पर्यावरण संतुलन के लिए झलखोरिया गांव में लगाए गए 200 पौधे
गांव के प्रगतिशील किसान केशो सिंह ने निजी भूखंड पर कराया पौधरोपण
जल जीवन हरियाली अभियान के तहत मनरेगा योजना से लगाए गए पौधे
सासाराम (voice4bihar news)। राज्य में हरित आवरण 33 प्रतिशत करने के लक्ष्य की दिशा में बृहस्पतिवार को 200 पौधे लगाए गए। प्रकृति को संतुलित रखने के लिए जल जीवन हरियाली योजना के तहत सासाराम प्रखंड के झलखोरिया गांव के प्रगतिशील किसान केशो सिंह ने अपनी निजी जमीन पर पौधरोपण कराया। इनमें आम, अमरूद, जामुन, नारियल, नीबू और कटहल जैसे फलदार वृक्षों के अलावा इमारती लकड़ी के लिए हाइब्रिड महोगनी के पौधे लगाए गए हैं। श्री सिंह की पत्नी सेवानिवृत्त शिक्षिका प्रभावती कुमारी भी इस अभियान में बराबर की सहभागी रहीं।
पेड़-पौधे हमारे लिए जीवनदायी, इसका संरक्षण सबकी जिम्मेदारी
पौधरोपण के मौके पर किसान केशो सिंह ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग, अतिवृष्टि, अल्पवृष्टि व प्रदूषण की समस्याओं के निराकरण के लिए वृक्षारोपण की आवश्यकता महसूस की जा रही है। हम राज्यवासियों का भी कर्तव्य है कि मानव जीवन को शुद्ध हवा देने वाले जीवनदायी पेड़ों का संरक्षण करें। ऐसा करना वातावरण संतुलन के लिए भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसी प्रयास के तहत मैंने अपनी निजी जमीन में पौधरोपण का निर्णय लिया। श्री सिंह ने आगे भी इस मुहिम को जारी रखने की बात कही। साथ ही अन्य लोगों से भी इस अभियान में भागीदार बनने की अपील की।
झलखोरिया गांव के सबसे बुजुर्ग शख्स ने की पौधरोपण की शुरुआत
पौधरोपण की शुरुआत नारियल का पौधा लगाकर किया गया, जिसका रोपण गांव के सबसे बुजुर्ग चंद्रिका सिंह ने किया। 105 वर्ष की उम्र में भी चंद्रिका सिंह ने खुद कुदाल से गड्ढा खोदकर पौधा रोपा, जिसे देखकर सभी लोग हतप्रभ रह गए। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार सिंह के अलावा कृष्णकांत सिंह, धीरेंद्र कुमार, चंद्रमा यादव, गोपाल यादव, राजू यादव समेत गांव के कई लोगों ने श्रमदान किया।
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मनरेगा योजना की मदद से लगाए गए एक यूनिट पौधे
विदित हो कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के हरित आवरण को बढ़ाने का संकल्प लिया है। मार्च 2022 तक इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रदेश की आम जनता को भी सहभागिता का अवसर दिया गया है। जल जीवन हरियाली योजना के तहत पौधरोपण के लिए जागरूकता एवं आवाम की सहभागिता के लिए वन विभाग का चलंत पौधा-विक्रय केंद्र वाहन जिले के विभिन्न इलाकों में भ्रमण कर रहा है। यह पौधा विक्रय केंद्र जिले के विभिन्न प्रखंडों में भ्रमण कर 20 जून से 4 जुलाई तक आम लोगों सहित किसानों को 10 रुपये प्रति पौधा की दर से बिक्री करेगा।
पौधरोपण अभियान में हर कोई बन सकता है सहभागी
राज्य में हरित आवरण बढ़ाने के अभियान में हर कोई सहभागी बन सकता है। सरकार की कई योजनाएं इस मुहिम में लगी हैं। चालू वित्तीय वर्ष में दो करोड़ काष्ठ के पौधे तथा 50 लाख फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। निजी जमीन पर पौधरोपण के लिए मनरेगा योजना व कृषि वानिकी योजना के जरिये सरकार ने किसानों की मदद करते हुए प्रोत्साहित भी कर रही है।
इसके लिए वन विभाग की ओर से पौधे की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।वन विभाग के चलंत पौधा-विक्रय केंद्र वाहन के माध्यम से दस रुपये प्रति पौधा की दर से अधिकतम 20 पौधे प्राप्त किये जा सकते हैं। इससे अधिक पौधा प्राप्त करने वाले इच्छुक किसान व आम जनता ‘कृषि वानिकी योजना’ के अन्तर्गत 10 रुपये प्रति पौधा सुरक्षित राशि जमा करके पौधा लगा सकते हैं। पौधा तैयार होने पर पौधा पर पूरा अधिकार वृक्षारोपण करने वाले किसान व आम लोग का होगा।