Header 300×250 Mobile

नाबालिग उम्र में प्यार चढ़ा परवान, तो बहन ने ली सहोदर भाई की जान

सोलह बरस की बाली उमर हुई दागदार, बड़े भाई का यार ही निकला गद्दार

- Sponsored -

1,419

- sponsored -

- Sponsored -

आशिक के साथ मिलकर छोटे भाई को लगाया ठिकाने, करती रही सौ-सौ बहाने

जांच में खुला कत्ल का खेल, हत्यारिन बहन व उसका आशिक भी भेजा गया जेल

अभिषेक कुमार सुमन के साथ बजरंगी कुमार की रिपोर्ट

सासाराम (Voice4bihar news)। कहते हैं प्यार अंधा होता है। इतना अंधा कि समाज की रुढ़ियां तोड़ने पर आमादा यह प्यार कई बार रिश्तों का खून कर बैठता है। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला रोहतास जिले में सामने आया है, जहां अपनी सगी बहन के प्यार पर पहरा डालने वाले अल्पायु छोटे भाई को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। हत्यारा कोई और नहीं, बल्कि उसकी सगी नाबालिग बहन व उसका कथित प्रेमी है। घटना करीब दो वर्ष पहले की है। पुलिस की अपराध अनुसंधान शाखा की जांच में सामने आए सनसनीखेज तथ्यों ने सबको हैरत में डाल दिया है।

’16 बरस की बाली उमर’ में जहां प्यार का रुमानी एहसास होता है, वहीं जिस्मानी भूखा मिटाने को उन्मत यह उम्र बदनाम भी है। उम्र का यह मोड़ कई बार खतरनाक कारनामे कर बैठता है। अपने सहोदर भाई के खून से हाथ रंगने वाली आरती की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। रोहतास जिले के चेनारी थाना क्षेत्र अंतर्गत नैरैना गांव में सात अप्रैल 2020 को हुई अभिषेक उर्फ बड़े की हत्या में साझीदार रही उसकी बहन आरती को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह गायघाट पटना भेज दिया है।

इस सच को उजागर करने के लिऐ Voice4bihar.com की रोहतास टीम ने गहन जानकारी और दस्तावेज जुटाए हैं। सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि बड़े भाई के दोस्त के ही इश्क में पड़कर छोटे भाई की हत्या का षडयंत्र उस बहन ने रचा, जो पिछले ग्यारह वर्ष तक कलाई पर राखी बांध भाई से खुद की रक्षा का वचन लिया करती थी। वारदात के वक्त आरती महज 16 वर्ष की थी, जबकि उसके प्यार में आड़े आ रहे सगे भाई अभिषेक की उम्र महज 12 वर्ष की थी।

मां-बाप के साथ खेत पर गेहूं काटने गया था अभिषेक

पांच बेटे-बेटियों में मां-बाप के सबसे करीब अभिषेक ही था। गरीब माता-पिता के घर गृहस्थी में हाथ बंटवाने वाले अभिषेक को सात अप्रैल 2020 की सुबह इस बात का अंदाजा भी नहीं होगा कि जिस बहन का पेट भरने और उसे डोली में बैठाने का सपना संजोये वह मां-बाप के साथ गेहूं काटने के लिए सूर्योदय से पहले ही खेत पर जा रहा है, उस बहन ने ही आज की तारीख को उसके जिन्दगी की आखिरी तारीख साबित करने की साजिश रच दी है। मजदूर वर्ग में जन्मे इस किशोर को यह भी पता नहीं होगा कि मां बाप के लिए भोजन-पानी लाने घर जाना उसके लिए मौत का सबब बन जाएगा।

भोजन लाने घर पहुंचा अभिषेक लेकिन वापस नहीं लौटा

सात अप्रैल 2020 की सुबह उठकर मां-बाप के साथ खेत में गेहूं काटने निकला अभिषेक कुमार उर्फ बडे़ ने कुछ घंटे गेहूं की कटाई की। इसके बाद गेहूं कटाई में जुटे मां-बाप के लिए भोजन लाने खेत से घर के लिए निकला। उम्मीद के मुताबिक एकाध घंटे में उसे भोजन लेकर खेत पर लौट आना था। काफी देर बाद भी अभिषेक खेत पर भोजन लेकर नहीं पहुंचा तो मां-बाप बेचैन हो गए। इसी दौरान खेत पर भोजन लेकर अभिषेक की बहन आरती पहुंची तो मां-बाप ने अभिषेक के बारे में पूछा।

आरती के पास तैयार था रेडीमेड बहाना

इसके जवाब में आरती के पास रेडीमेड बहाना तैयार था। उसने बताया कि अभिषेक घर पहुंचा और हाथ मुंह धोकर भोजन करने बाद मां-बाप के लिए भोजन का गट्‌ठर बांधने को कहते हुए घर से बाहर निकल गया। बकौल आरती, जब काफी विलंब के बाद भी अभिषेक घर नहीं लौटा तो वह खुद भोजन की गठरी लेकर खेत पर आ गयी। आरती की स्वरचित कहानी पर मां-बाप को विश्वास नहीं हुआ। शायद आरती के कथन में छुपे झूठ को भांप लिया था।

खेत पर भोजन करने की बजाय सरपट घर भागे मां-बाप

सूत्र बताते हैं कि बेटी की बातों पर विश्वास नहीं हुआ तो बिना भोजन किये ही मां-बाप सरपट घर पहुंचे। भूखे पेट ही उन्होंने अभिषेक की तलाश शुर कर दी। साथ ही सभी रिश्तेदारों को सूचित कर घंटे भर के भीतर कई रिश्तेदारों को भी अभिषेक की तलाश में लगा दिया।

मां ने कहा-बिना चप्पल बाहर नहीं निकलता अभिषेक

विज्ञापन

बेटे अभिषेक को आंखों के सामने न देख अनहोनी की आशंका भांपकर मां बार-बार बेसुध हो रही थी। इस बीच बेटे की आदतों को याद करते हुए खोजबीन में जुटे लोगों को संकेत दे रही थी। अपने बेटे अभिषेक के चप्पल को आंगन में पड़ा देख वह चौक गयी। उसने कहा कि बिना चप्पल पहने अभिषेक घर से बाहर नहीं निकलता था। इसका खुलासा पुलिस के समक्ष मृतक की माँ ने 07 अप्रैल गुमशुदगी के दिन हीं किया है। पुलिस के समक्ष दिया गया माँ का यह बयान शायद इस बात का संकेत था कि अभिषेक अपने आंगन के बहुत ही करीब है और यही सच था। बस मां का मन इस बात से इत्तेफाक नहीं खा सका था कि शायद अब उसके बेटे ने दुनिया को अलविदा कह दिया है और यह कुकर्मी करामात उसकी खुद की बेटी ने ही की है।

अभिषेक उर्फ बड़े हत्याकांड के अनुसंधानकर्ता एवं तत्कालीन चेनारी थानाध्यक्ष राकेश कुमार।

चौकीदार ने किया प्रेम प्रसंग में हत्या किये जाने का इशारा

तत्कालीन थानाध्यक्ष राकेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस जांच टीम ने जब गांव के चौकीदार से इस मामले पर जानकारी ली तो चौकीदार शिव बिहारी पासवान ने जांच टीम को चौंकाने वाला क्लू दिया। गांव में हो रही चर्चा के हवाले से चौकीदार ने बताया कि मृतक की बहन आरती और गांव के हीं अंकित के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा है और दोनों कोआपत्तिजनक स्थिति में देखे जाने का दावा गांव वाले करते हैं। इसी कारण अभिषेक कुमार की हत्या किये जाने की आशंका है।

इस मामले का खुलासा स्वयं थानाध्यक्ष ने केस डायरी के पारा 28 में किया है। पुलिसिया पूछताछ के दौरान मृतक के बड़े भाई रोहित कुमार ने अंकित कुमार को अपना दोस्त बताया और गांव की सरस्वती पूजा एक साथ मिलकर मनाए जाने का जिक्र किया। साथ ही चौकीदार ने तत्कालीन थानाध्यक्ष राकेश कुमार को यह भी जानकारी दी कि अभिषेक की डेड बॉडी बरामद होने के बाद से ही अंकित के घर से गायब हो गया था। चौकीदार और रोहित से मिली जानकारी के बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष राकेश कुमार को कांड अनुसंधान की सही दिशा झलक चुकी थी।

सीडीआर ने खोला राज

हत्याकांड में प्यार का एंगल सामने आने पर पुलिस ने तकनीकी आधार पर जांच शुरू की। अभिषेक कुमार उर्फ बड़े की हत्या मामले में संदिग्ध नरैना गांव के ही रामाशंकर सिंह के पुत्र अंकित कुमार के मोबाइल संख्या 7257988766 का कॉल डिटेल्स काफी अहम माना गया। कांड के अनुसंधानकर्ता तत्कालीन थानाध्यक्ष राकेश कुमार ने हत्या के सप्ताह दिनों के भीतर ही पुलिस तकनीकी इकाई की मदद से कॉल डिटेल प्राप्त कर लिया। इसका अवलोकन किया तो घटना के पुख्ता सबूत मिले, जो आरती और अंकित अवैध संबंध पर मुहर लगा रहे थे। अब पुलिस को केस अनुसंधान की सही दिशा और घटना का कारण मिल चुका था।

डेढ़ माह बाद हत्थे चढ़ा अंकित भेजा गया बाल सुधार गृह

अभिषेक कुमार उर्फ बड़े की हत्या के डेढ़ माह बाद 20 मई 2020 चेनारी थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष राकेश कुमार लांजी पुल पर वाहन चेकिंग अभियान चला रहे थे। इसी बीच तत्कालीन थानाध्यक्ष राकेश कुमार को अभिषेक हत्याकांड के संदिग्ध अंकित कुमार के पलौंधा मोड़ से पैदल उर्दा बड्डी की ओर जाने की गुप्त सूचना मिली। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष ने त्वरित जाल बिछाते हुए अंकित को दबोच लिया और थाने पहुंच पूछताछ शुरू की।

पूछताछ के शुरुआती दौर में अंकित पुलिस को गुमराह करने का प्रयास करता रहा, लेकिन मोबाइल कॉल डिटेल्स सामने रखे जाने के बाद अंकित ने आरती से प्रेम प्रसंग की बात को स्वीकार कर लिया। साथ ही पिछले 6 महीने से आरती के संपर्क में रहने और घटना के बाद मोबाइल बैटरी और सिम को कूच कर फ़ेंकने की बात स्वीकार की। पुलिस ने 16 साल उम्र की कारण अंकित को किशोर न्याय परिषद सासाराम में प्रस्तुत करते हुए न्यायिक आदेश पर बाल सुधार गृह आरा भेज दिया।

आईपीएस शौर्य सुमन का पर्यवेक्षण रिपोर्ट जारी होते पुलिस ने आरती को दबोचा

अभिषेक हत्याकांड के संदिग्ध अंकित कुमार की गिरफ्तारी और स्वीकारोक्ति बयान के बाद हत्या मामले का पूर्णतः पर्दाफाश हो चुका था। अभिषेक कुमार की हत्या में बहन आरती की संलिप्तता सहित अंकित से उसका प्रेम प्रसंग भी उजागर हो चुका था। पुलिस अंकित को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह आरा भेज चुकी थी। अब कांड के अनुसंधानकर्ता को आरती को दबोचने के लिए वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश का इंतजार था।

अनुसंधानकर्ता पुलिस टीम का इंतजार तब खत्म हुआ जब तत्कालीन प्रशिक्षु आईपीएस शौर्य सुमन ने कांड की पर्यवेक्षण रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अभियुक्तों ने अभिषेक कुमार उर्फ बडे़ की गला दबाकर हत्या की थी। इसके बाद बोरा में बंद कर कहीं छुपा दिया। अंधेरा होने के बाद घटनास्थल पर रखने का खुलासा भी हुआ।

हत्यरिन बहन को पुलिस ने किया गिरफ्तार

पर्यवेक्षण रिपोर्ट जारी होने के साथ ही हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस ने अभिषेक की बहन आरती कुमारी को 24 जून 2020 की देर संध्या घर पहुंच कर गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी प्रशिक्षु महिला दारोगा नेहा सिन्हा के नेतृत्व में की गयी। गिरफ्तार हत्यारिन बहन आरती को भी नाबालिग होने के कारण न्यायिक आदेश के आलोक में पुलिस ने बाल सुधार गृह गायघाट पटना भेज दिया। पुलिस मृतक अभिषेक की बहन आरती और उसके आशिक अंकित के विरुद्ध न्यायालय में 28 फरवरी 2021 को आरोप पत्र समर्पित करते हुए पुलिस इस मामले का अनुसंधान बंद कर चुकी है ।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

ADVERTISMENT