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शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती आज पहुंचेंगे नेपाल

तीन वर्षों के बाद तीन दिनों के औपचारिक नेपाल भ्रमण पर जाएंगे हिन्दू धर्मगुरु

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सोमवार की सुबह 11 बजे महेन्द्र सभागृह में सनातन धर्म सम्मेलन को करेंगे सम्बोधित

उड़ीसा राज्य स्थित गोबर्धन मठ, पुरी पीठ के शंकराचार्य हैं स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती

जोगबनी (voice4bihar news)। हिन्दू धर्मगुरु स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती तीन दिन के औपचारिक नेपाल भ्रमण में रविवार को भैरहवा के रास्ते नेपाल पहुंचेंगे। वे चार शंकराचार्य पीठों में से एक उड़ीसा स्थित गोबर्धन मठ, पुरी पीठ के शंकराचार्य हैं। अंतरराष्ट्रीय समाचार संस्था आसियान इंटरनेशनल जर्नलिस्ट कॉउंसिल को शंकराचार्य के नेपाल भ्रमण से संबंधित उपलब्ध कराई गयी कार्य तालिका के अनुसार स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती यहां तीन दिनों तक रुकेंगे।

सोमवार व मंगलवार को महेन्द्र सभागृह में आयोजित अलग-अलग दो धार्मिक कार्यक्रमों में स्वामी निश्चलानंद सरस्वती शिरकत करेंगे। यहां हिन्दू धर्म से संबंधित संघ संस्था के पदाधिकारी एवं धर्मावलंबियों से भेंटवार्ता करने का कार्यक्रम है। यहाँ बता दें कि शंकराचार्य के चार पीठों में मध्ये पुरी पीठ ही नेपाल के धार्मिक सांस्कृतिक मामले को देखता है।

तीन वर्ष पूर्व भी नेपाल आये थे शंकराचार्य निश्चलानन्द सरस्वती

चार पीठों में सबसे वरिष्ठ माने जाने वाले शंकराचार्य निश्चलानन्द तीन वर्ष पहले भी नेपाल भ्रमण पर आये थे। उस वक़्त निवर्तमान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के आमंत्रण पर आठ दिनों तक नेपाल भ्रमण किया था। इस भ्रमण में पुरी शंकराचार्य की तरफ से पशुपतिनाथ मंदिर के मूल भट्ट रावलगणेश भट्ट के द्वारा पशुपतिनाथ मंदिर में अभिषेक कराया गया था। साथ ही प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली व शंकराचार्य निश्चलानन्द सरस्वती ने एक ही मंच से संबोधित किया गया था।

हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग करते रहे हैं स्वामी निश्चलानन्द

पुरी के शंकराचार्य ने तीन वर्ष पहले नेपाल के पूर्वराजा ज्ञानेन्द्र शाह को पुरी में आमंत्रित किया था। इसके एक वर्ष पूर्व इन्होंने नेपाल, भूटान व भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषणा करने की मांग संयुक्त राष्ट्रसंघ से की थी। शंकराचार्य परम्परा के जानकार के अनुसार हिन्दू धर्म के सर्वोच्च गुरु माने जाने वाले आदि शंकराचार्य के ने चार पीठ स्थापित किये थे। तो इन चारों पीठ को पूरे भारत वर्ष में सांस्कृतिक सत्ता संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी।

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उड़ीसा, कर्नाटक, गुजरात व उत्तराखंड में स्थापित हैं चार मठ

भारत के पूर्वी हिस्से में उड़ीसा स्थित पुरी पीठ, दक्षिण कर्नाटक स्थित शारदा पीठ श्रृंगेरी, पश्चिम में गुजरात के द्वारिका स्थित शारदा पीठ तथा उत्तराखण्ड स्थित जोशी पीठ को शंकराचार्य द्वारा स्थापित मुख्य पीठ व मठ माना जाता है। पुरी में स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती, द्वारका में स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती, श्रृंगेरी में स्वामी भारती तीर्थ अभी पीठाधीश्वर के पद पर हैं। वहीं जोशी मठ उत्तराखण्ड में शंकराचार्य का पद खाली है। द्वारका स्थित शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द ही जोशी मठ की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

नेपाल में हिन्दू धर्म संस्कृति से जुड़ी संस्थाओं में उल्लास

भैरहवा में शंकराचार्य के भ्रमण को लेकर नेपाल हिन्दू संघसंस्था तथा हिन्दूवादी काफी उत्साहित दिख रहे हैं। दूसरी ओर नेपाल के पूर्वराजा ज्ञानेन्द्र की ओर से शुक्रवार को हिमानी ट्रस्ट द्वारा आयोजित शुभकामना आदान-प्रदान कार्यक्रम होना है। भैरहवा स्थित कार्यक्रम व्यवस्थापन समिति के संयोजक कृष्ण शर्मा ने बताया कि यह भ्रमण विशुद्ध धार्मिक व आध्यात्मिक आयोजन है।

सुरक्षा को लेकर भारतीय दूतावास कर रहा नेपाल सरकार से समन्वय

शंकराचार्य के भैरहवा भ्रमण के संयोजनकर्ता मध्य एक आदित्य बाहिन के प्रमुख प्रेमचन्द्र झा ने अंतरराष्ट्रीय समाचार संस्था एआईजेसी को बताया कि काठमांडू सहित नेपाल के सभी प्रमुख शहरों से हिन्दुओं से सम्बन्धित संघसंस्था के प्रतिनिधि तथा आध्यात्मिक लोग रविवार को  भैरहवा पहुचेंगे। भारत में जेड सुरक्षा के घेरे में रहने वाले शंकराचार्य की सुरक्षा के लिये काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास सक्रिय हो गया है। दूतावास के अधिकारी नेपाल सरकार के साथ समन्वय कर रहे हैं।

कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे निश्चलानंद सरस्वती

आशियान इंटरनेशनल जर्नलिस्ट काउंसिल को उपलब्ध कराए गए कार्यक्रम तालिका के अनुसार पुरी शंकराचार्य रविवार को अपराह्न 4: 30 बजे सुनौली नाका होते हुए भैरहवा आएंगे, जहाँ नेपाल उद्योग वाणिज्य महासंघ लुम्बिनी प्रदेश के अध्यक्ष कृष्ण शर्मा के निवास में शंकराचार्य दो रात्रि विश्राम करेंगे। सोमवार सुबह 11 बजे महेन्द्र सभागृह में पूर्व निर्धारित सनातन धर्म सम्मेलन के सम्बोधन करने का कार्यक्रम है। मंगलवार को 11:30 बजे महेन्द्र सभागृह में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम संगोष्ठि प्रतिनिधि सम्मेलन को सम्बोधन करने का कार्यक्रम है ।

वहीं कार्यक्रम के भैरहवा भ्रमण का संयोजन आदित्य वाहिनी के प्रमुख प्रेमचन्द्र झा, नेपाली व्यासाचार्य किशोर गौतम, नेपाल उद्योग वाणिज्य महासंघ लुम्बिनी अध्यक्ष कृष्ण शर्मा व हिन्दू अभियन्ता कृष्ण भण्डारी ने किया है। पुरी पीठ शंकराचार्य के प्रमुख सचिव सुयस प्रशान्त ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय को शुक्रवार को पत्राचार करते हुए सुरक्षा व्यवस्था के लिए सहजीकरण का आग्रह किया है।

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