बिहार पुलिस के जवान ने दिया युवती को बेइंतहा दर्द, आला अफसरों से फरियाद भी बेअसर, देखें पूरा वीडियो…
डेढ़ वर्षों से युवती का शारीरिक शोषण कर रहा टाइगर मोबाइल का जवान
कानूनी पचड़े से बचने के लिए किया निकाह, अब दे रहा तलाक की धमकी
पति की बेवफाई व वरीय पुलिस अफसरों की बेरुखी से टूटा सब्र का बांध
पटना (voice4bihar news)। एक कहावत है-‘सैंया भये कोतवाल… अब डर काहे का’। अक्सर जब किसी ताकतवर शख्स का हाथ सिर पर हो तो मनमानी हद से ज्यादा बढ़ जाती है, लेकिन कई बार इसका उल्टा भी होता है। ऐसी ही एक दास्तान बिहार के अररिया जिले में देखने-सुनने को मिल रही है, जहां एक युवती के कथित पति खालिद ने पहले निकाह का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया और फिर इस लड़की को जिंदगी के दोराहे पर ला खड़ा किया।
फेसबुक पर शुरु हुआ संपर्क प्यार में बदल गया और फिर शुरू हुई अंतहीन दर्द की दास्तान। लव, सेक्स और धोखा की इस कहानी में पीड़ित युवती तीन बार आरोपी के झांसे में आ गयी और अब अपनी मर्यादा और न्याय के लिए दर दर की ठोकरें खा रही है। यह दर्द देने वाला उसका प्रेमी व पति बिहार पुलिस का एक जवान है, जिसकी धौंस के आगे लड़की बेबश नजर आ रही है।
मीडिया के कैमरे के सामने फफक पड़ी युवती
महीनों तक यौन शोषण के बाद जब लड़की ने निकाह के लिए दबाव डाला तो आरोपी पुलिस वाले ने अपने कुछ पुलिस वाले दोस्तों को घर बुलाकर उनके सामने ही निकाहनामा पढ़वा दिया। बाद में पता चला कि कानूनी पचड़े में फंसने से बचने के लिए उसने निकाह की औपचारिकता पूरी की है। कुछ दिनों तक पत्नी के रूप में रखने के बाद लड़की को घर से भगा दिया। पुलिस के आला अफसरों से गुहार लगाने का दावा करती यह लड़की मीडिया के कैमरे के सामने फफक पड़ी।
फेसबुक पर शुरू हुई दोस्ती प्यार में बदली, फिर शुरू हुआ बेइंतहा दर्द का सिलसिला
पीड़ित युवती का आरोप है कि उसका पति अब्दुल खालिद मूल रूप से सहरसा जिले के सतरकटैया का रहने वाला है और बिहार पुलिस में कार्यरत है। फेसबुक पर दोनों के बीच दोस्ती हुई और मामला प्यार तक पहुंच गया। खालिद ने निकाह करने व साथ जीने-मरने का वादा कर कई महीनों तक युवती का यौन शोषण किया। इस बीच युवती ने निकाह के लिए दबाव डाला तो वह पुलिस के टाइगर मोबाइल में होने की बात कह अपराधियों के नाम पर धमकियां देने लगा।
एसपी के पास शिकायत पहुंची तो आरोपी ने युवती से किया निकाह
विज्ञापन
अक्टूबर 2020 में युवती ने इसकी शिकायत अररिया के पुलिस अधीक्षक से की तो खालिद ने आवेदन वापस लेने के लिए दबाव बनाना शुरु किया। इस दबाव के आगे वह नहीं झुकी तो खालिद ने एक नई चाल चली। उसने समझौते की बात कहते हुए आवेदन वापस कराया और युवती के घर पर ही निकाह पढ़वा दिया। इस दौरान खालिद के कुछ पुलिस वाले दोस्त भी मौजूद थे। खालिद ने कहा कि अभी निकाह कर लेते हैं, बाद में अपने परिवार से मिलाऊंगा। लेकिन वह समय कभी नहीं आया। इस बीच वह युवती को मिलने के लिए होटल या अन्य किसी जगह पर बुलाता रहा।
बाद में कहा- रेप के केस से बचने के लिए किया निकाह का नाटक
पीड़िता का आरोप है कि जब उसने खालिद के परिवार के साथ रहने की जिद की तो वह फिर धमकी पर उतर आया। उसका जवाब था कि बलात्कार के केस से बचने के लिए उसने निकाह किया है। अब आराम से तलाक दे दूंगा। इस केस में आराम से जमानत मिल जाएगी। अगर अदालत की ओर से मामूली गुजारा भत्ता देने का दबाव बनता है तो वह भी दे दूंगा, लेकिन तुम्हें परिवार से नहीं मिलाऊंगा। खालिद के इस बदले हुए रुख के बाद युवती ने महिला थाना से लेकर पुलिस के आला अफसरों तक फरियाद की।
महिला थाने ने एफआईआर नहीं लिखी, वरीय अफसरों को करना पड़ा हस्तक्षेप
पीड़िता ने पत्रकारों को बताया कि पहले तो महिला थाने में उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की गयी। उसने बताया कि बीते मार्च महीने में ही उसने एसपी, डीआईजी, आईजी व डीजीपी व महिला आयोग को आवेदन भेजकर गुहार लगाई थी। कई अधिकारियों का फोन कर उसने अपनी पीड़ा सुनाई। तब जाकर वरीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद बड़ी मुश्किल से 15 जून को एफआईआर तो दर्ज हो गयी, लेकिन कार्रवाई शिथिल रही। युवती की मानें तो ऊपर से दबाव बढ़ने के बाद महिला थाने की पुलिस ने पीड़िता पर ही ज्यादती शुरू कर दी।
तीसरी बार खालिद के झांसे में आ गयी युवती
एफआईआर होने के बाद खालिद ने फिर से युवती को अपनी जाल में फांसना शुरु किया। वह एफआईआर वापस लेने के लिए दबाव बनाने लगा। उसने अपने साथ रखने की बात कहते हुए पुरानी गलतियों के लिए माफी मांगी और युवती को अपने साथ ले गया। दो दिनों तक अपने यहां रखने के बाद खालिद ने फिर से उसे घर से निकाल दिया। इसके बाद युवती के सब्र का बांध टूट गया और मीडिया के कैमरे के सामने फफक पड़ी। उसने न्याय नहीं मिलने पर अपना जीवन समाप्त करने की भी बात कही।
युवती ने कहा- पुलिस-प्रशासन के अफसरों समेत सभी होंगे मेरी मौत का जिम्मेदार
बहरहाल, इस मामले में आरोपित पुलिस वाले का पक्ष सामने नहीं आया है। लेकिन इंस्टैंट तलाक की वैधानिक मान्यता खत्म होने के बाद मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किये गए बड़े-बड़े दावे यहां फेल होते नजर आ रहे हैं। कैमरे के सामने बिलखती पीड़िता ने कहा कि इन्हीं कारणों से एक लड़की को जान देनी पड़ती है। अगर ऐसा हुआ तो मेरी मौत का जिम्मेदार वे सभी लोग होंगे, जो आरोपी का साथ दे रहे हैं। प्रशासन के अफसर भी इसके जिम्मेदार होंगे। अब देखना है कि आरोपी जवान के साथ पुलिस की भाईचारगी कायम रहती है या पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए आरोपी पर कानून का शिकंजा कसता है!