Header 300×250 Mobile

मां की अय्याशी पर उंगली उठाना पड़ा भारी, आशिक के साथ मिलकर मां ने दी सजा-ए-मौत

हाईवे किनारे बरामद लावारिस लाश की तफ्तीश में खूब भटकी पुलिस, अंततः मिली सफलता

- Sponsored -

1,109

- Sponsored -

- sponsored -

शातिराना अंदाज में की शादीशुदा बेटे की हत्या, निर्दोष लड़की को भिजवाया जेल

नोखा थाना क्षेत्र के शिवपुर गांव की घटना, नेशनल हाईवे के किनारे मिली थी लाश

अभिषेक कुमार के साथ बजरंगी कुमार सुमन की रिपोर्ट

सासाराम (voice4bihar news)। अपने आशिक के इश्क में अंधी एक मां ने न सिर्फ अपनी ही कोख से पैदा पुत्र की हत्या की साजिश रच डाली, बल्कि अपने बेटे की दोस्त आरती को फंसाने का भी षड्यंत्र रच डाला। पुलिस को गुमराह करने की यह पटकथा काफी सफल भी रही और बेकसूर आरती को कई माह तक सलाखों के पीछे रहना पड़ा। लव, मर्डर व साजिश की यह कहानी रोहतास जिले के नोखा थाना अंतर्गत शिवपुर गांव में सामने आई है।

पिछले 11 मार्च को कोलकाता- दिल्ली (NH-2) पर लेरूआ के पास हाईवे किनारे एक युवक की लाश पड़ी होने की खबर से लेरुआ, मेदनीपुर, कंचनपुर, जमुहार, भगवान बिगहा और भड़कुड़िया गांव में सनसनी फैल गयी थी। अहले सुबह फोरलेन किनारे सैकड़ों की संख्या में जमा लोगों ने डेड बाडी को देखा लेकिन किसी ने पहचान नहीं बतायी क्योंकि युवक इस इलाके का ही नहीं था। शव पड़े होने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने कान से खून बहता देख प्रथम दृष्टया शव को अज्ञात मान लिया। साथ ही स्थानीय चौकीदार यमुना पासवान के बयान पर गोली मार हत्या करने की आशंका व्यक्त करते हुए मुफस्सिल थाना कांड संख्या 102/21 दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया।

लावारिस लाश की पहचान थी पहली चुनौती

अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध दर्ज हत्या के मामले के अनुसंधान में जुटी पुलिस के समक्ष हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए सबसे बड़ी चुनौती मृतक की पहचान कायम करने को लेकर थी। सप्ताह दिनों के भीतर ही सासाराम मुफस्सिल पुलिस ने पूरा कर लिया और नोखा थाना क्षेत्र के शिवपुर गांव के कुछ लोगों ने शिनाख्त की। लावारिस शव की पहचान नोखा थाना क्षेत्र के शिवपुर निवासी सत्येंद्र चौधरी के पुत्र छोटेलाल चौधरी उर्फ छोटू चौधरी के रूप में की गयी।

मोबाइल सीडीआर के सहारे शुरू हुआ अनुसंधान

मृतक की पहचान कायम हो जाने के बाद पुलिस ने मृतक छोटे लाल चौधरी उर्फ छोटू चौधरी के मोबाइल को खंगालना शुरू किया। मोबाइल का सीडीआर खंगालने के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि मृतक का गढ़वा जिले की आरती नाम की एक लड़की से दोस्ती थी, जिससे लगातार बात करता था और घटना के दिन आरती का डेहरी इलाके में होने के तकनीकी प्रमाण मिले। मृतक छोटेलाल उर्फ छोटू चौधरी के शव बरामदगी स्थल लेरूआ हाईवे का डेहरी से सीधा सबंध है। ऐसे में पुलिस ने इस मामले का सूत्राधार मानते हुए गढ़वा जिले के नोनगाछी निवासी आरती को जेल भेज दिया।

पुलिस ने रिमांड पर लेकर भी पूछताछ किया लेकिन आरती ने मोबाइल पर बातचीत करने के मामले को स्वीकारते हुए हत्या करने या कराने से इंकार करती रही। इस दौरान आरती के मोबाइल सीडीआर के आधार पर आरती के एक अन्य दोस्त को भी पुलिस ने दबोचा, लेकिन दबोचे गये युवक ने आरती से दोस्ती की बात तो स्वीकार की लेकिन आरती और छोटू के बीच होने वाली बातचीत सहित छोटू हत्याकांड मामले से अनभिज्ञता जतायी।

मृतक की मां ने रची थी हत्या में आरती को फंसाने की साजिश

हत्या की साजिश रचने वाली चमेली देवी ने अपने बेटे को उस दिन जान से मारने की योजना बनायी, जिस दिन बेटे का आरती से मोबाइल पर बातचीत हो। इसी षड्यंत्र के तहत चमेली ने पहले बेटे को अपने आशिक डंगरा टोला निवासी ट्रक ड्राइवर सुरेश चौधरी के साथ खलासी के रूप में काम करने को राजी किया। फिर छोटू के मोबाइल पर आरती के फोन आने का इंतजार करने लगी। खलासी बनने के पूर्व छोटेलाल चौधरी उर्फ छोटू सासाराम कोचस रोड में कोनार के एक राइस मिल में मजदूरी का काम करता था।

हत्या को सड़क दुर्घटना की शक्ल देने की पूरी कोशिश

चमेली ने अपने आशिक सुरेश चौधरी को सचेत कर रखा था कि आरती के फोन आने वाले दिन ही छोटू की हत्या कर लाश सड़क किनारे फेंक देना है। साथ ही मामला प्रथम दृष्टया सडक दुर्घटना प्रतीत होने जैसा बना देना है और यदि पुलिस हत्या का मामला समझ अनुसंधान भी करे तो पुलिस के रडार पर पहले आरती आए। घटना के बाद अनुसंधान में जुटी पुलिस चमेली के रचे जाल में फंसी और कई माह तक गुमराह रही। इस बीच आरती को मोबाइल पर बात करने के कारण जेल भी जाना पड़ा लेकिन वह हत्याकांड के मामले में स्वयं को निर्दोष बताती रही।

विज्ञापन

पुलिस के दिमाग में खटका चमेली के पति का बयान

छोटू चौधरी की हत्या मामले में भले ही पुलिस ने आरती को तकनिकी साक्ष्य के आधार पर जेल भेज दिया लेकिन हत्या का कारण स्पष्ट नहीं होने और आरती द्वारा हत्या में संलिप्तता से इंकार किया जाना पुलिस के पदाधिकारियों सहित कांड के अनुसंधानकर्ता को बेचैन कर रखा था। पुलिस अपने काम से स्वयं ही संतुष्ट नहीं थी।

इसी दौरान पुलिस को मृतक के गांव निवासी ग्रामीण सूत्रों ने मृतक की माँ की तरफ उंगली उठायी तो पुलिस के दिमाग में मृतक के पिता का एक बयान खटका, जिसमें मृतक के पिता सत्येन्द्र चौधरी ने कहा था कि मेरा परिवार ठीक नहीं है, साहब! हम लाचार हैं। यहीं से पुलिस ने अनुसंधान को मृतक की मां पर केंद्रित किया जिसके बाद हत्याकांड से पर्दा उठा और जो खुलासा हुआ वह अविश्वसनीय था।

पुराने प्रेमी के इश्क में अपनी कोख को उजाड़ने का हुआ खुलासा

कहा जाता है प्यार अंधा होता है, लेकिन प्यार में इश्क का खुमार इस कदर सवार हो जाए कि अपनी ही कोख से पैदा हुए शादीशुदा बेटे की हत्या की साजिश रच दे, तो मां शब्द हीं कलंकित हो जाता है। छोटेलाल चौधरी उर्फ छोटू मर्डर केस में भी कुछ ऐसा ही खुलासा हुआ है। मामले में पुलिस ने 22 अगस्त को मृतक की हत्या का षडयन्त्र रचने वाली कलयुगी माँ चमेली देवी सहित उसके वर्षो पुराने प्रेमी सुरेश चौधरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

पुलिस के समक्ष किये गये स्वीकारोक्ति के मुताबिक मामला नोखा थाना क्षेत्र के लेवड़ा से शुरू हुआ, जहां डंगरा टोला निवासी चंद्रदेव चौधरी की बेटी की शादी हुयी। बहन के घर आने जाने के दौरान चंद्रदेव चौधरी के पुत्र सुरेश चौधरी की नजरें अपनी बहन की ननद चमेली देवी से लड़ी और दोनों में प्यार हो गया। चमेली की शादी नोखा थाना क्षेत्र के शिवपुर निवासी महावीर चौधरी के बेटे सत्येन्द्र चौधरी से हो गयी।चमेली की शादीशुदा जिंदगी में भी सुरेश चौधरी का प्यार कायम रहा।

वर्षों तक कायम रहा अनैतिक संबंध, अवैध रिश्ता हुआ जगजाहिर

चमेली का पति राइस मिल में काम करता था और काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहने के कारण सुरेश और चमेली को रंगरलियां मनाने का मौका मिलता रहा। दोनों का अनैतिक संबंध वर्षो तक कायम रहा। दो बेटी और दो बेटे सहित चार बच्चों की माँ बनने के बावजूद चमेली के ससुराल में सुरेश चौधरी का आना-जाना बना रहा और जगजाहिर प्रेम के बीच रिश्ते बनते रहे। सुरेश चौधरी अपने घर परिवार के साथ चमेली के घर परिवार का खर्च भी उठाता रहा। यहां तक कि दोनों बेटियों की शादी का खर्च सहित मृतक छोटेलाल उर्फ छोटू चौधरी की शादी का खर्च भी उठाया। जैसा कि सुरेश चौधरी ने गिरफ्तारी के बाद हुए अपने कबूलनामा में स्वीकार किया है।

मोकर व करवंदिया में पिलाई शराब, फिर लात-घूंसे से पीट कर मार डाला

सुरेश चौधरी के कबूलनामा के मुताबिक छोटू चौधरी खलासी के रूप में सुरेश चौधरी के साथ कार्य करने लगा था और घटना के दिन छोटू चौधरी की दोस्त आरती का छोटू के मोबाइल पर फोन आने की पुष्टि चमेली देवी ने सुरेश चौधरी से कर दी थी। साथ ही खाना लेकर भेजने की सूचना सुरेश चौधरी को दी थी। सुरेश चौधरी ने आरा सासाराम रोड में सतरबिगहवा के पास अपने ट्रक में बिठाया और मोकर पहुंचकर भोजन करने के दौरान जमकर छोटू को शराब पिलाई।

मोकर से सासाराम पहुंचने तक छोटू नशे में नहीं हुआ तो सुरेश चौधरी ने सासाराम करवंदिया रोड में दवनपुर मोड पर पहुंच कर छोटू को दुबारा शराब पिलायी और जब छोटू पूरा नशे में हो गया तो उसे लात और घूंसे से मार पीट कर मौत की नींद सुला दी। वहां से जमुहार होते हुए कंचनपुर के रास्ते लेरूआ पहुंच ट्रक से शव को हाईवे सडक किनारे फेंक दिया और धनकाढा ईलाके से चोरी की गिट्टी लोड कर ईलाके से निकल गया ।

माँ की अय्याशी का विरोध बना हत्या का कारण

मृतक छोटू चौधरी की मां चमेली देवी शादी के पूर्व से ही अपनी भाभी के भाई से इश्क करती थी। इस मामले को छोटू के पिता सत्येंद्र चौधरी सहित परिवार के सभी सदस्य जानते थे। बावजूद इसके चमेली देवी से सुरेश चौधरी का संबंध कायम रहा। इसी बीच छोटू चौधरी के राइस मिल में मजदूर साथियों और ग्रामीणों के द्वारा छोटू चौधरी पर उसकी मां के संबंध को लेकर छींटाकशी की जाने लगी।

इस वजह से छोटू अंदर ही अंदर बागी बन चुका था। एक दिन बगावत के जोश में छोटू चौधरी ने मां चमेली देवी की बदचलनी के लिए पिता को जिम्मेदार ठहराते हुए पिता सत्येन्द्र चौधरी के साथ मारपीट कर डाली। मारपीट की घटना के बाद चमेली देवी बेटे के बागी तेवर को भांप गयी। अपने इश्क की राह का सबसे बड़ा कांटा समझ रास्ते से हटाने की साजिश रचने लगी। आखिरकार बड़े ही शातिराना अंदाज में अपने आशिक के हाथों साजिश को अंजाम दे डाला।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored