सिर्फ 5 लीची तोड़ने में चली गयी दो बच्चों की जान
बगीचे में लीची तोड़कर भागने के दौरान कुएं में गिरने से मौत
लीची तोड़ने गए थे चार बच्चे, रखवाले ने खदेड़ा तो बदहवाश होकर भागे
काफी देर बाद बगीचे के कुएं में मिली लाश, परिजनों में मचा कोहराम
छपरा (Voice4bihar news)। गर्मी के दिनों में पेड़ों पर लटके आम व लीची देखकर बच्चों के मन में लालच आना लाजिमी है, लेकिन दूसरे के बगीचे में लीची तोड़ने की ललक ने दो जिंदगियां छीन ली। बिहार के सारण जिले में महज 5 लीची तोड़कर भागने के क्रम में कुएं में गिरने से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। घटना सारण जिले के भेल्दी थाना क्षेत्र अंतर्गत कोरेया पंचायत के इस्सेपुर गांव में घटित हुई। दोनों बच्चों के शव कुएं में मिले हैं, जहां पानी में डूबने से उनकी मौत हो गयी।
मृतकों में इस्सेपुर गांव निवासी मोती लाल महतो का पुत्र मुन्ना कुमार (13 वर्ष) और राकेश महतो का पुत्र रोहित कुमार (10 वर्ष) बताया जाता है। इस संबंध में मृतक के परिजनों ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया। बताया जाता है कि गुरुवार की शाम को किशोर उम्र के चार बालक लीची तोड़ने के लिए गांव के ही बगीचे में गए थे। बगीचे की रखवाली करने वाले व्यक्ति ने सभी को खदेड़ लिया, जिसमें चारों युवक अलग-अलग दिशा में भागे। इसी दौरान मुन्ना और रोहित भागने के क्रम में बगीचे से 20 फीट दूर स्थित एक कुएं में जा गिरे।
शव की तलाश में निकाला गया कुएं का पानी
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बृहस्पितवार की देर शाम जब दोनों बच्चे घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने आसपास के इलाकों में खोजबीन शुरू कर दी। इसी दौरान पता चला कि दोनों बालक बगीचे के पास ही कुएं में गिरे हैं। ग्रामीणों ने कुएं में तलाश की तो रोहित का शव आसानी से मिल गया, लेकिन मुन्ना का शव नहीं मिलने पर कुएं के पानी को मोटर लगाकर उड़ाही की गयी। तब जाकर कुएं के तल पर मिट्टी में दबा मुन्ना कुमार का शव मिला।
मृत बच्चों के परिजन ने एफआईआर के लिए दिया आवेदन

घटना की सूचना मिलने के बाद भेल्दी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों बच्चों के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल छपरा भेज दिया। वही इस संबंध में मृतक के परिजनों ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए भेल्दी थाना में लिखित आवेदन दिया। हालांकि शुक्रवार की शाम तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पाई थी। घटना के बाद रोहित के पिता राजेश महतो, माता सुमन देवी, भाई करण और संजीत तथा मुन्ना के पिता मोतीलाल महतो, माता कलावती देवी, भाई धनराज, सर्वात्मा, टुनटुन और परमा समेत अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
मक्का के बाल तोड़ने के बाद लीची तोड़ने लगे बच्चे
कुएं में डूबने से मारे गए मुन्ना कुमार और रोहित के साथ उनके दो अन्य साथी भी घटना के वक्त मौजूद थे। घटना के बारे में इन बच्चों ने बताया कि चार बच्चों ने साथ मिलकर एक खेत में मक्के के बाल तोड़े। वहां से निकलकर एक बगीचे में लीची तोड़ने लगे। बच्चों की मानें तो अभी सिर्फ 5 लीची ही तोड़ पाये थे, तभी बगीचे के रखवाले ने सभी बच्चों को खदेड़ना शुरू कर दिया। पिटाई के डर से चारों बच्चे दो अलग-अलग दिशाओं में भागे। संयोग से दो बच्चे भागकर अपने घर पहुंच गए, लेकिन वे अपने घर नहीं पहुंच सके। जब काफी देर तक दोनों बच्चे घर नहीं लौटे तो खोजबीन शुरू हुई। ग्रामीणों की मदद से एक कुएं में दोनों बच्चों के शव मिलने से गांव में मातम छा गया।