कई लोग आक्रांत होकर जीवन के लिए कर रहे संघर्ष
नवादा (voice4bihar news) । बीते दिनों बिहार के मुजफ्फरपुर में 5 लोगों की मौत का कारण बनी जानलेवा शराब ने एक बार फिर कहर बरपाया है। नवादा जिले में
शराब सेवन की वजह से 24 घंटे के भीतर कम से कम 6 लोगों की मौत की सूचना है। वहीं कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। गंभीर रूप से बीमार 7 लोगों को इलाज के लिए पटना भेजा गया है।
इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। बुधवार की सुबह से ही प्रशानिक अधिकारी मामले की जानकारी लेने में जुटे है। सदर एसडीओ उमेश भारती प्रभावित इलाके में कैम्प कर रहे हैं। नवादा के गोंदपुर और खरीदी बीघा में पिछले 24 घंटे के अंदर 6 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

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एक तरफ जहां बिहार में शराबबंदी लागू है, वहीं दूसरी तरफ जानलेवा शराब से मौत की खबर आना सरकार व नवादा पुलिस की कार्यपद्धति पर सवाल उठा रही है।
नवादा के खरीदी बीघा के मृतक दिनेश उर्फ शक्ति की पत्नी प्रियंका और बहन रेखा ने शराब पीने से मौत की बात मीडिया के सामने स्वीकार की है।
इस घटना में जिन मृतकों के नाम सामने आ रहे हैं, उनमें नवादा नगर थाने के गोंदपुर के रामदेव यादव और अजय यादव, खरीदी बीघा के दिनेश उर्फ शक्ति, शैलेन्द्र उर्फ शल्लो यादव, बस स्टैंड के पास रहने वाले लोहा सिंह ठठेरा शामिल हैं। इसके अलावा मृतक शैलेन्द्र के भांजे की भी मौत हो गई है। वहीं सिसवां के गोपाल कुमार, अकबरपुर के प्रभाकर गुप्ता की भी जहरीली शराब के सेवन से मौत हो गई है।
वहीं इस बड़ी वारदात के बाद नवादा एसपी धूरत सायली ने कहा कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है। सम्भव है फूड प्वाइजनिंग भी मौत का कारण बन सकती है। जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकता है। एसपी ने भी शराब से मरने की जानकारी मिलने की बात कबूल की है। इधर स्थानीय मृतकों का आनन फानन में दाह संस्कार किये जाने पर लोगों का कहना है कि नवादा जिला प्रशासन खासकर पुलिस घटना पर पर्दा डाल रही है।
इसके पूर्व भी वारसलीगंज थाने के अफसड गांव में जहरीली शराब से मौत हुई थी। सूचना के बावजूद भी पुलिस अधिकारी गांव में नहीं पहुंच पाई थी। गांव के ही दबंग शराब माफियाओं ने मृतक के परिजनों से मिलकर लाश को ठिकाने लगा दिया था।
इस मामले में भी मृतक के परिजनों पर दबाव बनाया जा रहा है। इसके बावजूद रोते बिलखते परिजन शराब से मरने की बात कबूल कर रहे हैं। उनका कहना है कि तत्काल इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो सब मामला सामने आ जाएगा। मरने वाले इलाके में प्रशासनिक अधिकारियों की चहल कदमी जारी है। स्थिति भयावह दिख रही है।
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