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आशीर्वाद यात्रा में भावुक हुए चिराग पासवान, कहा-पशुपति चाचा ने पीठ में खंजर घोंपा

राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी पशुपति पारस के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर में दिखाया स्वजातीय वोटरों का दम

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हाजीपुर में स्वागत से भावविह्वल हुए चिराग, पिता की कर्मभूमि में जनता से मांगा आशीर्वाद

हाजीपुर (voice4bihar news)। लोक जनशक्ति पार्टी में हुए दो फाड़ के बाद अपने पिता रामविलास पासवान की जयंती पर हाजीपुर पहुंचे चिराग पासवान भाव विह्वल नजर आए। यहां से आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत के मौके पर चिराग ने जहां अपने पिता की विरासत पर दावा किया वहीं चाचा पशुपति पारस का खूब कोसा। इस दौरान उमड़ी कार्यकर्ताओं व समर्थकों की भीड़ ने चिराग का उत्साह भी बढ़ाया।

अपने चाचा पशुपति पारस के संसदीय क्षेत्र से आशीर्वाद यात्रा शुरू करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि आप सब जानते है कि मैं किस बात से बेचैन हूं। कुछ माह पहले मेरे पिताजी का निधन हुआ, उससे पहले मेरे छोटे चाचा का निधन हुआ। ये दोनों घाव अभी भरे भी नहीं थे कि मेरे चाचा पशुपति पारस ने मेरी मां की पीट पर खंजर घोंप दिया। मेरे पूरे परिवार के लोगों को चाचा ने बर्बाद कर दिया।

हाजीपुर की जिम्मेवारी नहीं पूरी कर सके पारस चाचा : चिराग

हाजीपुर की जनता से चिराग ने कहा कि मैं आपका बेटा हूं। मेरे पिताजी ने हाजीपुर को अपनी मां माना है। उन्होंन अपना पूरा राजनीतिक जीवन हाजीपुर के लिए समर्पित किया। आज भी पूरी दुनिया में मेरे पिताजी को हाजीपुर के बेटा के रूप में जाना जाता है। मेरे पिताजी ने अपने छोटे भाई पशुपति चाचा को हाजीपुर की जिम्मेवारी सौंपी, लेकिन चाचा ने पीठ में छुरा घोंप दिया।

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हाजीपुर में चिराग पासवान की आशीर्वाद यात्रा में उमड़े समर्थक।
हाजीपुर में चिराग पासवान की आशीर्वाद यात्रा में उमड़े समर्थक।

आशीर्वाद यात्रा में 3 किलोमीटर पहुंचने में लगे 3 घंटे

अपने पिता रामविलास पासवान की जयंती पर उनके कर्म क्षेत्र व मातृभूमि हाजीपुर में चिराग पासवान का शानदार स्वागत किया गया। महात्मा गांधी सेतु के एक नम्बर पाया से लेकर मुख्य कार्यक्रम स्थल सुल्तानपुर तक सैकड़ों जगह चिराग पासवान का भव्य स्वागत किया गया। समर्थकों के उत्साह व भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता कि तीन किलोमीटर पहुंचने में तीन घण्टे से अधिक का समय लगा।

स्वजातीय वोटरों का दम दिखाने लिए दलित बस्ती में रखा कार्यक्रम

चिराग पासवान ने अचानक से अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी पशुपति पारस के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा शुरू की। इसके लिए विशेष रूप से सुल्तानपुर के दलित बस्ती का चयन किया। वस्तुतः चिराग पासवान ने हाजीपुर संसदीय क्षेत्र में यह संदेश देने का प्रयास किया कि स्वजातीय वोटर उनके साथ हैं। समर्थकों ने भी उन्हें निराश नहीं किया। वे लगातार चिराग से हाजीपुर से चुनाव लड़ने की मांग करते दिखे। इस पर चिराग ने कहा कि हाजीपुर के उनका नाता जीवन के अंतिम क्षण तक रहेगा।

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