हार्डकोर नक्सली शंकर राम को हत्या के मामले में मिली रिहाई
रोहतास सिविल कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में किया बारी
करीब 14 साल पहले हुई थी शंकर की गिरफ्तारी
रोहतास से अभिषेक कुमार सुमन की रिपोर्ट
कैमूरांचल घाटी के हार्डकोर नक्सली कमांडर के रूप में चर्चित शंकर राम उर्फ रौशन को हत्या के मामले में रोहतास सिविल कोर्ट के एडीजे 13 की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। वर्ष 2004 में हत्या का मामला तिलौथू थाने में दर्ज हुआ था जिसमें नक्सली कमांडर शंकर राम के विरुद्ध मिर्जापुर गांव निवासी विजय मंडल सिंह और पिंटू यादव की हत्या करने का आरोप नक्सली दस्ते पर लगा था।
इस मामले में रोहतास पुलिस ने शंकर राम की संलिप्तता मानते हुए 6 जून 2007 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
शंकर राम उर्फ रौशन पर दर्ज हैं दर्जनों मामले
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रोहतास जिले के मुफस्सिल पुलिस के हत्थे चढ़ा हार्डकोर नक्सली कमांडर शंकर राम के विरुद्ध रोहतास और कैमूर के विभिन्न थानों में 2 दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। कैमूर जिले के अधौरा, चैनपुर व चांद थाने के अलावा रोहतास जिले के चुटिया, नौहट्टा, रोहतास व तिलौथू सहित कई थानों में शंकर के खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज हैं। तिलौथू में हुए हत्या के मामले में करीब 14 साल बाद फैसला आया। कोर्ट ने पुलिस की ओर से पेश सबूतों को अपर्याप्त माना और साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
तत्कालीन थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती ने किया था गिरफ्तार

बताते चलें कि वर्ष 2007 में शंकर राम उर्फ रौशन को तत्कालीन मुफस्सिल थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती द्वारा गिरफ्तार किया गया था। उन दिनों मनोरंजन भारती अपनी कार्यशैली व दिलेरी की वजह से राज्य भर में चर्चित पुलिस अफसर माने जाते थे। शंकर राम उर्फ रौशन कैमूर जिले के चांद थाना अंतर्गत जमालपुर पतेरी गांव का मूल निवासी है। जो रोहतास जिले के तिलौथू थाने में दर्ज हत्या के मामले में बरी हो चुका है।