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मुख्य पार्षद, कार्यपालक पदाधिकारी और कनीय अभियन्ता पर एफआईआर

कालिख की कोठरी बनी नगर परिषद सासाराम

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योजना पूरी किये बिना ही गलत तरीके से मापी पुस्तिका तैयार कर निकाल ली गयी राशि

कुमारी हिमानी, कंचन देवी व अरुण कुमार सिंह के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी हुई दर्ज

 

बजरंगी कुमार सुमन की रिपोर्ट

सासाराम (voice4bihar news)। सासाराम नगर परिषद की सियासत में लगातार प्राथमिकी दर्ज करने का सिलसिला शुरू हो चुका है। योजनाओं में गबन को लेकर लंबे अरसे पूर्व से शुरू हुआ प्राथमिकी दर्ज करने का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। इसे देखते हुए नगर परिषद की सियासत कालिख की कोठरी साबित होने लगी है। पूर्व में बहुचर्चित मुख्य पार्षद नाजिया बेगम के दौर से शुरू हुआ सिलसिला वर्तमान में मुख्य पार्षद की कुर्सी संभाल रहीं मुख्य पार्षद कंचन देवी तक आ पहुंचा है।

मामला योजनाओं में की गई गड़बड़ी का है, जिसमें बगैर कार्य कराए दूसरे मद की राशि से पूरी की गई योजना के आलोक में अन्य मद की राशि की वित्तीय वर्ष 2019-20 में मापी पुस्तिका तैयार कर निकासी किए जाने से जुड़ा है। योजना में गड़बड़ी का मामला नगर परिषद के वार्ड संख्या 11 से जुड़ा है। यहां 14वें वित्त योजना से 05 और नगर निधि की 02 सहित कुल 07 योजनाओं के संबंध में नगर परिषद के वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी अभिषेक आनंद ने जांच प्रतिवेदन सौंपा था विगत 13 अगस्त 2020 को पत्रांक संख्या 2495 के द्वारा रोहतास जिला पदाधिकारी को यह जांच प्रतिवेदन समर्पित किया गया था।

 

जांच रिपोर्ट आने के बाद जिलाधिकारी रोहतास ने 26 अगस्त 2020 को गोपनीय शाखा द्वारा पत्रांक 1430 जारी करते हुए अपर समाहर्ता रोहतास की अध्यक्षता में जांच दल का गठन किया था। इसमें तकनीकी विशेषज्ञों से सहयोग लेते हुए उपरोक्त सातों योजनाओं के संबंध में संयुक्त जांच प्रतिवेदन तलब किया गया था। अपर समाहर्ता रोहतास ने 4 फरवरी 2021 को जारी पत्र 172 द्वारा संयुक्त जांच प्रतिवेदन जिला पदाधिकारी को समर्पित किया गया था।

अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में गठित जांच टीम के संयुक्त प्रतिवेदन समर्पित किए जाने के पश्चात 19 फरवरी 2021 को जिला पदाधिकारी रोहतास के गोपनीय प्रशाखा द्वारा जारी पत्रांक 404 में योजना गड़बड़ी की पुष्टि करते हुए सरकारी राशि के गबन का मामला मानकर जिला पदाधिकारी द्वारा सासाराम नगर परिषद के वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी को सभी संबंधित दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।

जिलाधिकारी के उक्त निर्देश के आलोक में कार्यपालक पदाधिकारी अभिषेक आनंद ने स्थानीय नगर थाने में तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी कुमारी हिमानी, मुख्य पार्षद कंचन देवी सहित कनीय अभियंता अरुण कुमार सिंह के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है। नगर थाने मे धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी, 406/34 के तहत कांड संख्या 156/21 दर्ज हो चुका है।

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पूर्व जिलाधिकारी पंकज दीक्षित द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर व नगर परिषद की पूर्व कार्यपालक कुमारी हिमानी।
 नगर परिषद की पूर्व कार्यपालक कुमारी हिमानी को नगर विकास विभाग की ओर से मिला अभयदान का पत्र।

वाहनों के क्रय एवं आपूर्ति में अनियमितता की आरोपी है हिमानी

सासाराम नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में कार्य कर चुकी बिहार नगर सेवा की पदाधिकारी कुमारी हिमानी पूर्व में भी अनियमितता को लेकर चर्चा में रही हैं। शिवानी के ऊपर वाहनों के क्रय एवं आपूर्ति में अनियमितता बरतने के साथ-साथ जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को गलत एवं भ्रामक प्रतिवेदन समर्पित करने का आरोप लग चुका है।

इस आरोप के आलोक में जिला पदाधिकारी रोहतास द्वारा अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा नगर विकास एवं आवास विभाग को की गई थी। इसके आलोक में बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के नियम 9(1) के तहत कुमारी हिमानी को सरकार के विशेष सचिव द्वारा 25 मार्च 2020 को जारी पत्र संख्या 14 16 के द्वारा निलंबित किए जाने का आदेश जारी हुआ था।

अफसरों की कमी के कारण मिला था अभयदान

हालांकि इस मामले में 5 माह बाद ही विभागीय संकल्प ज्ञापांक 2390 दिनांक 8 जुलाई 2020 के आलोक में विभागीय कार्रवाई पूर्ववत संचालित रखने का आदेश नगर विकास एवं आवास विभाग के विशेष सचिव ने दिया था। इसके पीछे वजह यह बताया गया था कि विभाग में पदाधिकारियों की कमी को देखते हुए कार्य हित में कुमारी हिमानी को तत्काल प्रभाव से निलंबन मुक्त किया जाता है। इस संबंध में निर्देश 6 अगस्त 2020 को जारी पत्र संख्या 25 81 द्वारा जारी किया जा चुका है।

पूर्व जिलाधिकारी पंकज दीक्षित द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर व नगर परिषद का गेट।
पूर्व जिलाधिकारी पंकज दीक्षित द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर व नगर परिषद का गेट।

नगर परिषद में होता है फर्जी हस्ताक्षर का खेल

सासाराम नगर परिषद में योजनाओं के लूटपाट एवं अवैध निकासी मामले में फर्जी हस्ताक्षर का खेल खेला जाता है। इसका खुलासा 2020 में हो चुका है। जिसमें वित्तीय वर्ष 2019-20 के योजना संख्या 12 में 07 लाख 23 हजार 824 रुपए की निकासी मापी पुस्तिका पर फर्जी हस्ताक्षर करते हुए की गयी थी। इस संबंध में एक प्रतिवेदन नगर कार्यपालक पदाधिकारी सासाराम ने 31 जुलाई 2020 को प्रेषित पत्र संख्या 2425 के जरिये जिलाधिकारी रोहतास को समर्पित किया था। इसके आलोक में तत्कालीन जिलाधिकारी पंकज कुमार दीक्षित ने फर्जीवाड़ा के आलोक में संबंधित के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश 5 अगस्त 2020 को जारी पत्र संख्या 1334 में दिया था।

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