पुणे (voice4bihar desk)। यहां खेले गये रोमांचक मुकाबले में भारत ने इंग्लैंड को सात रन से हरा दिया। इसके साथ ही भारत ने अपने घरेलु मैदान पर खेले गये क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में इंग्लैंड को मात देकर उसे खाली हाथ घर लौटने पर मजबूर कर दिया। पुणे में रविवार को खेले गये तीन एक दिवसीय मैचों की सीरीज का आखिरी मुकाबला भारत के पक्ष में रहा। इस तरह से इंग्लैंड एक दिवसीय मैचों की यह सीरीज 2-1 से हार गया।
इंग्लैंड के बल्लेबाज सैम करन ने 95 रनों की नाबाद पारी खेलकर भारतीय टीम के जबड़े में हाथ डालकर उससे जीत छीनने की भरसक कोशिश की। भारतीय फिल्डरों ने भी इसमें इंग्लैंड का पूरा साथ दिया पर हार्दिक पांड्या ने 49वें और नटराजन ने 50वें ओवर में सधी हुई गेंदबाजी कर भारत को जीत दिला दी।
शार्दुल ठाकुर ने अपने 10वें और इंग्लैंड की पारी के 47वें ओवर में 18 रन दिये जिससे इंग्लैंड का पलड़ा भारी होता हुआ दिखा। 47 ओवर के बाद इंग्लैंड को शेष बचे 18 गेंदों में जीत के लिए महज 23 रनों की जरूरत थी। 47वें ओवर में इंग्लैंड के सैम करन ने एक छक्का और दो चौके जड़कर अपने मंसूबे जाहिर कर दिये थे। भारतीय प्रशंसकों को भी विश्वास हो गया था कि करन अगले 18 गेंदों में 23 रन बनाकर मैच अपने नाम कर लेंगे।
इसी आशा और निराशा के बीच कप्तान कोहली ने 48वें ओवर का जिम्मा भुवनेश्वर कुमार को दिया। भुवनेश्वर ने इस ओवर में लगातार दो वाइड गेंदे फेंकीं जिससे साफ था कि भारतीय टीम दबाव में आ चुकी थी। हालांकि इस ओवर में इंग्लैंड के खाते में चार रन ही जुड़े। अब अगले दो आवरों में जीत के लिए इंग्लैंड को 19 रन चाहिए थे।
कोहली ने पांड्या को 49वां ओवर करने के लिए बुलाया। इस ओवर में पांड्या ने जितनी बेहतरीन गेंदबाजी की भारतीय फिल्डरों ने उतना ही निराश किया। पांड्या के इस ओवर में शार्दुल ठाकुर ने वुड को और नटराजन ने सैम करन को जीवनदान दिया। इन दो जीनदान के सहारे इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने इस ओवर में पांच रन जोड़े। इंग्लैंड का स्कोर हो गया आठ विकेट के नुकसान पर 316 रन। अगले छह गेंद में उसे जीत के लिए चाहिए थे 14 रन। लक्ष्य मुश्किल नहीं था। क्योंकि सैम करन अब भी 91 रन बनाकर क्रिज पर डटे हुए थे।
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कप्तान कोहली ने मैच के आखिरी ओवर के लिए गेंद नटराजन को थमाया। कोहली को भरोसा था कि अपने लाजवाब यॉर्कर की बदौलत नटराजन सैम करन को रोकने में कामयाब रहेंगे। नटराजन के आखिरी ओवर की पहली ही गेंद को सैम करन ने लॉन्ग ऑन की दिशा में धकेला ओर एक रन पूरा कर दूसरा रन लेने के लिए जैसे ही मुड़े फिसलकर गिर पड़े। इसके चलते मार्क वुड रन आउट हो गये। इससे भारतीय टीम में फिर आशा का संचार हो गया। आखिरी ओवर की पांचवीं गेंद पर सैम करन ने चौका लगाया लेकिन टीम को विजय द्वार तक नहीं पहुंचा सके।
सैम करन 83 गेंद में 95 रन बनाकर अंत तक अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए डटे रहे। उन्होंने तीन छक्के और नौ चौके लगाये। उन्होंने आठवें विकेट की साझेदारी में आदिल रशीद के साथ 57 और नौवें विकेट के लिए वुड के साथ 60 रन जोड़े। सैम करन को प्लेयर ऑफ द मैच और जॉनी बैरिस्टो को प्लेयर ऑफ दी सीरीज चुना गया।
इसके पहले इंग्लैंड ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। भारत की पूरी टीम 50 ओवर के इस मैच की 10 गेंदें शेष रहते 329 रनों पर आउट हो गयी। जवाब में खेलने उतरी इंग्लैंड की शुरुआत खराब रही। इंग्लैंड का पहला विकेट जैसन रॉय के रूप में पहले ओवर की आखिरी गेंद पर 14 रन के कुल स्कोर पर गिरा। भुवनेश्वर कुमार के इस ओवर में जैसन तीन चौकों की सहायता से 14 रन बनाकर बोल्ड हो गये।
इंग्लैंड के दूसरे सलामी बल्लेबाजी जॉनी बैरिस्टो भी तीसरे ओवर में 28 रन के कुल योग पर आउट हो गये। भुवनेश्वर कुमार की गेंद पर वे एलबीडब्लयू करार दिये गये। इंग्लैंड की ओर से डेविड मालन ने 50 रन इतने ही गेंदों में बनाये।
रविवार को भारतीय पारी की शुरुआत शानदार रही पर अंत उतना बेहतर नहीं रहा। भारत की सलामी जोड़ी ने 103 रन जोड़े। भारत का पहला विकेट 15वें ओवर में रोहित शर्मा के रूप में गिरा। उन्होंने 37 रन बनाये। दूसरा विकेट शिखर धवन के रूप में 17वें ओवर में गिरा। धवन ने 56 गेंदों में 67 रन बनाये। अगले ओवर में कप्तान विराट कोहली सात रन बनाकर आउट हो गये। उस समय भारतीय पारी का स्कोर 121 रन था।
पांचवें विकेट की साझेदारी में ऋषभ पंत और हार्दिक पांड्या ने मिलकर 99 रन जोड़े। पंत को 36वें ओवर में करन ने कप्तान बटलर के हाथों कैच कराया जबकि पांड्या स्टोक्स की गेंद पर 64 रन बनाकर बोल्ड हो गये। पांड्या ने सिर्फ 44 गेंदों में 64 रन बनाये। पांड्या और पंत की पारी की खास बात रही कि दोनों ने अपनी पारी में 4-4 छक्के और 5-5 चौके जड़े। शार्दुल ठाकुर ने 21 गेंद में तीन छक्के और एक चौके की सहायता से 30 रन बनाये। भारत के अंतिम चार विकेट सिर्फ नौ रन जोड़कर आउट हो गये।