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जनप्रतिनिधियों की लगातार हो रही हत्या से बौखलाया कुशवाहा समाज

सासाराम में कुशवाहा क्रांतिकारी सेना ने निकाला कैंडल मार्च

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संगठन ने कहा- अब सरकार से नहीं लगाएंगे गुहार, उन्हीं की भाषा में देंगे जवाब

राजनीतिक स्वार्थ के लिए जनप्रतिनिधियों की जान ले रहीं सामंतवादी ताकतें

सासाराम (voice4bihar news)। राज्य में एक बार फिर शुरू हुई सियासी हत्याओं के दौर में लगातार नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की हो रही हत्या से कुशवाहा समाज की बौखलाहट सामने आने लगी है। हाल के दिनों में कुशवाहा समाज के जीते हुए जनप्रतिनिधियों की हत्या के विरोध में कुशवाहा क्रांतिकारी सेना ने सासाराम में 19 दिसंबर 2021 को एक कैंडल मार्च निकाला और कड़े शब्दों में विरोध जताया।

कुशवाहा क्रांतिकारी सेना के नेतृत्व करता प्रिंस मौर्य के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया तथा कुशवाहा सभा भवन से लेकर अमर शहीद जगदेव प्रसाद बौलिया चौक तक आक्रोश भरा कैंडल मार्च किया गया। जिसमें कहा गया कि अब सरकार से हम अपनी रक्षा के लिए गुहार नहीं लगाएंगे बल्कि विरोधियों को उसी अंदाज में जवाब देंगे। अर्थात ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा, तभी कुशवाहा समाज के लोग सुरक्षित और महफूज रह सकते हैं।

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एक हफ्ते में कुशवाहा समाज के 5 जनप्रतिनिधियों की हत्या

एक हफ्ते के अंदर प्रदेश स्तर के 5 कुशवाहा जनप्रतिनिधियों की हत्या के विरोध में कुशवाहा क्रांतिकारी सेना के बैनर तले सासाराम कुशवाहा सभा भवन में आज शाम 5:00 बजे कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। इसमें कुशवाहा क्रांतिकारी सेना के सैकड़ों युवाओं ने सम्मिलित होकर विरोध जाहिर किया। साथ ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दोषियों को फांसी के तख्ते पर लटकाने के लिए एक स्वर में सभी क्रांतिकारी साथियों ने मांग की।

वक्ताओं ने कहा- ऐसी घटनाएं सुशासन के गाल पर तमाचा

प्रदर्शन में शामिल वक्ताओं ने कहा कि विगत 1 सप्ताह के अंदर कुशवाहा जनप्रतिनिधि नीरज महतो समेत 5 को बहुत ही साजिश के तहत राजनीतिक स्वार्थ में संलिप्त होकर सामंतवाद के द्वारा मौत के बहुत घाट उतार दिया गया था। जिसका विरोध पूरे बिहार प्रदेश में जगह-जगह पर कैंडल मार्च और प्रदर्शन के माध्यम से किया जा रहा है। अफसोस तो इस बात की है कि सरकार जरा भी इस तरह की घटनाओं पर एक्शन लेने का मूड में नजर नहीं आ रही है जो कि सुशासन बाबू के गाल पर तमाचा कहा जा सकता है।

इस कार्यक्रम में शामिल रविन्द्र मेहता, महेंद्र बौद्ध, शशिप्रकाश कुशवाहा, वसंत कुशवाहा, विशाल कुशवाहा, तबाही कुशवाहा, रवि कुशवाहा, विक्की कुशवाहा , दीपक कुशवाहा, गौतम कुशवाहा,संजीव सम्राट, धीरज कुशवाहा, अरुण कुशवाहा और सैकड़ों कुशवाहा क्रांतिकारी सेना के नौजवान सम्मिलित हुए।

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