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रोहतास में शिक्षा विभाग ने बच्चों को बनाया ‘अप्रैल फूल’

20 अप्रैल की बजाय 01 अप्रैल को ही मनवायी सम्राट अशोक जयंती

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जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से जारी कैलेंडर ने खड़ा किया बखेड़ा

Voice4bihar desk. एक अप्रैल को वैसे तो नया वित्तीय कैलेंडर लागू होता है लेकिन इस दिन ‘मूर्ख दिवस’ मनाने की प्रथा भी सदियों से चली आ रही है। रोहतास जिले में शिक्षा विभाग ने इसे बखूबी मनाते हुए पूरे शिक्षा जगत को “मूर्ख” बना दिया। बिहार सरकार की ओर से घोषित राजकीय अवकाश अशोक अष्टमी 20 अप्रैल की बजाय रोहतास में एक अप्रैल को मनाया गया। इससे न सिर्फ राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना हुई है बल्कि पूरा शिक्षा जगत शर्मसार हुआ है।

राज्य सरकार के कैलेंडर में 20 अप्रैल 2021 को घोषित है अशोक अष्टमी

यहां बता दें कि प्राचीन मगध साम्राज्य के चक्रवर्ती सम्राट अशोक की जयंती पर राज्य सरकार ने राजकीय अवकाश घोषित किया है, जिसका जिक्र सरकारी अवकाश लिस्ट में हर वर्ष होता है। अखंड भारत के निर्माता प्रियदर्शी सम्राट अशोक महान का जन्मदिन चैत्र शुक्ल अष्टमी को है और बिहार सरकार ने उनके जन्मदिन पर राजकीय अवकाश रखा है। इस वर्ष जारी कैलेंडर के अनुसार 20 अप्रैल को अशोक अष्टमी पूरे राज्य में मनाया जाएगा, जबकि राम नवमी 21 अप्रैल को है।

रोहतास में डीईओ के हस्ताक्षर से जारी अवकाश कैलेंडर, जिसमें 1 अप्रैल को है अशोक जयंती।

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जारी किया गलत कैलेंडर, शिक्षा जगत शर्मिंदा

विगत एक दशक से अधिक वक्त से अशोक अष्टमी का अवकाश राम नवमी से एक दिन पूर्व घोषित होता रहा है लेकिन रोहतास जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह मालूम नहीं है। यह समझ से परे है कि आखिर किस आधार पर या कौन से तथ्य के साथ एक 1 अप्रैल 2021 को जिले के सभी विद्यालयों में कैलेंडर जारी करवा करके सम्राट अशोक की जयंती मनवाई गयी। जबकि पूरे विश्व में सम्राट अशोक के अनुयायी चैत शुक्ल अष्टमी को ही सम्राट अशोक की जयंती मनाते हैं। इस संबंध में व्वायस फॉर बिहार ने तथ्यों की तस्दीक की तो राज्य सरकार के राजकीय अवकाश की सूची व दरभंगा जिले में शिक्षा विभाग के अवकाश की सूची में 20 अप्रैल को ही अशोक अष्टमी है। इस बाबत रोहतास के जिला शिक्षा पदाधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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बिहार सरकार की ओर से जारी राजकीय अवकाश की सूची एवं दरभंगा में शिक्षा विभाग की अवकाश सूची।

रोहतास डीईओ की मनमानी से जनता में आक्रोश

गलत तिथि तो सम्राट अशोक जयंती मनाने जाने के खिलाफ जिले के लोगों में गहरा आक्रोश है। इस संबंध में शिक्षाविद् प्रोफेसर (रिटायर्ड) ललन प्रसाद ने कहा कि यह सरकार के मुख्य सचिव व उनके एक अधिकारी के बीच का मामला है। सरकार को इसे अपने स्तर से देखना चाहिए।  जदयू नेत्री मालती सिंह कुशवाहा ने कहा कि इतिहास के तथ्यों से खिलवाड़ करने वाले ऐसे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उधर ‘मौर्य शक्ति’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि मौर्य ने इस मसले पर कहा कि रोहतास जिले में ऐसी हरकत बार-बार की जा रही है। अखंड भारत के निर्माता सम्राट अशोक महान को बार-बार अधिकारियों द्वारा अपमानित किया जा रहा है।

यह घटना अनजाने में नहीं हुई है बल्कि सोची समझी साजिश के तहत ऐसा किया जा रहा है। अभी हाल ही में बिक्रमगंज में राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अशोक स्तंभ को लगाकर हटाया गया और उसे कूड़ा-कचरा में फेंक कर अपमानित किया गया। मौर्य शक्ति का एक शिष्टमंडल जिला शिक्षा पदाधिकारी पर कार्रवाई करने के लिए जल्द ही शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देगा।

लापरवाह शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ हो कानूनी कार्रवाई : मौर्य शक्ति

रवि मौर्य ने यह भी मांग की है कि ऐसे लापरवाह जिला शिक्षा पदाधिकारी को तत्काल हटाया जाए एवं उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। इनती बड़ी गलती का मतलब है कि उनके कार्यालय का संचालन सही तरीके से नहीं हो रहा है। लाखों विद्यार्थियों को ऐतिहासिक तथ्यों की गलत जानकारी देकर उनका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है। श्री मौर्य ने आरोप लगाया कि यह इतिहास से छेड़छाड़ का कुत्सित प्रयास है। राज्य सरकार के आदेश से इतर आदेश जारी कर डीईओ ने सरकार को भी चुनौती दी है। ऐसी मनमानी कतई बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।

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