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जिस समाज में सदाचारी व्यक्ति का अनादर हो वह श्मशान के समान : जीयर स्वामी

जिस घर में शराब का सेवन व जुए का प्रचलन हो वह भी मरघट की तरह

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प्रातःकाल अपने हाथों के दर्शन करने से होती है लक्ष्मी की कृपा

voice4bihar desk. प्रख्यात संत त्रिदंडी स्वामी के परम शिष्य जीयर स्वामी जी महाराज ने चिल्होश में प्रवचन करते हुए कहा कि गंगा स्नान का मतलब अनीति, अन्याय, बेईमानी, अधर्म,पाप का त्याग से है। शास्त्र में बताया गया है कि जहां पर किसी घर में,  किसी समाज में, राष्ट्र में, प्रजा में या किसी समुदाय में ईश्वर ब्रम्ह को कभी याद न किया जाता हो, कभी चिंतन न किया जाता हो, गुणगान न किया जाता हो वह घर श्मशान के समान बताया गया है।

इसी तरह जहां पर सदाचारी, संत महात्मा, ज्ञानी स्त्रियों का आदर नहीं हो, बालकों को शिक्षा न दिया जाता हो, वह समाज श्मशान के समान बताया गया है। जहां पर जुआ खेला जाता है, शराब का व्यसन है, अनेक प्रकार खान पान मांस इत्यादि का सेवन होता हो, वह भी घर श्मशान के समान बताया गया है।

हरिद्वार कुंभ व चार धाम यात्रा पर रवानगी की पूर्व संध्या पर चिल्होश में प्रवचन करते जीयर स्वामी।

मानव भी अगर पशुओं के समान भोजन व संतानोत्पत्ति करे तो मानव पशु में कोई अंतर नहीं

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स्वामीजी ने कहा कि भोजन तो अनेक योनियों में हम करते हैं। शयन तो हम अनेक योनियों में करते हैं। संतान उत्पति भी अनेक योनियों में करते हैं। केवल इसके लिए इस संसार में हमारा जन्म नहीं हुआ है। यदि इन सबके लिए इस संसार में हम आए होते तो परमात्मा हमलोगों को मनुष्य नहीं बनाते बल्कि इसकी जगह कोई जन्तु बना देते। मानव की पहचान संस्कृति है, संस्कार है। सभ्यता है, सरलता है, सहजता है, कोमलता है। यदि यह सभी लक्षण मनुष्य में न हो तथा केवल पशुओं के समान भोजन व संतानोत्पत्ति करे तो मनुष्य और पशु में कोई अंतर नहीं रह जाता।

हरिद्वार कुंभ व चार धाम की यात्रा पर आज रवाना होंगे जीयर स्वामी जी

मीडिया प्रभारी अखिलेश बाबा ने बताया कि 15 मार्च को शाम में जीयर स्वामी जी हरिद्वार कुंभ के लिए रवाना हो जाएंगे। इसलिए स्वामी जी से दर्शन को लेकर काफी दूर-दूर से लोग 15 मार्च को चिलहोश में जुट रहे हैं। जिसको देखते हुए यज्ञ समिति की तरफ से अच्छी खासी व्यवस्था की गई है।

अब जून माह में ही बिहार में दर्शन देंगे स्वामी जी

इस भीड़ की वजह यह कि स्वामी जी के दर्शन अब जून महीने में ही हो सकेंगे। क्योंकि हरिद्वार कुंभ के बाद चार धाम यात्रा पर भी जाना है। जिसमें काफी संख्या में भक्तगण चार धाम यात्रा के लिए जा रहे हैं। हरिद्वार से वापसी मई महीने के अंतिम में है। इसलिए काफी संख्या में भक्तगण स्वामी जी से दर्शन करने हेतु 15 मार्च को चिलहोश में जुट रहे हैं।

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