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दुस्साहसी प्रवृत्ति का था गैंगस्टर माधव दुबे, अपनों से बैर पड़ी भारी

अपराध की दुनिया का बादशाह बनाने में धनपशुओं की रही अहम भागीदारी

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  • गैंगस्टर को अत्याधुनिक हथियार मुहैया कराने में पानी की तरह बहाया पैसा
  • super cop मनोरंजन भारती को दे चुका था चकमा, दारोगा पर बरसाई थी गोली

अभिषेक कुमार सुमन की रिपोर्ट

सासाराम (voice4bihar desk)। बेवजह किसी से भी पंगा नहीं लेना और कम बोलने की खासियत रखने वाला कुख्यात माधव दुबे आखिरकार अपनी प्रवृति के कारण जान गंवा बैठा। अपने ही परिजनों पर गोलियां बरसा कर स्वयं की मौत का कारण पैदा करने वाला माधव दुबे दुस्साहसी प्रवृत्ति का था। जानकार बताते हैं कि अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद बहुत अल्प समय में माधव ने स्वयं को गैंगस्टर के रूप में स्थापित किया । इसके अलावा उसे इस स्थान तक लाने में उसके आकाओं का बड़ा योगदान रहा।

बताया जाता है कि माधव दुबे को आधुनिक हथियारों से लैस करने एवं सभी तरह के संसाधन उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय धनपशुओं ने पानी की तरह पैसा खर्च किया। जिले में बेहतर पुलिसिंग के लिए चर्चित सब इंस्पेक्टर मनोरंजन भारती ने भी माधव दुबे को दबोचने के लिए पैतृक आवास पर घेराबंदी कर छापेमारी की थी, लेकिन माधव दुबे उस समय के चर्चित पुलिस अफसर मनोरंजन भारती को चुनौती देते हुए दीवार फांद कर भागने में सफल हुआ था।

शहर के टाउन हाई स्कूल रोड में भी नगर थाना क्षेत्र के बहुचर्चित दारोगा दिनेश कुमार पर भी गोली चलाकर माधव दुबे ने स्वयं को पुलिसिया सिरदर्द साबित कर लिया था । तत्कालीन एसपी विकास वर्मन के निर्देश पर पुलिस ने माधव दुबे को दबोचते हुए सलाखों के पीछे धकेल दिया था। पिछले कुछ वर्षों से जमानत पर रिहा हुआ माधव दुबे खुली सड़कों पर बहुत कम देखा जाता था।

 

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द्विपक्षीय कारवाई में आधा दर्जन गिरफ्तार

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माधव दुबे व उसके चाचा गोपाल दुबे की मौत के पूरे घटनाक्रम में रोहतास पुलिस ने पुलिस कप्तान आशीष भारती के नेतृत्व में त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों पक्ष के आधा दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। कई घरों की सघन तलाशी भी की गई है। सूत्रों के मुताबिक जख्मी हालत में जितेंद्र दुबे को आरा सासाराम रोड से बाइक सहित गिरफ्तार किया गया है। उसके साथ एक बाइक चालक भी पुलिस के हत्थे चढ़ा है। फिलहाल पुलिस अभिरक्षा में जितेंद्र दुबे का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है।
पूरे घटनाक्रम में शुक्रवार की देर शाम ताबड़तोड़ हुई गोलीबारी के बीच हुए डबल मर्डर में प्रयुक्त हथियारों की बरामदगी पुलिस अब तक नहीं कर सकी है। शनिवार को पुलिस द्वारा जारी की गयी विज्ञप्ति के मुताबिक घटनास्थल से तीन खोखा बरामदगी की पुष्टि की गयी है। अब देखना है कि दनादन फायर करने वाले हथियार पुलिस कब तक बरामद कर पाती है।

दाेहरे हत्याकांड के बाद रोती बिलखतीं महिलाएं।

रोहतास जिले के कई कुख्यात हुए अपनों के शिकार

रोहतास जिले में जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह बनाने में जुटे कई गैंगस्टर को करीबियों की गोलियों का शिकार होना पड़ा है । धनजी उर्फ धानवा , सुजीत सिंह उर्फ मगहिया, जय राम चौधरी, माहताब आलम सहित माधव दुबे की मौत में करीबियों की भूमिका हीं रही है । धनजी सिंह ऊर्फ धनवा अपनी ही गाड़ी में सवार तथाकथित अंगरक्षक की गोलियों का शिकार हुआ था। वही सुजीत सिंह उर्फ मगहिया अपने सुरक्षित जोन में अपने ही लोगों के बीच पार्टी मनाने के दौरान मारा गया। इसी तरह जयराम चौधरी और माहताब आलम एक दूसरे की गोली का शिकार हो गए, जबकि दोनों एक दूसरे के साथ रोटी बांट कर खाया करते थे।

एक दिन पहले सासाराम शहर के लश्करीगंज मुहल्ले में हुए वर्चस्व के कारण सगे परिजनों के आक्रोश का शिकार होकर माधव दुबे को अपनी जान गंवानी पड़ी। माधव दुबे, धनजी सिंह, सुजीत सिंह, जय राम चौधरी, माहताब आलम सरीखे कई कुख्यात रोहतास सहित आसपास के इलाकों में पुलिस के लिए सिर दर्द अपराधी माने जाते रहे ।

 अपराध की दुनिया में माधव की जगह लेने को सुलग सकती है वर्चस्व की आग

कुख्यात माधव दुबे का फाइल फोटो।

लश्करीगंज निवासी धर्मेंद्र महतो की हत्या के बाद अपराध की सीढ़ियां चढ़ते हुए माधव दुबे ने अपराध जगत में बादशाहत कायम की थी। जिला मुख्यालय और आसपास के पुलिस थानों में हत्या लूट बल प्रयोग सहित आर्म्स एक्ट के दर्जनों मामले माधव दुबे के विरुद्ध दर्ज हैं। सबसे ज्यादा सुर्खियां माधव दुबे को दरिगांव थाना क्षेत्र के नौगाई निवासी उदय सिंह की हत्या के बाद मिली थी। फिलहार माधव दुबे की मौत के बाद इलाके में बादशाहत कायम करने को लेकर भविष्य में नए चेहरों के बीच वर्चस्व की चिंगारी सुलगने से इनकार नहीं किया जा सकता है। पूरे घटनाक्रम के बाद आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

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