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करुणा, शांति व प्रेम का संदेश दे गए महामानव बुद्ध के वंशज

14 वें बौद्ध महोत्सव में जुटे देश विदेश के सैकड़ों श्रद्धालु

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वर्तमान परिवेश में भी पहले की तरह प्रासंगिक हैं गौतम बुद्ध : प्रो. ललन प्रसाद

सोनहर में स्थापित होगी अशोक स्तंभ की 30 फीट ऊंची प्रतिकृति : मुरारी गौतम

सासाराम (voice4bihar desk)। रोहतास जिले के शिवसागर प्रखंड अंतर्गत सोनहर में 14वां बौद्ध महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इसमें देश-विदेश से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लेकर मानव कल्याण के लिए कार्य करने की प्रतिबद्ध्ता जताई। शाक्यमुनि बौद्ध विहार कल्याण संस्थान, सोनहर की ओर से फरवरी महीने के अंतिम रविवार को इस महोत्सव को मनाये जाने की परिपाटी विगत कई वर्षों से चली आ रही है। इस वर्ष कार्यक्रम के सह प्रायोजक की भूमिका सम्राट अशोक क्लब व मौर्य शक्ति सोनहर ने निभाई। इस महोत्व का मकसद पूरी दुनिया में महामानव गौतम बुद्ध के करुणा शांति व प्रेम के संदेश को फैलाना था।

महात्मा बुद्ध के विपश्यना मार्ग के जरिये मन को संतुलित करते हुए पूरी दुनिया में प्रेम, शांति व भाईचारा कामय करना संभव : प्रो. चंद्रमा सिंह

महोत्सव के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति साहित्य पुरस्कार से सम्मानित प्रो. ललन प्रसाद सिंह थे। उन्होंने वर्तमान परिवेश में भगवान बुद्ध के विचारों की प्रासंगिकता पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्री शंकर कॉलेज तकिया के प्रोफेसर चंद्रमा सिंह ने कहा कि महामानव गौतम बुद्ध पूरी दुनिया के एकमात्र ऐसे वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने मानव मन के ऊपर किस प्रकार नियंत्रण किया जाए, इसकी खोज प्रथम बार की। क्योंकि मन में ही युद्ध और उत्तेजना जैसी वृत्तियां पैदा होती है। बुद्ध द्वारा सिखाए गए विपश्यना मार्ग के जरिये मन को संतुलित करते हुए पूरी दुनिया में प्रेम, शांति व भाईचारा कामय किया जा सकता है।

सोनहर में बुद्ध महोत्सव के लिए बना पंडाल।
सोनहर में बुद्ध महोत्सव के लिए बना पंडाल व उपस्थित बौद्ध भिक्षु।

महात्मा बुद्ध से संदेशों को अपनाये दुनिया में शांति कायम नहीं हो सकती : मिथिलेश सिंह

रालोसपा के प्रदेश महासचिव मिथिलेश सिंह ने कहा कि बिना बुद्ध से संदेशों को अपनाये दुनिया में शांति कायम नहीं हो सकती। इन्होंने सभी लोगों कहा कि धम्म पथ पर चलकर अपने जीवन में परिनिर्वाण को प्राप्त करें। चेनारी विधायक मुरारी प्रसाद गौतम ने बुद्ध के विचारों के उदाहरण स्वरुप सम्राट अशोक के जीवन चरित्र का वर्णन किया।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सम्राट अशोक ने पूरी दुनिया में धम्म के प्रचार के लिए अहिंसा का मार्ग अपनाते हुए लोक कल्याणकारी कार्यों को अपने जीवन का हिस्सा बनाया। उसी तरह हमें भी इस पथ का अनुसरण करना चाहिए। इसी कड़ी श्री गौतम ने बौद्ध विहार परिसर सोनहर में भारत के शौर्य को प्रदर्शित करने वाले अशोक स्तंभ की 30 फीट ऊंची प्रतिकृति स्थापित करने की घोषणा भी की। जिसका शाक्यमुनि बौद्ध विहार कल्याण संस्थान, सोनहर के सभी सदस्यों व ग्रामीणों ने स्वागत किया।

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हर व्यक्ति को प्रतिदिन विपश्यना करना चाहिए : महाथेरो

साउथ कोरिया के बौद्ध भिक्षु बुद्धा पाला महाथेरो ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेकर बहुत ही प्रसन्नता जाहिर की एवं कहा कि हर व्यक्ति को प्रतिदिन विपश्यना करना चाहिए। उन्होंने बुद्ध धम्म के धम्म सूत्रों का पाठ किया। साथ ही मनुष्य के जीवन में इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। श्री महाथेरो के साथ देश विदेश से आए सैकड़ों की संख्या में बौद्ध भिक्षुओं ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

साउथ कोरिया से पहुंचा बौद्ध भिक्षुओं का जत्था

कार्यक्रम में साउथ कोरिया से आए विदेशी मेहमानों के अलावा सम्राट अशोक क्लब के महाप्रबंधक आरपी मौर्या, जिला परिषद चेनारी उत्तरी के सदस्य इंद्रजीत सिंह कुश्वाहा, जिप सदस्य शिवसागर उत्तरी अनिता देवी, करुप के पैक्स अध्यक्ष इंद्रदेव सिंह, पंचशील क्लब के संस्थापक सुधीर संन्यासी, महेन्द्र सिंह बौद्ध, जनार्दन सिंह बौद्ध, महेन्द्र सिंह नास्तिक, रालोसपा नेता शेखर महतो, सम सोसायटी ऑफ इंडिया के संस्थापक गिरिजाधारी पासवान, लोजपा नेता शेखर पासवान, मौर्य शक्ति के संस्थापक रवि मौर्य, डॉ अनुग्रह नारायण सिंह्र आदि ने भी विचार व्यक्त किये।

बुद्ध् महोत्सव में लोगों को संबोधित करते अतिथि।
सोनहर बुद्ध् महोत्सव में लोगों को संबोधित करते अतिथि।

समारोह में उपस्थित गणमान्य लोगों में प्रो दीपक सिंह, राज मेहता, दीपक कुशवाहा, शिक्षक राजेश कुशवाहा, मोहन सिंह, कामेश्वर सिंह, कमलेश सिंह, मनोज चंद्रवंशी, वीरेंद्र केसरी, शिक्षक अभिषेक कुमार समेत जिले भर से आए सैकड़ों लोग मौजूद थे।

भारत की प्रथम शिक्षिका सावित्री बाई फुले के जीवन चरित्र पर नाटक

बौद्ध महोत्सव में आकर्षण का केंद्र बने यहां पेश किये गए नुक्क्ड् नाटक। देश की प्रथम शिक्षिका सावित्री बाई फुले के जीवन चरित्र व नारी शिक्षा के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान का चित्रण छात्राओं ने नाटक के जरिये किया। नुक्कड़ नाटक की झलकियों के रुप में यहां कई नाटक पेश किये गए, जिनमें समाज के लिए कोई न कोई संदेश छुपा था। ऐसा की एक नाटक धूम्रपान निषेध, दहेज प्रथा व नारी शिक्षा के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए पेश किया गया। कार्यक्रम में प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को स्थानीय विद्यालय में पुरस्कृत किया गया।

मेले का भी लोगों ने उठाया लुत्फ

14वें बौद्ध महोत्सव में सोनहर गांव मेले में तब्दील रहा। यहां बच्चों के मनोरंजन के साधनों के अलावा बड़ों के लिए भी बहुत कुछ था। लोगों ने महामानव गौतम बुद्ध, सावित्री बाई फुले, समाज सुधारक ज्योतिबा राव फुले व संविधान निर्माता डॉ भीम राव अंबेडकर की तस्वीरें खरीदी और याद स्वरुप अपने साथ ले गए।

 

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