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नीतीश Cabinet में राजपूत सब पर भारी

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पटना (voice4bihar Desk)। जातिगत चश्मे से देखें तो कह सकते हैं कि Nitish cabinet में राजपूत सब पर भारी पड़े हैं। बिहार में राजनीति की बात हो और जाति की बात नहीं हो यह संभव नहीं है। राजनीतिक पार्टियां उम्मीदवार उतारते वक्त जहां जातिगत समीकरण को ध्यान में रखतीं हैं वहीं मतदाता भी वोट देते वक्त इसका ख्याल रखते हैं। इस जातिगत समीकरण का ख्याल मंत्रिमंडल गठन में भी रखा जाता है।

मंगलवार को नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार की जिस एक नजरिया से आलोचना की जा रही है वह जातिगत ही है। मंगलवार को नीतीश कैबिनेट में अगड़े, पिछड़े, दलित और महादलित का ख्याल तो रखा गया पर किसी भूमिहार को मंत्री नहीं बनाए जाने की आलोचना भाजपा के ही एक विधायक ने कर दी।

बाढ़ से भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि पार्टी को वोट तो भूमिहारों का चाहिए पर मंत्री बनाते वक्त इसका ख्याल नहीं रखा जाता है। यहां बता दें कि मंगलवार को जिन 17 लोगों को मंत्री बनाया गया उनमें कोई भूमिहार नहीं है पर नीतीश मंत्रिमंडल में पहले से ही दो मंत्री इस समाज के हैं। ये हैं विजय कुमार चौधरी और जीवेश मिश्रा। इनके अलावा विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा भी भूमिहार समाज से आते हैं।

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मंगलवार को नीतीश कैबिनेट में जिन्हें जगह मिली उनमें सबसे ज्यादा राजपूत जाति के चार नेता हैं। इनके अलावा मुस्लिम, ब्राह्मण और वैश्य समाज के दो-दो नेताओं को मंत्री बनाया गया है। कायस्थ, कुर्मी, मल्लाह, दलित और महादलित समाज से भी एक-एक मंत्री बनाए गए हैं। राजपूतों की बात करें तो नीरज कुमार सिंह, सुभाष सिंह, सुमित कुमार सिंह और लेसी सिंह मंत्री बनाये गए हैं। लेसी मंगलवार को शपथ लेने वालों में एक मात्र महिला सदस्य हैं।

राजपूत समाज से आने वाले अमरेंद्र प्रताप सिंह सिंह पहले से मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं। कुल मिलाकर राजपूत समाज के पांच सदस्य मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं। बिहार विधानसभा के कार्यकारी सभापित अवधेश नारायण सिंह भी राजपूत समाज से ही आते हैं। वरिष्ठ पत्रकार नीरज सिंह का कहना है कि एनडीए को इस समाज ने 21 विधायक दिये हैं इसलिए सत्ता में उनकी अधिक भागीदारी को अनुचित नहीं कहा जा सकता है।

मुस्लिम समाज से शाहनवाज हुसैन और जमा खान, ब्राह्मण समाज से आलोक रंजन और संजय झा, कुशवाहा समाज से सम्राट चौधरी और जयंत राज मंत्री बनाए गए हैं। वैश्य समाज से प्रमोद कुमार और नारायण प्रसाद जबकि महादलित समाज के जनक राम और दलित तबके समाज के बिहार के पूर्व डीजी सुनील कुमार मंत्री बनाए गए हैं। श्रवण कुमार कुर्मी, नितिन नवीन कायस्थ और मल्लाह समाज से आने वाले मदन सहनी मंत्री बनाए गए हैं।

इनमें शाहनवाज हुसैन केंद्र में अटल बहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रह चुके हैं जबकि श्रवण कुमार और मदन सहनी नीतीश सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके हैं। गोपालगंज से सांसद रह चुके जनक चमार फिलहाल बिहार विधानमंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। इनको मिलाकर अशोक चौधरी के बाद वे नीतीश मंत्रिमंडल के दूसरे सदस्य हैं जो बिहार विधानमंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। शपथ लेने के बाद छह माह के अंदर उन्हें किसी सदन का सदस्य बनाना होगा। बहुत संभव है कि दोनों विधान परिषद के रास्ते सदन में प्रवेश करें।

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