के प्रवक्ता डा. नारायण प्रसाद रेग्मी ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में दो हजार मीट्रिक टन अफीम बीज आयात के लिए मंजूरी मिली है। आयात के लिए कानूनी पक्ष क्या है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। इसकी स्वीकृति इंटरनेशनल नारकोटिक्स कन्ट्रोल बोर्ड से मिली है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है। डा . नारायण प्रसाद रेग्मी ने कहा कि पप्पी सीड आयात के लिए एक बार स्वीकृति दी गयी थी। यह पिछले वित्तीय वर्ष का निर्णय है। उसी निर्णय के आधार पर पप्पी सीड का आयात हो रहा है।
अफीम के पौधे से ही निकलता है हेरोइन
उल्लेखनीय है कि अफीम के पौधे से ही हेरोइन बनता है, लेकिन इसके बीज का प्रयोग मसाला में होता है लेकिन नेपाल में हो रहे कुल आयात के 2 प्रतिशत अफीम के बीज का ही खपत होता है। खासकर मिठाई में इसका प्रयोग किया जाता है, लेकिन नेपाल सरकार के द्वारा एक साथ इतनी मात्रा में आयात की अनुमति देना आश्चर्य विषय है।
तस्करी को बढ़ावा देने वाला कदम
नेपाल के पूर्व डीआईजी तथा रक्षा विशेषज्ञ हेमन्त मल्ल के अनुसार इतनी भाड़ी मात्रा में पोस्ता दाना मंगाने की अनुमति देना तस्करी को बढ़ावा देना है। इनके अनुसार पप्पी सीड नेपाल में नहीं के बराबर खपत है। यह नेपाल में सिर्फ अनरसा मिठाई में प्रयोग किया जाता है, जिसका उत्पादन नहीं के बराबर है। दो हजार मीट्रिक टन पप्पी सीड की स्वीकृति देना ही तस्करी को बढ़ावा देना है।
डीआईजी मल्ल के अनुसार- पप्पी सीड की खपत सबसे ज्यादा भारत के हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में होता है। यहां मिठाई, मसलेदार सब्जी के लिए बड़े पैमाने पर प्रयोग होता है। इनके अनुसार नेपाल से भारत के इन्हीं प्रदेश में तस्करी के माध्यम से भेज कर अफीम बीज की खपत होती है। इनका दावा है कि नेपाल में आयातित सभी पप्पी सीड को सीमा क्षेत्र में ही स्टोर किया गया है, जिससे इसकी पुष्टि भी होती है।
पहले पाकिस्तान से मंगाया जाता था पोस्ता दाना, तब भी होती थी तस्करी
पूर्व डीआईजी हेमंत मल्ल के अनुसार, विगत वर्षों में भी पाकिस्तान से पप्पी सीड का नेपाल में आयात किया जाता था। तब भी नेपाल से भारत में तस्करी होती थी। पोस्ता दाना तस्करी की लगातार शिकायतें मिलने के बाद नेपाल पुलिस के तत्कालीन नारकोटिक्स नियन्त्रण महाशाखा (अभी नारकोटिक्स नियन्त्रण ब्यूरो) ने विशेष ऑपरेशन चला कर तस्करों की कमर तोड़ दी थी। अब फिर टर्की से मंगाये जा रहे पोस्ता दाना का मकसद तस्करी को बढ़ावा देना हो सकता है।
भारत में पोस्ता दाना के आयात पर सख्ती
भारत के राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश व बिहार में पप्पी सीड की खपत काफी है। विशेष कर शादी पार्टी के समय भोज में मसलेदार खाना व मिठाई में इसका प्रयोग होता है। इसके लिए भारत सरकार ने किसान को नियन्त्रित मात्रा में पप्पी सीड की खेती करने की अनुमति दी गयी है, लेकिन आयात पर काफी सख्ती है। खेती के लिए भारत में भी सेन्टर ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स से अनुमति लेनी पड़ती है। इसी की निगरानी में किसान खेती करते हैं। आंकड़े के अनुसार भारत में प्रत्येक वर्ष 25 हजार से 30 किसानों को इसकी खेती की अनुमति दी जाती है।
नेपाल के रास्ते भारत होती रही है पोस्ता दाना की तस्करी
पूर्व डीआईजी हेमन्त मल्ल की मानें तो जिस चीज का उपयोग नेपाल में है ही नहीं, उसको नेपाल में एक साथ दो हजार मीट्रिक टन आयात की अनुमति देना सीधे-सीधे नेपाल से तस्करी के जरिये भारत भेजा जाता है। दूसरी ओर नेपाल सरकार के उद्योग मंत्रालय के प्रवक्ता डा. नारायण प्रसाद रेग्मी ने कहा कि पप्पी सीड आयात के लिए एक बार अनुमति दी गई है। आयात के लिए कानूनी पक्ष क्या है, मुझे जानकारी नहीं। इंटरनेशनल नारकोटिक्स कन्ट्रोल बोर्ड ने स्वीकृति दी है कि नहीं, इसकी जानकारी भी हमें नहीं है।