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‘हॉकी के जादूगर’ मेजर ध्यानचंद को “भारत रत्न सम्मान” नहीं देना हर भारतीय का अपमान : रवि मौर्य

राष्ट्रीय खेल दिवस पर शिद्दत से याद किये गए मेजर ध्यानचंद, जयंती पर दी गयी भावभीनी श्रद्धांजलि

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देश को प्रतिष्ठा दिलाने वाले की उपेक्षा पर वक्ताओं ने जताया क्षोभ, चरणबद्ध आंदोलन करेगा मौर्यशक्ति

खेल दिवस व खेल रत्न सम्मान के रूप में सरकार ने की प्रतिष्ठा, लेकिन अभी कसर बाकी : स्वामी

सासाराम (voice4bihar news)। भारत को ओलंपिक खेलों में तीन बार स्वर्ण पदक दिलाने वाले हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर उन्हें शिद्दत से याद किया गया। मेजर को चाहने वालों ने राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। साथ ही विलक्षण खेल प्रतिभा की बदौलत दुनिया में पहचान बनाने वाले ध्यानचंद की उपेक्षा पर सवाल उठाये। क्षोभ इस बात का रहा कि देश को अमिट पहचान दिलाने वाले को सर्वोच्च नागरिकता पुरस्कार भारत रत्न से क्यों वंचित रखा गया?

रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम स्थित कुशवाहा सभा भवन में रविवार को जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता कुशवाहा सभा भवन के उपाध्यक्ष निर्भय कुमार सिंह ने की। कार्यक्रम का संचालन सत्यनारायण स्वामी ने किया। समारोह में आए आगत अतिथियों का स्वागत कुशवाहा सभा भवन के सचिव सियाराम सिंह ने किया। उपस्थित लोगों ने मेजर ध्यानचंद के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किया और खेल के क्षेत्र में मेजर के योगदान व राष्ट्र प्रेम को याद किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मौर्य शक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि मौर्य ने कहा कि विश्व भर में अपने हुनर का परचम लहराने वाले मेजर ध्यानचंद सही मायने में हॉकी के जादूगर रहे। वे अपने समय में एक भी मैच नहीं हारे। खेलों के महाकुंभ ओलंपिक में तीन-तीन बार भारत को गोल्ड मेडल दिलाया, ऐसे खिलाड़ी को भारत को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार “भारत रत्न” नहीं देना दुखद है। यह संपूर्ण खेल जगत सहित पूरे भारतीयों का अपमान है।

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शताब्दी के सबसे महान खिलाड़ियों में एक हैं मेजर ध्यानचंद

श्री मौर्य ने कहा कि मेजर के जन्मदिन पर आज में भारत सरकार से मांग करता हूं कि जल्द ही उन्हें भारत रत्न सम्मान से नवाजा जाये। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिलाने के मकसद से हमारा संगठन जल्द ही चरणाबध्द आंदोलन करेगा। दूसरी ओर रोहतास बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रविन्द्र प्रसाद सिंह ने पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मेजर ध्यानचंद शताब्दी के सबसे महान खिलाड़ियों में एक थे। ऐसी विभूति के नाम पर रोहतास रेल स्टेडियम का नाम मेजर ध्यानचंद स्टेडियम करने की मांग करता हूं।

मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार की घोषणा स्वागत योग्य कदम

संचालन कर्ता सत्यनारायण स्वामी ने बताया कि खेल की दुनिया में भारत का प्रथम बार नाम विश्व पटल पर लाने वाले मेजर ध्यानचंद को भारत सरकार ने सर्वश्रेष्ठ खेल पुरस्कार के लिए मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार नाम रखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह स्वागत योग्य कदम है, लेकिन यह सम्मान काफी नहीं है। इसके पहले मनमोहन सिंह की सरकार ने वर्ष 2012 में मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन को प्रतिवर्ष खेल दिवस के रूप में मनाने का फैसला कर सम्मान दिया था।

समारोह में पधारे अन्य वक्ताओं ने कहा कि मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन खेल से जुड़ी हस्तियों को विभिन्न खेल पुरस्कारों से नवाजा जाता है, लेकिन मेजर ध्यानचंद को सर्वोच्च सम्मान मिलना अभी बाकी है। अन्य वक्ताओं में शिव कुमार सिंह, जगदीश सिंह तर्कशील, अजय कुशवाहा, रामकृपाल महतो, ललित कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह, रामनरेश सिंह व जितेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए।

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