आखिर किस दिन काम आएंगे पटना बाइपास वाले निजी अस्पताल!
निजी अस्पतालों के उपयोग की बजाए अपने संसाधनों पर ही दुरूस्त करेगी सरकार
पीएचसी व अनुमंडल अस्पतालों में भी गंभीर कोरोना मरीजों के इलाज की होगी व्यवस्था
पटना (voice4bihar news)। कोरोना मरीजों से अटे पड़े सरकारी अस्पतालों अब हालात इस कदर पहुंच गए हैं कि आम आदमी को वहां बेड मिलना नामुमकिन सा हो गया गया है। राज्य के लगभग सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों समेत सदर अस्पतालों में वेंटिलेटर युक्त बेड व ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से संबंधित खबरें आ रही हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक निजी अस्पतालों में पहले से मौजूद संसाधनों का इस्तेमाल करने से हाथ खड़े कर दिये हैं।
पिछले साल की तरह ही कोरोना के इलाज के लिए एक बार फिर राज्य सरकार ने अपनी व्यवस्था को ही दुरूस्त करने की बात कही है लेकिन निजी अस्पतालों को इलाज के लिए दबाव नहीं डाला गया है। गृह विभाग की विशेष शाखा की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं अनुमंडल अस्पतालों तक गंभीर मरीजों के उपचार की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए वहां तैनात डॉक्टरों को एम्स, पीएमसीएच, एनएमसीएच व आईजीआईएमएस के डॉक्टर्स ट्रेनिंग देकर तैयार करेंगे।
दरभंगा के निजी अस्पताल कर रहे कोरोना का इलाज
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सवाल यह है कि पटना में बाइपास के किनारे कुकुरमुत्ते की तरह बने अस्पताल व उनके संसाधन आखिर किस दिन काम आएंगे? सरकार की ओर से जब तक निचले स्तर तक इलाज की व्यवस्था की जाएगी, तब तक मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाएगी। अक्सर यह आरोप लगता रहा है कि बाइपास के अस्पतालों को मरीजों से लूट की खुली छूट मिली है, लेकिन आपदा के वक्त भी इनकी सेवाएं नहीं लेना अचंभित करता है। दरभंगा जिले में जिस तरह 16 निजी अस्पतालों को कोरोना के इलाज के लिए जिलाधिकारी त्यागराजन एसएम ने तैयार किया है, उसी तरह पटना में भी कदम उठाने की जरूरत है।
वर्तमान हालात से निबटने के लिए सरकार उठाएगी ये कदम
हाल के दिनों में ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत व अव्यवस्था से निबटने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किये जाएंगे। कोरोना के इलाज संबंधी महत्वपूर्ण दवाएं रेमडेसिविर एवं हाई एंटिबायोटिक समेत अन्य दवाएं जिला प्रशासन अपने अस्पतालों में करेगा।
एंबुलेंस की किल्लत पर सरकार ने आश्वत किया है कि आवश्यकतानुसार एम्बुलेंस किराये पर लेकर इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी। नए कोविड केयर सेंटर एवं हेल्थ सेंटर पर बेड की संख्या को बढ़ाने के लिए अन्य भवनों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की हर दिन मॉनिटरिंग होगी और स्थिति गंभीर होने पर उन्हें कोविड केयर सेंटर / उच्चतर कोविड सेंटर लाने की व्यवस्था की जाएगी।
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