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सीमा पर अवैध हथियार की तस्करी ने बढ़ाया अपराध का ग्राफ

नेपाल बॉर्डर से सटे फारबिसगंज में ताबड़तोड़ हत्याओं से सहमे नागरिक

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  • अपराधियों के हौसले बुलंद, क्या फारबिसगंज अब सुरक्षित नहीं ?

जोगबनी/अररिया (voice4bihar)। हाल के दिनों में भारत नेपाल सीमा पर हथियारों की तस्करी के कई मामले सामने आने के बाद अब इन हथियारों का इस्तेमाल ताबड़तोड़ वारदातों में होने लगा है। फारबिसगंज में लगातार अपराधियों का तांडव जारी है। विगत दो दिनों के अंदर जिस तरीके से बेखौफ अपराधियों ने पुलिस को चुनौती देते हुए वारदातों को अंजाम दिया, वह इसी बात का संकेत है। शहर के अतिब्यस्त संवेदनशील जगह रजिस्ट्री ऑफिस से महज पचास मीटर की दूरी पर एक शख्स को गोली मार कर चलते बने। यह घटना कहीं न कहीं पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। हालांकि पिछले दिनों हुए चावल व्यवसायी हत्याकांड के उद्भेदन का पुलिस ने दावा जरूर किया है।

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उल्लेखनीय है कि रजिस्ट्री ऑफिस के पास हुई वारदात में  मृतक जोगबनी निवासी रामनारायण साह जोगबनी के जमींदारों में से एक बड़े नाम के रूप में जाने जाते थे। वैसे तो यह हत्या जमीन बिक्री की रजिस्ट्री से जुड़ा बताया जाता है, लेकिन असल में यह घटना कई बिंदुओं की तरफ इशारा करता है। मृतक के भांजे जेई विजय कुमार की मानें तो हत्या घरेलू विवाद में हुई है। यदि इन दोनों तर्को को मान भी लें तो हत्या में प्रयुक्त अवैध हथियार कहां से आया?

सवाल यह उठता है कि क्या फारबिसगंज सहित सीमाँचल में अवैध हथियार का कारोबार बढ़ा है? क्या पुलिस का खुफिया तंत्र हथियारों की अवैध आवाजाही रोकने में विफल है? ऐसे सवाल अब लोगों के जेहन में उठ रहे हैं, क्योंकि पुलिस एक तरफ चुस्त दुरुस्त होने का दावा करती है, वही दूसरी तरफ अपराधी अति संवेदनशील इलाके में गोलीबारी की घटना को अंजाम देकर आराम से निकल जाते हैं। रजिस्ट्री ऑफिस जैसे ब्यस्त इलाके में पुलिस की चौकसी न होना, घटना के बाद पुलिस का सक्रिय होना लोगों की आशंका को और गहरा करता है।

हवा हथियार लहराते हुए तीन को एसएसबी ने किया था गिरफ्तार
अवैध हथियार का भंडारण लोगों के पास किस तरीके से हो रहा है, कहां से पहुँच रहा है, इस मामले का उद्भेदन करने में पुलिस आज तक सफल नहीं हुई है। पिछले दिनों ही बाइक पर सवार जोगबनी के तीन युवक खुलेआम हथियार लहराते दिखे थे। जिसकी सूचना पर जोगबनी मुख्य बाजार के ही तीन युवकों को एएसएसबी ने हिरासत में लिया था लेकिन पुलिस अब तक न तो हथियार के सप्लायर का उद्भेदन कर पाई है, न ही लगातार हो रही गोलीबारी की घटनाओं पर नकेल कस पायी।

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