लॉकडाउन अंतिम विकल्प, माइको कन्टेनमेंट जोन बनायें : पीएम
टास्क मास्टर पीएम मोदी ने बच्चों और युवाओं को दिया टास्क
नयी दिल्ली (voice4bihar desk)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूंही नहीं टास्क मास्टर कहा जाता है। मंगलवार को जब वे देशवासी से मुखातिब हुए तो उन्होंने बच्चों और युवाओं को टास्क सौंप दिया। बच्चों को जहां घर से बाहर जाने वाले बड़ों को टोकने का टास्क दिया वहीं मोहल्ले के युवाओं पर कमेटियां बनाकर कोविड-19 से जुड़े अनुशासन का पालन करवाने का जिम्मा दे दिया। साथ ही उन्होंने राज्यों के मुखिया से लॉकडाउन से बचने और इसे अंतिम विकल्प के रूप में इस्तेमाल करने को कहा।
मंगलवार की शाम जब प्रधानमंत्री मोदी के देश के लोगों से सीधे संवाद के लिए टीवी पर आने की घोषणा हुई तो सभी को एकबारगी लॉकडाउन का पुराना मंजर याद आ गया। लोगों ने मान लिया कि प्रधानमंत्री लॉकडाडन लगाने के लिए ही टीवी पर आ रहे हैं। पर, इससे उलट उन्होंने देश की जनता को आश्वस्त किया कि वे कोरोना के अनुशासन का पालन करते हुए अपने दैनिक कार्यों में लगे रहें अभी देश में लॉकडाउन लगने नहीं जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की स्थिति में हमें देश को लॉकडाउन से बचाना है। मैं राज्यों से भी अनुरोध करूंगा कि वो लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में ही इस्तेमाल करें। लॉकडाउन से बचने की भरपूर कोशिश करनी है और माइक्रो कन्टेनमेंट जोन पर ही ध्यान केंद्रित करना है। उन्होंने घर के छोटे बच्चों को अपना बाल मित्र बताते हुए कहा कि मैं बाल मित्रों से एक बात विशेष तौर पर कहना चाहता हूं। मेरे बाल मित्र, घर में ऐसा माहौल बनाएं कि बिना काम, बिना कारण घर के लोग, घर से बाहर न निकलें। आपकी जिद बहुत बड़ा परिणाम ला सकती है।
उन्होंने युवा साथियों से अनुरोध किया कि वे अपनी सोसायटी में, मौहल्ले में, अपार्टमेंट्स में छोटी छोटी कमेटियां बनाकर COVID अनुशासन का पालन करवाने में मदद करें। हम ऐसा करेंगे तो सरकारों को न कंटेनमेंट ज़ोन बनाने की ज़रुरत पड़ेगी, न कर्फ़्यू लगाने की, न लॉकडाउन लगाने की। उन्होंने राज्य प्रशासन से आग्रह किया कि वे श्रमिकों का भरोसा जगाए रखें, उनसे आग्रह करें कि वे जहां हैं, वहीं रहें। राज्यों द्वारा दिया गया ये भरोसा उनकी बहुत मदद करेगा कि वे जिस शहर में हैं वहीं पर अगले कुछ दिनों में वैक्सीन भी लगेगी और उनका काम भी बंद नहीं होगा।
हमारा प्रयास, आर्थिक गतिविधियां और आजीविका कम से कम प्रभावित हों : पीएम
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उन्होंने कहा कि हम सभी का प्रयास, जीवन बचाने के लिए तो है ही, प्रयास यह भी है कि आर्थिक गतिविधियां और आजीविका, कम से कम प्रभावित हों। वैक्सीनेशन को 18 वर्ष की आयु के ऊपर के लोगों के लिए ओपन करने से शहरों में जो हमारी वर्कफोर्स है, उसे तेजी से वैक्सीन उपलब्ध होगी। प्रधानमंत्री ने बताया कि कल ही वैक्सीनेशन को लेकर एक और अहम फैसला लिया गया है। एक मई के बाद से 18 वर्ष के ऊपर के किसी भी व्यक्ति को वैक्सीनेट किया जा सकेगा। अब भारत में जो वैक्सीन बनेगी, उसका आधा हिस्सा सीधे राज्यों और अस्पतालों को भी मिलेगा।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि दुनिया में सबसे तेजी से भारत में पहले 10 करोड़, फिर 11 करोड़ और अब 12 करोड़ वैक्सीन के डोज दिए गए हैं। यह सामूहिक प्रयास है जिसके कारण हमारा भारत, दो मेड इन इंडिया वैक्सीन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर पाया। टीकाकरण के पहले चरण से ही गति के साथ ही इस बात पर जोर दिया गया कि ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों तक, जरूरतमंद लोगों तक वैक्सीन पहुंचे। हमारे वैज्ञानिकों ने दिन-रात एक कर बहुत कम समय में देशवासियों के लिए वैक्सीन विकसित की हैं। आज दुनिया की सबसे सस्ती वैक्सीन भारत में है। भारत की कोल्ड चेन व्यवस्था के अनुकूल वैक्सीन हमारे पास है।
ऑक्सीजन की उपलब्धता पर संवेदनशील है सरकार
प्रधानमंत्री ने अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का भी अपने संबोधन में जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन प्रॉडक्शन और सप्लाई को बढ़ाने के लिए भी कई स्तरों पर उपाय किए जा रहे हैं। राज्यों में नए ऑक्सीजन प्लांट्स हों, एक लाख नए सिलेंडर पहुंचाने हों, औद्योगिक इकाइयों में इस्तेमाल हो रही ऑक्सीजन का मेडिकल इस्तेमाल हो, ऑक्सीजन रेल हो, हर प्रयास किया जा रहा है। इस बार कोरोना संकट में देश के अनेक हिस्से में ऑक्सीजन की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ी है। इस विषय पर तेजी से और पूरी संवेदनशीलता के साथ काम किया जा रहा है। केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, प्राइवेट सेक्टर, सभी की पूरी कोशिश है कि हर जरूरतमंद को ऑक्सीजन मिले।
जो पीड़ा आप सह रहे हैं, उसका मुझे अहसास है
अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने उनका भी जिक्र किया जो कोरोना की जंग हार गये। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने बीते दिनो में अपनों को खोया है, मैं सभी देशवासियों की तरफ़ से उनके प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। परिवार के एक सदस्य के रूप में मैं आपके दुःख में शामिल हूं। चुनौती बड़ी है लेकिन हमें मिलकर अपने संकल्प, हौसले और तैयारी के साथ इसको पार करना है। कोरोना के खिलाफ देश आज फिर बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रहा है। कुछ सप्ताह पहले तक स्थितियां संभली हुई थीं और फिर ये कोरोना की दूसरी वेव तूफान बनकर आ गई। जो पीड़ा आपने सही है, जो पीड़ा आप सह रहे हैं, उसका मुझे अहसास है।