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प्रशासनिक हस्तक्षेप से NMCH में ऑक्सीजन की किल्लत

NMCH के अधीक्षक ने प्रधान स्वास्थ्य सचिव को चिट्‌ठी लिख की पदमुक्त करने की मांग

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पटना (voice4bihar desk)। प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद NMCH में ऑक्सीजन सिलिंडर की भारी किल्लत हो गयी है। NMCH के अधीक्षक के इस आशय के पत्र के बाद स्वास्थ्य महकमा में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य सचिव से लेकर जिलाधिकारी तक सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलिंडर की आपूर्ति सुचारू करने में लगे हुए हैं। वे मीडिया में सामने आकर दावा भी कर रहे है कि कहीं ऑक्सीजन की कमी नहीं है पर, NMCH के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने इन दावों की पोल खोल कर रख दी है। उनका कहना है कि प्रशासन द्वारा ऑक्सीजन सिलिंडर के आपूर्तिकर्ता के भंडार का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के बाद अस्पताल में इसकी कमी हो गयी है। उन्होंने खुद को अस्पताल अधीक्षक के पद से मुक्त करने की भी मांग की है।

नेता प्रतिपक्ष को मिला सरकार पर वार करने का मौका

उनका कहना है कि NMCH में आपूर्ति किये जाने वाले ऑक्सीजन सिलिंडर की आपूर्ति कहीं अन्यत्र कर दी जा रही है। इससे अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिेडर की कमी हो गयी है जिससे मरीजों की जान जा सकती है। NMCH के अधीक्षक ने इस आशय का पत्र प्रधान स्वास्थ्य सचिव को लिखा है। इस पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हंगामा मचा हुआ है। इससे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को भी सरकार पर वार करने का एक और मौका मिल गया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि आप बस स्थिति की कल्पना कीजिए। 16 वर्षों के मुख्यमंत्री से सवाल-जवाब करना मना है। वो 16 क्या 1600 वर्ष मुख्यमंत्री रहने के बाद भी अपनी गलती नहीं मानेंगे। साथ में उन्होंने NMCH के अधीक्षक की चिट्ठी को भी टैग किया है।

NMCH के कोटे के ऑक्सीजन सिलिंडर कहीं और भेजा जा रहे

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NMCH के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार सिंह ने प्रधान स्वास्थ्य सचिव को लिखे पत्र में बताया है कि कार्यकारी व्यवस्था के अंतर्गत 21.07.2019 को उन्हें NMCH के अधीक्षक का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। तब से वे अपने कर्तव्य का निर्वहण कर रहे हैं। परंतु विगत कुछ दिनों से प्रशासन द्वारा NMCH में ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता के भंडार पर नियंत्रण कर ऑक्सीजन सिलिंडर NMCH की जगह दूसरे अस्पतालों को भेजे जा रहे हैं। इससे NMCH में ऑक्सीजन की भारी मात्रा में कमी हो गयी है। मेरे अथक प्रयासों के बावजूद ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा बरकरार है। इससे यहां भर्ती दर्जनों मरीजों की जान जाने की आशंका बनी रहती है।

अधीक्षक ने लिखा है कि ‘मैं सशंकित हूं कि ऑक्सीजन की कमी से अस्पताल में मरीजों की मृत्यु के बाद इसकी सारी जवाबदेही अधीक्षक पर मढ़ते हुए कार्यवाही की जायेगी। अत: समय रहते हुए उन्हें अस्पताल अधीक्षक के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया जाए।’

तालमेल की कमी से बिगड़े हालात

कृत्रिम ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण करते पटना के जिलाधिकारी।

विदित हो कि NMCH सहित राजधानी पटना के PMCH और पटना AIIMS में कोरोना महामारी के दौरान व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने के लिए राज्य सरकार ने आईएस अफसरों को तैनात किया है। साथ ही कई अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलिंडरों की कमी और इसकी कालाबाजारी की खबरें आने के बाद सरकार ने कृत्रिम ऑक्सीजन के उत्पादन से लेकर इसके वितरण तक की निगरानी शुरू कर दी है। इससे कुछ जगहों पर सुविधा हुई है तो तालमेल की कमी की वजह से जहां पूर्व में ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था सुचारू थी वहां व्यवधान भी उन्पन्न हो गया है। ऐसे में राज्य और जिला प्रशासन अस्पताल प्रबंधन से तालमेल कर ऑक्सीजन सिलिंडर का प्रबंधन करे तभी मरीजों का कल्याण हो सकता है।

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