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पंचायत चुनाव : मुखिया-सरपंच व बीडीसी उम्मीदवार सिर्फ दो मोटरसाइकिल पर करेंगे प्रचार, वार्ड सदस्य व पंच को सिर्फ एक बाइक

राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी की पंचायत चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता, कोरोना प्रोटोकॉल के साये में होगा चुनाव

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जिला परिषद सदस्य के उम्मीदवार दो चारपहिया अथवा चार दोपहिया वाहन में करेंगे चुनाव प्रचार

मतदान के दिन होगी पूरी सख्ती, प्रत्याशी व उनके पोलिंग एजेंट को नहीं मिलेगे अलग-अलग वाहन

पटना (voice4bihar news)। बिहार में पंचायत चुनाव का बिगुल मंगलवार को बजने वाला है लेकिन इससे पूर्व ही निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता जारी कर प्रत्याशियों व चुनाव से जुड़े कर्मियों के लिए नियम तय कर दिये हैं। कोविड गाइडलाइंस के तहत होने वाले इस चुनाव में ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि ज्यादा तामझाम व दिखावा की गुंजाइश नहीं रहेगी। चुनाव प्रचार एवं नामांकन के दौरान गाड़ियों का काफिला लेकर पहुंचने वाले प्रत्याशियों पर इस बार सख्ती रहेगी। मतदान के दौरान भी सीमित गाड़ियों के इस्तेमाल की इजाजत होगी।

चुनाव प्रचार के लिए वाहनों की संख्या निर्धारित

आदर्श आचार संहिता के अनुसार चुनाव प्रचार के लिए ग्राम पंचायत के सदस्य एवं ग्राम कचहरी के पंच पद के प्रत्याशी सिर्फ एक दुपहिया मोटर वाहन का इस्तेमाल करेंगे। मुखिया, सरपंच एवं पंचायत समिति सदस्य पदों के प्रत्याशी को दो दुपहिया मोटर वाहन अथवा एक हल्के मोटरवाहन (Light motor vehicle) की अनुमति मिलेगी। इसी तरह जिला परिषद सदस्य पद के अभ्यर्थी को अधिकतम चार दुपहिया वाहन अथवा दो हल्के मोटरवाहन या दो दुपहिया वाहन तथा एक हल्का मोटर वाहन दौड़ाने की अनुमति मिलेगी।

मतदान के दिन पैदल ही मार्च करेंगे वार्ड सदस्य व पंच प्रत्याशी

मतदान के दिन एक बूथ से दूसरे बूथ पर जाने के लिए भी जिला परिषद, पंचायत समिति सदस्य, मुखिया व सरपंच को गाड़ी की अनुमति होगी, लेकिन पंच व वार्ड सदस्य को पैदल ही घूमना होगा। जिला परिषद सदस्य पद के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार सिर्फ एक हल्का मोटर वाहन (Light motor vehicle) का इस्तेमाल क्षेत्र भ्रमण के लिए कर सकेंगे। यह गाड़ी सिर्फ प्रत्याशी अथवा उनके एक पोलिंग एजेंट ही इस्तेमाल कर सकेंगे। पंचायत समिति सदस्य (BDC) उम्मीदवार को चालक सहित एक दुपहिया वाहन की अनुमति होगी। वह भी सिर्फ प्रत्याशी व उनके निर्वाचन अभिकर्ता में से किसी एक के लिए ही होगा।

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इसी तरह मुखिया व सरपंच पद के प्रत्याशी भी एक दुपहिया वाहन पर चालक के साथ क्षेत्र में एक बूथ से दूसरे बूथ पर जा सकेंगे। यह वाहन उनके पोलिंग एजेंट के लिए भी होगा। इससे अलग किसी अन्य वाहन की अनुमति उन्हें नहीं मिलेगी। ग्राम पंचायत सदस्य एवं पंच प्रत्याशियों के लिए किसी भी मोटर वाहन (बाइक या कार) की अनुमति नहीं होगी। यहां यह भी स्पष्ट किया गया है कि अभ्यर्थी अथवा निर्वाचन अभिकर्ता में से किसी एक को ही वाहन का परमिट दिया जाएगा।

निर्वाची पदाधिकारी जारी करेंगे वाहनों की परमिट

चूंकि पंचायत चुनाव में कई पदों के लिए चुनाव होता है, जिसके कारण उम्मीदवारों की संख्या भी अधिक हो जाती है। ऐसे में विधि व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से वाहनों के परिचालन पर सख्ती का निर्देश स्थानीय प्रशासन को दिया गया है। उम्मीदवारों को वाहन के लिए परमिट संबंधित निर्वाची पदाधिकारी जारी करेंगे। निर्वाची पदाधिकारी की ओर से जारी अनुमति पत्र/परमिट की मूल प्रति अभ्यर्थी या उनके निर्वाचन अभिकर्ता अपने वाहन के विन्ड स्क्रीन पर चिपकाएंगे।

अतिरिक्त वाहन का इस्तेमाल किया तो जब्त होगी गाड़ी

यह भी चेतावनी दी गयी है कि परमिट प्राप्त वाहन के अतिरिक्त कोई भी उम्मीदवार या उसके निर्वाचन अभिकर्ता अन्य किसी भी प्रकार के वाहन का परिचालन नहीं करेंगे। बिना परमिट के वाहन का परिचालन किए जाने पर उसे तुरंत जप्त कर लिया जाएगा तथा उक्त अभ्यर्थी को किसी दूसरे वाहन का परमिट नहीं दिया जाएगा। निर्देशों की अवहेलना के आरोप में संबंधित अभ्यर्थी पर संगत विधानों के अधीन मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।

11 चरणों में होगा पंचायत चुनाव, 25 अगस्त से पहले चरण का नामांकन

स्टेट कैबिनेट से मंजूर चुनाव कार्यक्रम के अनुसार पहले चरण का मतदान आगामी 24 सितम्बर को होगा। दूसरे चरण का 29 सितम्बर, तिसरे चरण का 08 अक्टूबर, चौथे चरण का 20 अक्टूबर, पांचवें चरण का 24 अक्टूबर, छठे चरण का 03 नवंबर, सातवें चरण का 15 नवम्बर, आठवें चरण कर 24 नवम्बर, नौवें चरण का 29 नवम्बर, 10वें चरण का 08 दिसम्बर तथा 11वें चरण का 12 दिसम्बर को मतदान होगा। इसके लिए जिला परिषद सदस्य पद के लिए अनुमंडलाधिकारी को निर्वाची पदाधिकारी बनाया गया है, जबकि शेष पदों के निर्वाची पदाधिकारी बीडीओ होंगे।

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