लगातार चल रहे किसान आंदोलन के कारण बैकफुट पर आई मोदी सरकार
राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी की घोषणा, ट्विटर पर साझा की जानकारी
Voice4bihar desk. देश भर में केंद्र सरकार पर बढ़ते दबाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम फैसला लेते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है। शुरू से ही विवादों में रहे इस कानून को वापस लेने की वजह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिनाई है। इसके साथ ही लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन को स्थगित करने का दबाव बनने लगा है। हालांकि संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा के कर्ताधर्ता राकेश टिकैत ने आंदोलन को फिलहाल स्थगित करने से इनकार कर दिया है।
संसद के शीत सत्र में होगी कानून की वापसी
विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की जानकारी साझा करते हुए पीएम मोदी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर लिखा गया कि – ” आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।
एमएसपी को प्रभावी व पारदर्शी बनाने के लिए बनेगी कमेटी
इसके आगे एक अन्य ट्विट में कहा गया है कि ” आज ही सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़ा एक और अहम फैसला लिया है। जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर क्रॉप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिए एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे।
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एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए,
ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा।
इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे: PM (2/2)
— PMO India (@PMOIndia) November 19, 2021
पीएम मोदी ने कहा- हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाये
कृषि कानूनों की वापसी को लेकर निर्णय के साथ ही पीएम मोदी ने केंद्र सरकार के अगले कदम का संकेत भी दे दिया है। उन्होंने एक अन्य ट्विट में लिखा- ” हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए।”
राकेश टिकैत ने कहा- अभी वापस नहीं होगा आंदोलन
यहां बता दें कि देश में पेट्रोल व डीजल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ बढ़ते दबाव के बीच केंद्र सरकार ने जिस तरह से टैक्स कम करने का कदम उठाया था, उसी तरह कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान भी कर दिया है। माना जा रहा है कि अगले वर्ष होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर यह निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही लंबे वक्त से चल रहे किसान आंदोलन को वापस लेने के दबाव पर राकेश टिकैत ने ट्विटर पर लिखा -” आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।”
आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा ।
सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें : @RakeshTikaitBKU#FarmersProtest
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 19, 2021
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