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नेपाल के रास्ते भारत में पहुंची चायनीज सेब की बड़ी खेप, बॉर्डर पर 3 ट्रक माल जब्त

तस्करों के खिलाफ SSB व बिहार पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 6 ट्रक समेत 9 गाड़ियां जब्त

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एक SUV गाड़ी व बाइक के साथ आठ तस्करों की हुई गिरफ्तारी

Voice4bihar ने किया था आगाह, चायनीज सेब के धंधेबाज लगा रहे भारतीय अर्थव्यवस्था को चपत

जोगबनी बॉर्डर से राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट

Voice4bihar news. भारत में रहकर चंद रुपयों की खातिर भारतीय अर्थव्यवस्था को चपत लगाने वाले तस्करों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने रविवार को बड़ी कार्रवाई की है। रविवार के अहले सुबह एसएसबी, एसओजी व पुलिस की संयुक्त टीम ने चाइनिज सेब के तस्करी में प्रयोग होने वाले 6 ट्रक के साथ ही एक एसयूवी कार व एक बाइक को जब्त किया है। चायनीज सेब की तस्करी में लिप्त आठ तस्करों की गिरफ्तारी भी सुरक्षाबलों ने की है।

बॉर्डर की निगरानी के लिए एसएसबी, कस्टम व पुलिस तैनात फिर भी तस्कर मालामाल

रविवार को चायनीज सेब की जब्ती के मामले में
एसएसबी 45 वीं बटालियन कमांडेंट के इंचार्ज नारायण राम खदाव ने बताया कि एसएसबी व एसओजी की टीम को सूचना मिली थी कि नेपाल से शराब की एक बड़ी खेप आने वाली है। इस सूचना के आधार पर शनिवार की रात्रि 2 बजे से भारत- नेपाल की सभी सीमा चौकियों के साथ ही सीमावर्ती थाना वीरपुर, भीमनगर, बलुआ को भी अलर्ट कर दिया गया था। तस्कर को एसएसबी बीओपी सतना की सीमा होकर भारतीय प्रभाग में आने की छूट दी गई ताकि सभी संलिप्त लोगों को माल के साथ पकड़ा जा सके।

मुस्तैदी के बावजूद तस्करों ने दिया चकमा

इतनी मुस्तैदी के बाद भी तस्कर सभी एजेंसियों को चकमा देकर भारत में दाखिल हो गए। यहां वीरपुर- भीमनगर एनएच-106 पर स्थित मां काली फ्लाई एस ब्रिक्स खोनटाहा के अहाते में तीन नेपाली ट्रकों में बहते चायनीज सेव को भारतीय ट्रक में अनलोड किया जा रहा था।

मौके पर पहुंची वीरपुर पुलिस, एसएसबी और एसओजी की टीम ने कुल आठ लोगों को हिरासत में ले लिया। इनमें 6 ड्राइवर सहित 2 अन्य शामिल हैं। मौके से तीन नेपाली ट्रक, तीन भारतीय ट्रक, एक एसयूवी ट्रेटा, एक बुलेट और एक स्पलेंडर मोटरसाइकिल जब्त की गई। गाड़ी की तलाशी के दौरान शराब भी बरामद की गई, जिसमें गोल्डेन ब्लेक हाफ की 6 खाली बोतलें भी थी।

नेपाली ट्रक से भारतीय ट्रक में अनलोड हो रहा था चायनीज सेब

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उन्होंने बताया कि बरामद चाइनीज सेब प्रति ट्रक 450 कार्टन थी, जिसमें 10, 20 और 35 केजी के पैकेट थे। बताया जाता है कि चायनीज सेब की खेप को इंडियन गाड़ी में लोड कर ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर सड़क के माध्यम से बाहर भेजने की योजना थी। सभी जप्त सामान सहित तस्करों को वीरपुर थाना ने कस्टम फारबिसगंज को सुपुर्द कर दिया है। मौके पर वीरपुर थानाध्यक्ष दीनानाथ मंडल, इस्पेक्टर केवी सिंह, भीमनगर ओपी अध्यक्ष प्रशांत कुमार, बलुआ थाना अध्यक्ष मनोज कुमार, एसएसबी के इंस्पेक्टर दीपक शर्मा, कस्टम भीमनगर इस्पेक्टर दिलीप कुमार, फारबिसगंज कस्टम सुपरिडेंट अमित कुमार व सीनियर इस्पेक्टर वैधनाथ प्रसाद आदि मौजूद थे।

 तीन ट्रक में लोड चाइनिज सेब की हुई जब्ती लेकिन उठ रहे कई सवाल

रविवार को चायनीज सेब की खेप पकड़े जाने के बाद जहां सुरक्षा एजेंसियों को इसका श्रेय मिल रहा है लेकिन अब सवाल उठता है कि क्या सिर्फ ड्राइवर-खलासी की गिरफ्तारी को ही उपलब्धि माना जाएगा? अथवा कोसी सीमांचल में सफेदपोश के संरक्षण में बैठे तस्कर गिरोह के मुखिया तक पहुंचने में सुरक्षा एजेंसियां सफल होगी? यदि ऐसा नहीं हुआ तो तस्करी के नेटवर्क को तोड़ पाना मुश्किल है।

चायनीज सेब की खेप के साथ सुरक्षा बल
चायनीज सेब की खेप के साथ सुरक्षा बल

सुरक्षा एजेंसियों पर तस्करों की निगरानी

शराब की तस्करी हो या चायनीज सेब का या फिर मेवशी के तस्करी का मामला- तस्करी गिरोहों ने फुलप्रूफ व्यवस्था कर ली है। सूत्र बताते हैं कि सीमा पर तैनात सुरक्षा बल जितनी मुस्तैदी से तस्करों पर नजर रखते हैं, इससे ज्यादा निगरानी तस्करों के समूह हमारे सुरक्षा बलों की करते हैं।

सीमांचल कोसी में दर्जनों बड़े तस्कर
एक आंकड़े पर गौर करें तो अररिया के नेपाल सीमा से शराब की खेप सुपौल भेजी जा रही है, जिसकी पुष्टि एसएसबी 56 वीं वाहनी फुलकाहा के द्वारा जब्ती व गिरफ्तारी के बाद भी होती है ।

समाचार स्रोत की मानें तो सीमांचल – कोसी के जिले में दर्जनों तस्कर गिरोहों के मुखिया बैठे हैं, जिन पर पुलिसिया कार्रवाई नहीं हो पाती। ऐसे दर्जनों सफेदपोश इन इलाकों में बैठे है जो चायनीज सेब ,चायनीज मटर व मेवशी की तस्करी कराते हैं। यह दीगर बात है कि ये सभी खुद सामने न आकर कैरियर के मार्फ़त तस्करी करवाते रहते हैं।

खुली सीमा से तस्करी के सामान के साथ ट्रक की एंट्री

जिस तरह से बेख़ौफ़ होकर तस्कर नेपाली तीन ट्रक पर लोड प्रतिबंधित चाइनिज सेब के साथ भारत मे प्रवेश कर भारतिय नंबर की गाड़ी में अनलोड करने की तैयारी कर रहे थे ऐसे में सीमा सुरक्षा को लेकर भी तो कई सवाल खड़े होते ही है साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्कर सुरक्षा एजेंसियों से कितनी बेख़ौफ़ है इसका भी अंदाजा लगाया जा सकता है।

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