एक ही अभ्यर्थी पटना नगर और पुनपुन प्रखंड में चयनित, शिक्षा विभाग बेखबर
बिहार में प्राथमिक शिक्षक बहाली में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही आयी सामने
पटना (voice4bihar desk)। शिक्षा विभाग के तमाम दावों के बीच प्राथमिक शिक्षक बहाली में भ्रष्टाचार चरम पर है। अब तक इस बहाली में पूर्णिया, मुजफ्फरपुर जैसे जिलों से भ्रष्टाचार की खबरें आती रहीं हैं पर आज पहली बार राजधानी पटना से इस तरह की खबर आ रही है। राजधानी में शिक्षा मंत्री से लेकर विभाग के तमाम आला अफसरों के कार्यालय हैं पर मातहतों को इसकी परवाह नहीं है और वे मनमानी पर उतारू हैं।
बिहार में इन दिनों चल रही करीब 94000 प्राथमिक शिक्षक की बहाली में भ्रष्ट आचरण का यह मामला पटना नगर निगम और पुनपुन में देखने को मिला। इन दोनों जगहों पर एक ही अभ्यर्थी का चयन कक्षा I से V के लिए शिक्षक के तौर पर कर लिया गया है। इसकी पुष्टि एनआईसी पर जारी चयनित अभ्यर्थियों की सूची से होती है। एनआईसी पर पटना नगर निगम के चयनित अभ्यर्थियों की सूची 10 अगस्त को अपलोड की गयी है जबकि पुनपुन प्रखंड के चयनित अभ्यर्थियों की सूची 11 अगस्त को अपलोड की गयी है। 11 अगस्त को एनआईसी पर अपलोड की गयी पुनपुन की सूची को रिवाइज्ड सेलेक्शन लिस्ट कहा गया है।
केएम पूजा नाम की छात्रा पटना नगर और पुनपुन प्रखंड के लिए चयनित
यहां हम पहले बात 10 अगस्त को एनआईसी पर अपलोड पटना नगर निगम की सूची की करते हैं। कक्षा I से V के लिए सामान्य विषय के शिक्षक के रूप में चयनित अभ्यर्थियों की सूची में क्रम संख्या 69 पर केएम पूजा का नाम है। मेधा सूची में पूजा का क्रमांक 1967 है। पिता का नाम विजेंद्र प्रसाद है। एससी कोटि की इस छात्रा का चयन भी एससी कोटि में ही किया गया है। छात्रा का मेधा अंक 74.20 है। छात्रा ने इंदु देवी रणजीत प्रकाश प्रोफेशनल कॉलेज वैशाली से बीएड किया है।

अब बात पुनपुन प्रखंड में चयनित अभ्यर्थी केएम पूजा की। कक्षा I से V के लिए सामान्य विषय के प्रखंड शिक्षक के रूप में चयनित केएम पूजा का नाम चयन सूची में क्रम संख्या 10 पर है। इसके पिता का नाम भी विजेंद्र प्रसाद और कोटि एससी है। मेधा क्रमांक 456 और मेधा अंक 74.20 ही है। छात्रा ने बीएड किया है। पर, चयनित सूची में इसके प्रशिक्षण कॉलेज का नाम आईडीआरकेईपी कॉलेज हाजीपुर अंकित है। दोनों जगह केएम पूजा के नाम से चयनित छात्रा की जन्म तिथि 20.05.1995 है। इसकी पुष्टि मेधा सूची से होती है।

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अब सवाल उठता है कि शिक्षा विभाग के पारदर्शिता के तमाम दावों के बीच इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे हुई। पटना नगर निगम की काउंसिलिंग पांच अगस्त और पुनपुन प्रखंड की 10 अगस्त को हुई को हुई। पुनपुन प्रखंड की काउंसिलिंग पटना के शास्त्रीनगर हाई स्कूल में जबकि पटना नगर निगम की काउंसिलिंग वहां से करीब पांच किलोमीटर दूर गर्दनीबाग स्थित पटना हाई स्कूल में हुई। काउंसिलिंग के दौरान चयन होने पर अभ्यर्थी के प्रशिक्षण और शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्र जब्त कर लिये जाते हैं तब ये छात्रा दो जगह काउंसिलिंग कराने में कैसे सफल रही ?
पटना नगर में प्रमाण पत्र जब्त होने के बाद भी पुनपुन में कैसे हुई काउंसिलिंग
छात्रा सीटेट क्वालीफाइड है इसलिए संभव है कि उसने सीबीएसई की साइट से डाउनलोडेड कॉपी का उपयोग किया हो। साथ ही उसके प्रशिक्षण कॉलेज के नाम अलग-अलग हैं। तो क्या उसने एक जगह काउंसिलिंग में फर्जी प्रशिक्षण प्रमाण पत्र का उपयोग किया है ? सबसे बड़ा सवाल है कि क्या इस पूरी प्रक्रिया में केवल छात्रा जिम्मेदार है या काउंसिलिंग केंद्र के कर्मचारियों व अधिकारियों की भी इसमें मिलीभगत है ?
समय से नहीं हो रही चयनित अभ्यर्थियों की सूची, छात्र परेशान
पांच अगस्त को जिन अभ्यर्थियों का चयन शिक्षक के रूप में किया गया उनकी सूची एनआईसी पर 10 अगस्त को अपलोड करना भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है। विभाग ने स्पष्ट निर्देश दे रखा है कि काउंसिलिंग के अगले दिन शाम तक चयनित अभ्यर्थियों की सूची एनआईसी पर अपलोड कर देनी है पर ऐसा कहीं नहीं हो रहा है। 13 अगस्त को पूरे बिहार में पंचायत शिक्षकों की काउंसिलिंग हुई और आज छह दिन बीतने के बाद भी एक-दो जगह को छोड़कर कहीं की सूची एनआईसी पर अपलोड नहीं हुई है। सोशल मीडिया पर चयनित अभ्यर्थियों से नियोजन समिति के सदस्यों द्वारा मोल जोल किये जाने की खबरें आ रहीं हैं पर शिक्षा विभाग मौन है। इससे भ्रष्टाचार की बू आने लगी है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने नहीं दिये सवालों के जवाब
इस संबंध में जानकारी लेने के लिए पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी के सरकारी मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप से सवाल भेजे गये, पर देर रात तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया जिससे हम उनका पक्ष यहां नहीं लिख पा रहे हैं। जैसे ही उनका पक्ष सामने आयेगा हम उनकी बातों को यहां अक्षरश: लिखेंगे।