बिहार केसरी श्रीबाबू से नीतीश की तुलना पर भड़के तेजस्वी
श्रीकृष्ण सिंह जयंती समारोह में नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कसा तंज
कहा- विचारधारा व सिद्धांतों से समझौता करने वालों की तुलना श्रीबाबू से करना गलत
शेखपुरा (voice4bihar news) । बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री स्वतंत्रता सेनानी डॉ. श्री कृष्ण सिंह की जयंती के मौके पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि कुछ लोग बिहार केसरी से तुलना कर रहे हैं, जो गलत है। बिहार केसरी विचारधारा, सिद्धांत और नीति के साथ चलते थे। कभी समझौता नहीं किया, परंतु वर्तमान में सिद्धांतों से समझौता करने वाले लोग हैं। तेजस्वी का इशारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर था, जिन्होंने वर्तमान सरकार की कार्यशैली को श्रीकृष्ण सिंह की सरकार के समान बताया था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी बिहार केसरी से अपनी तुलना
दरअसल श्रीकृष्ण सिंह की जयंती पर एक समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की तुलना श्री बाबू की सरकार से करते हुए दोनों को समान बता दिया। नीतीश कुमार ने कहा कि श्री बाबू उन राष्ट्रनायकों में से एक थे, जिन्होंने अंग्रेजों की चाल को नाकाम कर दिया। आजादी के वक्त ही बिहार व बंगाल के इलाके को जमींदारों ने अंग्रेजी हुकूमत से सेटलमेंट करा लिया था। ऐसे में जमींदारी प्रथा को खत्म करना आसान नहीं था। श्री बाबू ने अपने सहयोगियों के विरोध की परवाह नहीं करते हुए खुद की कलम से इस कुप्रथा का अंत किया था।
आज के हालात भी ठीक श्रीकृष्ण सिंह के कार्यकाल की तरह
श्री कुमार ने कहा कि जिस तरह से उद्योगों की स्थापना के साथ कृषि का विकास श्री बाबू किया था, उसी तरह वर्तमान सरकारी भी कर रही है। हमारी सरकार भी श्री बाबू के आदर्शों पर चल रही है। आज के हालात भी ठीक श्रीकृष्ण सिंह के कार्यकाल की तरह हैं। सभी लोग अमन-चैन के साथ अपने-अपने कार्यों में लगे हुए हैं और सरकार सभी लोगों के विकास के लिए प्रयत्नशील है। सीएम नीतीश कुमार के इस दावे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ऐतराज जताया।
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पहले महंगाई डायन थी, अब भाजपा की महबूबा
दूसरी ओर शेखपुरा के बरबीघा में आयोजित जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत कर रहे राष्ट्रीय जनता दल के नेता एवं प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री की बातों का सीधा विरोध किया। नेता प्रतिपक्ष ने बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कई बातें कही। जिसमें नल-जल में कथित घोटाले समेत कई आरोपों का जिक्र था। देश में बढ़ती महंगाई पर बोलते हुए तेजस्वी ने कहा कि भाजपा के लिए पहले महंगाई डायन थी, अब महबूबा हो गई। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग भी अब नीतीश जी नहीं उठाते।
पूरी रिसर्च के बाद किया था 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा
तेजस्वी ने कहा कि चुनाव में हमने 10 लाख सरकारी नौकरी का भरोसा दिया गया था। विभिन्न जगहों पर पद खाली हैं, जिसका हमने पूरा रिसर्च किया था। नीतीश कुमार के राज में बेरोजगारी के है। सरकारी नौकरी हो या प्राइवेट काम , बिहार से बाहर पलायन करना मजबूरी है। सबको साथ लेकर चलने का वादा करते हुए तेजस्वी ने कहा कि आप लोग एक कदम बढ़ाइए तो मैं चार कदम बढ़ाउंगा। तेजस्वी ने कहा कि मैं नई सोच का व्यक्ति हूं और नई सोच के साथ आगे बढ़ना चाहता हूं। शिक्षा, नौकरी इत्यादि के साथ-साथ विकास की बातें कर रहा हूं। बिहार की तरक्की की बात सोच कर आगे बढ़ना है।
महापुरुष थे श्री बाबू, जिनकी जीवनी से सीख लेने की जरूरत : तेजस्वी
जिला राष्ट्रीय जनता दल की ओर से बरबीघा के श्रीकृष्ण रामरचि कॉलेज में रविवार को आयोजित समारोह में तेजस्वी ने कहा कि बिहार केसरी स्वतंत्रता सेनानी महापुरुष रहे हैं। प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में बहुत काम किया। श्री बाबू से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उनके पथ पर चलने का प्रयास करूंगा। तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह के नाम पर मुंगेर विश्वविद्यालय का नाम होना चाहिए। वर्तमान सरकार ऐसा नहीं कर रही है। इस मुद्दे को शीतकालीन सत्र में विधानसभा में उनके द्वारा उठाया जाएगा।