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कैमूर की वादियों में पर्यटकों की बढ़ेगी सुरक्षा, रेहल में स्थापित होगा पुलिस थाना

रोहतास के पुलिस अधीक्षक ने नए थाने के गठन का प्रस्ताव भेजा

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कैमूर घाटी के 44 गांवों को नए थाना क्षेत्र में शामिल किया जाएगा

अभिषेक कुमार सुमन के साथ बजरंगी कुमार की रिपोर्ट

सासाराम (voice4bihar news)। रोहतास जिले के कैमूर पहाड़ी की खूबसूरत वादियों में घूमने के लिए आने जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा अब और चुस्त होगी। इस मकसद को पूरा करने के लिए पहाड़ी पर बसे बहुचर्चित गांव रेहल में पुलिस थाना स्थापित होगा। रोहतास पुलिस कप्तान आशीष भारती ने यह जानकारी स्थानीय मीडिया से साझा की है।

बृहस्पतिवार (03 मार्च 2022) को जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस थाना क्षेत्र में कुल 44 पहाड़ी गांव को शामिल किया जाएगा, जिसमें रोहतासगढ़ पंचायत के बभन तालाब, नागा टोली, बुधुवा खुर्द, फपरपुट्टी,धनसा, बालुआही,रानाडीह, लुका, पहरू, बुधुआ कला, नकटी, भवनवा, चाकडीह , कछुअर सहित कुल चौदह गांव एवं नौहट्टा थाना क्षेत्र के पिपरडीह पंचायत के बन्डा , पंडो, हसडी , कोरहान्स, नयकाडीह (कोरहान्स) चनहट्टा , हुरमेट्टा (उरांव टोल), हुरमेट्टा(खरवार टोला) नयकाडीह, रेहल, पुरानी रेहल, कुबा , मदेया, जोन्हा, कर्मटरिया, सोली, चानोडीह, पिपरडीह, बंडाडीह, बजरमरवा, गुलरिया डीह, जमुन्दाहा, सलमा(उरांव टोला) सलमा (खरवार टोला) लौडी (दक्षिण टोला) लौडी (उत्तरीटोला) जमुनिया डीह, हरैया डीह, बरकट्टा, जेमरदाग सहित कुल तीस गावों को शामिल किया जाना प्रस्तावित है।

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ऐतिहासिक रोहतास गढ़ किला के पास लहराता राष्ट्रीय ध्वज।

नक्सली संगठन के पुनर्गठन पर लगेगा विराम

पुलिस कप्तान आशीष भारती के मुताबिक यह इलाका 250 वर्ग किलोमीटर में पठार एवं वन क्षेत्र होने सहित कैमूर जिले के अलावे उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जंगली क्षेत्र होने के कारण काफी संवेदनशील माना जाता है। इस इलाके में नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने सहित नक्सली संगठनों के पुनर्गठन की संभावना को रोकने के उद्देश्य से रेहल थाने का प्रस्ताव भेजा जा रहा है।

पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र ऐतिहासिक रोहतास गढ़ किला।

पुलिस कप्तान आशीष भारती के मुताबिक कैमूर पहाड़ी पर रहने वाले आदिवासी बहुल इलाकों में लोगों के विकास सहित सुरक्षा व्यवस्था कायम करने को सुलभ बनाने में प्रस्तावित थाना कारगर साबित होगा। इसके अलावा रोहतास गढ़ किला भ्रमण के लिए सुदूरवर्ती इलाकों से आने वाले पर्यटकों के लिए कारगर सुरक्षा देने में मील का पत्थर साबित होगा। सर्वविदित है कि यह इलाका पूर्ण रूप से नक्सल प्रभावित पहाड़ी इलाका है।

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