Header 300×250 Mobile

इलाके में मिलने वाले औषधीय पेड़-पौधों को किया जाएगा सूचीबद्ध, बिक्री पर मिलेगी रॉयल्टी

सासाराम में होगा जैव विविधता प्रबंधन समितियों का एकदिवसीय प्रशिक्षण

- Sponsored -

231

- sponsored -

- Sponsored -

वृक्ष, झाड़ियां, जड़ी-बूटी, कंद, घास व लताओं के बारे में तैयार होगी डॉक्यूमेंट्री

पालतू जानवरों, औषधीय पादपों एवं अन्य उत्पादों के बाजार का भी रहेगा उल्लेख

सासाराम से बजरंगी कुमार की रिपोर्ट

Voice4bihar News. प्रकृति में जैव विविधता का संरक्षण, उनके अवयवों का पोषणीय उपायोग तथा जैविक स्रोतों व पारंपरिक ज्ञान को बढ़ावा देने के मकसद से गठित जैव विवधता प्रबंधन समितियों का एकदिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद की ओर से 2 मार्च 2023 को सासाराम स्थित मल्टीपर्पस हॉल (इनडोर स्टेडियम) में सुबह 11:30 बजे यह प्रशिक्षण प्रारंभ होगा। ग्राम पंचायत, प्रखंड व जिला स्तर पर गठित जैव विवधता प्रबंधन समितियों की ट्रेनिंग के लिए रोहतास वन प्रमंडल पदाधिकारी (DFO) को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।

प्रशिक्षण में क्या है विशेष

विज्ञापन

एक दिवसीय प्रशिक्षण का व्यापक उद्देश्य है। इसके जरिये औषधीय पेड़-पौधों समेत जीव-जंतु, इमारती लकड़ियों को सूचीबद्ध किया जाएगा। वृक्ष, झाड़ियां, जड़ी-बूटी कंद-मूल, घास, लताओं की डॉक्यूमेंट्री तैयार की जाएगी। पालतू जानवरों, औषधीय पादपों एवं अन्य उत्पादों के बाजार का भी डॉक्यूमेंट्री में उल्लेख रहेगा। पंचायत स्तर पर पाए जाने वाले पेड़, पौधों, लताओं के साथ ही मानवीय और पशुधन उत्पादों के औषधीय उपयोग की जानकारी दी जाएगी। इतना ही नहीं, सूचीबद्ध ग्रामीण उत्पादों की खरीद बिक्री पर समिति को रायल्टी मिलेगी।

जैव विविधता पर डॉक्यूमेंट्री में होगा औषधीय पेड़ पौधों का ब्योरा

प्राप्त जानकारी के अनुसार समिति के सदस्य लोक जैव विविधता पंजिका में कृषि जैव विविधता जैसे फसलीय पौधे, फलदार पौधे, चारे की फसल, खरपतवार, फसलों की कीट, पालतू जानवरों के लिए बाजार, पलायन करने वाले लोगों से जुड़ी जानकारी, भूदृश्यवालियां, जल दृश्य, मृदा प्रकार, फलदार वृक्ष, औषधीय पौधे, सजावटी पौधे, इमारती लकड़ियों के पौधे, पालतू जानवर, मत्स्य पालन, औषधीय पादप व अन्य उत्पादों के लिए बाजार बनने, जैव विविधता के तहत वृक्ष झाड़ियां, जड़ी-बूटी, कंद, घास, लताएं आदि की जानकारी डॉक्यूमेंट्री में उल्लेखित करेंगे। साथ ही अन्य पौधों की प्रजातियों का भी उल्लेख रहेगा।

जलीय जैव विविधता, महत्वपूर्ण जलीय पौधों की प्रजातियां, औषधीय उपयोग वाले वन्य पादप, फसलों के जंगली संबंधी, सजावटी पौधे की जानकारी रहेगी। वन्य प्राणी जैसे स्तनधारी, पक्षी, सरीसृप, उभयचर, कीट के अलावा वनस्पतियां जीव जंतु के उत्पाद का औषधीय प्रयोग भी डॉक्यूमेंट्री में उल्लेखित किया जाएगा। उत्पाद मिलने वाले क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति की भी जानकारी रहेगी।

डीएफओ बोले– डॉक्यूमेंट्री तैयार करेंगी पंचायत स्तर की जैव विविधता प्रबंधन समितियां

डीएफओ सह नोडल पदाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि डॉक्यूमेंट्री तैयार करने का काम पंचायत स्तर की जैव विविधता प्रबंधन समिति करेगी। इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। समिति के अध्यक्षों को इससे जुड़ी ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसको लेकर बिहार राज्य जैव विविधता पार्षद पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा दो मार्च को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराई गई है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्राम पंचायत प्रखंड एवं जिला स्तर पर गठित जय विविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्ष शामिल होंगे।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

ADVERTISMENT