युवा जदयू जिलाध्यक्ष के उपनयन संस्कार में हर्ष फायरिंग
महिलाओं के हाथों भी कराई गयी लाइसेंसी बंदूक से फायरिंग
रिटायर्ड फौजी पिता के साथ घर की कुछ महिलाएं भी फायरिंग में शामिल
पटना (voice4bihar desk)। सुप्रीम कोर्ट की सख्त चेतावनी के बावजूद राज्य में शादी-ब्याह व अन्य खुशी के मौके पर हर्ष फायरिंग से लोग बाज नहीं आ रहे हैं। इस पर भी बात अगर रसूखदार या सत्ता से जुड़े लोगों की हो तो उन्हें कौन रोक सकता है। इस क्रम में हर्ष फायरिंग का एक अनोखा मामला सामने आया है जिसमें न केवल पुरुष, बल्कि महिलाओं ने भी फायरिंग की।
इस संबंध में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो सहरसा जिले के महिषी थाना क्षेत्र में उपनयन संस्कार का बताया जा रहा है, जिसमें जमकर हर्ष फायरिंग की जा रही है। इसमें खास बात है कि यहां कई महिलाएं भी हर्ष फायरिंग करती दिखाई दे रहीं है।
डांस की मस्ती के बीच हवा में दागीं कई गोलियां
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वायरल वीडियो में चारों तरफ म्युजिक व डांस की मस्ती के बीच कुछ लोग फायरिंग करते हुए दिख रहे हैं। यह वायरल वीडियो सहरसा जिले के युवा जदयू जिलाध्यक्ष केशव चौधरी के उपनयन संस्कार का बताया जा रहा है। कहा जाता है कि जदयू जिलाध्यक्ष का उपनयन (जनेऊ) कार्यक्रम चल रहा था, इसी दौरान खुशी का इजहार करने के लिए केशव के रिटायर्ड फौजी पिता व उसके परिवार की महिला सदस्य अपने लाइसेंसी बंदूक से फायरिंग कर खुशी का इजहार कर रहे हैं।
जदयू नेता ने कहा-सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का नहीं हुआ उल्लंघन
इस वायरल वीडियो के बारे में जब युवा जदयू जिलाध्यक्ष केशव चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि यह घटना उनके उपनयन कार्यक्रम का ही है। हालांकि उन्होंने इसे हर्ष फायरिंग मानने से इंकार करते हुए कहा कि उनके पिता आर्मी से रिटायर्ड हैं। उनके पास 1986 से ही लाइसेंसी हथियार है। चूंकि घर में जनेऊ कार्यक्रम था, इसलिए घर के आंगन में परिवार के लोगों ने कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए फायरिंग की है। फायरिंग के बाद खोखा भी रखा गया है। केशव चौधरी बेबाक कहते हैं कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन पढ़ी है। वे कहते हैं कि कोई गैर लाइसेंसी हथियार तो था नहीं।
सोशल मीडिया पर हो रही तीखी प्रतिक्रिया
हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद कई सोशल मीडिया इस पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही हैं। वहीं लोगों ने जेडीयू नेतृत्व से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। बताते चलें कि हर्ष फायरिंग लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन है। राज्य में चल रहे शादी व्याह के मौसम में ऐसे दृश्य आम तौर पर देखने को मिलते हैं लेकिन एक राजनेता के तौर पर ऐसा करना कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता।