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अति पिछड़ा वर्ग को चिह्नित कर केंद्र भी दे आरक्षण : नीतीश

मुख्यमंत्री ने फिर दुहरायी जाति आधारित जनगणना की मांग

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लोजपा सांसद चंदन सिंह और भाकपा नेता कन्हैया कुमार से मुलाकात को बताया राजनीति से अलग

पटना (voice4bihar Desk) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर केंद्र में भी विहार का आरक्षण फार्मूला लागू करने की मांग दुहरायी। साथ ही उन्होंने जातीय जनगणना की मांग एक बार फिर से की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को जदयू कार्यालय में जनप्रतिनिधियों एवं कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे।

इस मौके पर उनसे इस पूछा गया था कि जिन्हें आरक्षण का लाभ एक बार मिल चुका है उन्हें दोबारा इसका लाभ मिलना चाहिए कि नहीं। आजकल इस बात को लेकर चर्चा समाज के ण्क वर्ग में चर्चा छिड़ी हुई है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पता नहीं कि ऐसी कोई बहस छिड़ी है या नहीं पर, उनके हिसाब से ऐसा नहीं लगता है कि आरक्षण का अभी जो प्रावधान है वह नहीं चलेगा।

उन्होंने कहा कि बिहार में पिछड़ा वर्ग के अंदर अति पिछड़ा वर्ग को भी चिहिनत कर आरक्षण दिया गया है । यहां कर्पूरी ठाकुर सरकार ने सबसे पहले यह व्यवस्था की थी, जो आज भी जारी है । वे चाहते है कि केंद्र में भी पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग को चिह्नित कर आरक्षण को ऐसी ही व्यवस्था लागू हो । अभी केंद्र में पिछड़ा और अति पिछड़ा को एक ही वर्ग मानकर आरक्षण दिया जा रहा है । यदि इस बारे में आकलन या अध्ययन चल रहा हो तो यह अलग बात है, लेकिन किसी को वंचित करने वाली बात उन्होंने नहीं सुनी है ।

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मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह पहले भी कई बार कह चुके है कि एकबार तो जातीय आधारित जनगणना कर ही लेनी चाहिए। ऐसी जनगणना पहले होती थी, लेकिन आजादी के पहले ही इसे बंद कर दिया गया। जातीय आधारित जनगणना होने से सही जानकारी मिल जाएगी कि किस जाति के कितने लोग हैं और उनके लिए क्या किया जाना चाहिए । नीतीश ने कहा कि यह सिर्फ उनका विचार नहीं है बल्कि बिहार विधानसभा और विधान परिषद ने सर्वसम्मति से इस संबंध में प्रस्ताव पास कर केंद्र को भेजा है ।

उन्होंने विपक्ष के नेताओं लोजपा के चंदन सिंह और भाकपा के कन्हैया कुमार से हाल में हुई मुलाकात के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि वे मुख्यमंत्री हैं, इस नाते किसी भी दल के विधायक , विधान पार्षद, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य उनसे मिल सकते है । जो कोई भी मिलना चाहते हैं उन्हें मिलने का समय दिया जाता है । किसी को भी अपने इलाके की समस्या है तो वह आकर उनसे मिलते हैं ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि द चंदन सिंह  अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर मिलने आए थे । इसी तरह कन्हैया पहले भी उनसे मिले हैं। उनकी पार्टी के विधायक भी उनसे क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उनसे मिल चुके हैं। इन लाकातों में किसी प्रकार की कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है।

इसके पहले मुख्यमंत्री जदयू के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों से मुलाकात करने उनके विचार सुने और पार्टी की नीतियों की चर्चा की।

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