सफलता का इंतजार करती है दुनिया, असफलता पर कोई ताली नहीं बजाता : सुरेंद्र प्रसाद सिंह
विदाई समारोह में भावुक हुए सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक
शहर के अमीरचन्द्र बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय में हुआ विदाई सह सम्मान समारोह
पिछले वर्ष अप्रैल में हुए थे रिटायर, कोरोना काल के कारण विदाई समारोह में हुआ विलम्ब
आरा (Voice4bihar news)। 36 वर्षों तक शिक्षा व संस्कार की अलख जगाने के बाद औपचारिक विदाई का पल आया तो सभी भावुक हो उठे। सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक सुरेंद्र प्रसाद सिंह के सम्मान में यह समारोह आरा शहर के जेल रोड स्थित अमीरचंद बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय में हुआ। वर्ष 1984 से उच्च विद्यालय में शिक्षा दान कर रहे सुरेंद्र प्रसाद सिंह पिछले वर्ष 30 अप्रैल को ही सेवानिवृत्त हुए थे, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों व कोरोना काल के कारण औपचारिक विदाई समारोह नहीं हो सका था। आखिरकार 29 दिसम्बर को विदाई सह सम्मान समारोह आयोजित कर इनके सुखद, स्वस्थ व दीर्घजीवन की कामना विद्यालय परिवार ने की।
विदाई के वक्त भावुक हुए पूर्व प्रधानाध्यापक
विदाई के भावुक पल में पूर्व प्रधानाध्यापक सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि मैं 30 अप्रैल 2020 को सेवानिवृत्त हुआ था, लेकिन कोरोना गाइडलाइन के चलते कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ। मुझे इस बात की बहुत ही खुशी है कि आज दो साल बाद भी विद्यालय परिवार ने मुझे याद कर सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि विद्यालय के सफल संचालन में विद्यालय परिवार का सराहनीय योगदान रहा। अनुशासन, कर्तव्य निष्ठा एवं समय निष्ठा से यह कार्य पूर्ण हुआ।
अपने लिए चुनें सफलता की राह : सुरेंद्र प्रसाद सिंह
श्री सिंह ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी की असफलता पर कभी भी ताली नहीं बजाता है। जब आपको सफलता मिलती है, तभी लोग ताली बजाते हैं। अब्राहन लिंकन को हार के चलते किसी ने नहीं जाना। जब वे संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति हुए, तब उन्हें दुनिया भर में पहचान मिली। इसी तरह डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जब अखबार बेचते थे, तब उन्हें कोई नहीं जानता था। जब वे भारत के महान वैज्ञानिक एवं राष्ट्रपति बनें। तब उन्हें लोगों ने जाना। श्री सिंह ने कहा कि दुनिया सफलता के इंतजार में रहती है, इसलिए आप अपने लिए सफलता की राह पकड़ें।

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शाहाबाद प्रक्षेत्र के कई स्कूलों में किया अध्यापन कार्य
विदित हो कि चंद्रगुप्त मौर्य व सम्राट अशोक की कर्म स्थली बिहार राज्य के भोजपुर जिले के कुरमुरी गांव के किसान परिवार में जन्मे सुरेंद्र प्रसाद सिंह की आरंभिक शिक्षा गांव के ही विद्यालय प्राथमिक में हुई। इसके बाद उन्होंने सिकरहटा हाई स्कूल में हिंदी माध्यम से पढ़ाई की। उनकी उच्च शिक्षा रांची विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय एवं काशी विद्यापीठ से हुई। सुरेंद्र प्रसाद सिंह की प्रथम नियुक्ति वर्ष 1984 में उच्च विद्यालय मचखिया (उस समय का रोहतास अभी का कैमूर जिला) में हुई। तत्पश्चात उन्होंने वर्ष 1989 में प्रोजेक्ट बालिका विद्यालय संझौली रोहतास में योगदान दिया।
वर्ष 1995 में विद्यालय उच्च बिक्रमगंज, रोहतास एवं वर्ष 2011 में हित नारायण क्षत्रिय विद्यालय, आरा में बतौर शिक्षक कार्य किया। वर्ष 2014 में वे आरा शहर के जेल रोड स्थित अमीरचंद बालिका उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापक बने। अपने कर्तव्य एवं समय निष्ठा के कारण प्रधानाध्यापक के रूप में उनका कार्यकाल शानदार रहा। वे अध्यापन कार्य को बहुत ऊंचा स्थान देते हैं। श्री सिंह कहते हैं कि आदर्श अध्यापक उस मोमबत्ती के सदृश्य होते हैं, जो स्वयं जलकर भी दूसरों को प्रकाश देते हैं। शिष्यों के हृदय में शुभ संस्कारों का सृजन और वर्धन तथा अशुभ संस्कारों का उपाकरण करना ही आदर्श अध्यापक की पहचान है। इसलिए गुरुजन भगवान की श्रेणी में आते हैं।

विदाई समारोह में जुटी शिक्षा जगत की कई हस्तियां
इससे पूर्व विद्यालय परिवार ने सुरेंद्र प्रसाद सिंह को मोमेंटो, सम्मान-पत्र एवं शॉल देकर सम्मानित किया। साथ ही समूचे विद्यालय परिवार ने उनके सुखद, सक्रिय व दीर्घजीवन की कामना की। इस दौरान विद्यालय के शिक्षक खुर्शीद अनवर ने प्रधानाध्यापक का प्रभार लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षत्रिय स्कूल के पूर्व प्राचार्य सीताराम सिंह एवं संचालन अमीरचंद बालिका प्लस टू विद्यालय के वरीय शिक्षक डॉ. ऋषिकेश्वर और अमरेंदर चौधरी ने किया।
इस मौके माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष मुक्तेश्वर उपाध्याय, प्रदेश महासचिव डॉ. कृतन्जय चौधरी, शशि भूषण दुबे, प्रधानाध्यापक खुर्शीद अनवर, श्रीनिवास सिंह, रोहतास माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव सतीश पांडेय, जवाहर प्रसाद, सुरेश चंद्र शर्मा सिकरहटा हाई स्कूल के रिटायर शिक्षक मुकुटधारी सिंह, शिक्षक अवध कृष्ण शर्मा, विनोद कुमार राय, नागेंद्र नाथ राय, रामाधार शर्मा, डॉ. जवाहर लाल सिंह, जया पांडेय, कमलेश शर्मा, नरेश प्रसाद एवं अमीरचंद विद्यालय परिवार के समस्त शिक्षक-शिक्षिका एवं छात्रा उपस्थित थी।
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