स्वास्थ्य विभाग के कामकाज का निराला अंदाज आया सामने
मृत चिकित्सा पदाधिकारी को बनाया शेखपुरा का सिविल सर्जन
पटना (voice4bihar desk)। बिहार सरकार के कामकाज का निराला अंदाज एक बार फिर सामने आया है। इस बार स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आयी है। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग ने 12 जिलों में नये सिविल सर्जनों की तैनाती की है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में तैनात विभिन्न स्तर के चिकित्सा पदाधिकारियों को सिविल सर्जन बनाया गया है।
इनमें रोहतास जिले के बिक्रमगंज स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बतौर चिकित्सा पदाधिकारी तैनात रहे डॉ. राम नारायण राम का नाम भी शामिल है। स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें शेखपुरा का सिविल सर्जन बनाया है। खास बात है कि डॉ. राम की मृत्यु करीब एक माह पूर्व सात फरवरी को हो चुकी है। आरा निवासी डॉ. राम की अंत्येष्टि सहित सारे विधि विधान संपन्न हो चुके हैं और अब स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें शेखपुरा के सिविल सर्जन की जिम्मेदारी सौंपी है।
इनके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को जिन चिकित्सा पदाधिकारियों को सिविल सर्जन की जिम्मेदारी सौंपी है उनमें सहरसा में बतौर क्षेत्रीय उप निदेशक तैनात डॉ. महेश्वर प्रसाद गुप्ता को अररिया सिविल सर्जन बनाया गया है । पूर्णिया के सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा को भागलपुर का सिविल सर्जन बनाया गया है।
मधुबनी के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार को नालंदा का सिविल सर्जन बनाया गया है। पूर्णिया के अपर मुख्य चिकित्सा डॉ संतोष कुमार वर्मा को यहीं सिविल सर्जन की जिम्मेदारी दी गयी है। पटना के टीबीडीसी के अपर निदेशक डॉ. जनार्दन प्रसाद सुकुमार को सारण का सिविल बनाया गया है
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मुजफ्फरपुर के फाइलेरिया नियंत्रण इकाई में तैनात डॉ. हरेंद्र कुमार आलोक को मुंगेर का सिविल सर्जन बनाया गया है। सीतामढ़ी के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुरेंद्र कुमार चौधरी को मुजफ्फरपुर का सिविल सर्जन बनाया गया। डीएमसीएच में ट्यूटर रहे डॉ. योगेंद्र महतो को गोपालगंज का सिविल सर्जन और गोपालगंज के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार चौधरी को जहानाबाद का सिविल सर्जन बनाया गया है।
समस्तीपुर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक के डॉ. अमरेंद्र नारायण शाही को मधेपुरा का सिविल सर्जन और वैशाली के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ज्ञानशंकर को सुपौल का सिविल सर्जन बनाया गया है।
इनके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने पांच सिविल सर्जनों को उनके वर्तमान पद से मुक्त करते हुए उन्हें नयी जिम्मेदारी सौंपी है। शेखपुरा के सिविल सर्जन डॉ. वीर कुंवर सिंह को पूर्णिया प्रमंडल का क्षेत्रीय अपर निदेशक, सुपौल के सिविल सर्जन डॉ. कृष्ण मोहन प्रसाद को मुख्यालय में अपर निदेशक, गोपालगंज के सिविल सर्जन डॉ. त्रिभुवन नारायण सिंह को अपर निदेशक ( मुख्यालय ), सारण के सिविल सर्जन डॉ. माधेश्वर झा को दरभंगा प्रमंडल का क्षेत्रीय अपर निदेशक और अररिया के सिविल सर्जन डॉ. रूपनारायण झा को अपर निदेशक ( मुख्यालय ) बनाया गया है।
स्वर्गवासी चिकित्सक को स्वास्थ्य विभाग ने शेखपुरा जिले का बनाया सिविल सर्जन
बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अजुबे कारनामे की चर्चा बिहार सहित पूरे भारत में है। 1 माह पूर्व जिस चिकित्सक की मृत्यु हो गई थी उसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा बिहार के शेखपुरा जिले का सिविल सर्जन बनाया गया है। बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्गत पत्र संख्या 3/टि.1-04/2016-194(3), 8 मार्च 2021 के अंतर्गत चिकित्सा पदाधिकारी स्वास्थ्य केंद्र बिक्रमगंज, डॉक्टर राम नारायण राम को बिहार के शेखपुरा जिला का सिविल सर्जन बनाया गया है। जबकि डॉक्टर राम नारायण राम का निधन विगत 7 फरवरी 2021 को उनके आरा स्थित आवास पर देर शाम हो गई थी।
निधन से पूर्व विगत 5 महीनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी । जिसके कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिक्रमगंज में प्राप्त अपना दायित्व निर्वहन करने में वे असक्षम सिद्ध हो रहे थे। निधन के पश्चात 8 फरवरी 2021 को अनुमंडलीय अस्पताल बिक्रमगंज में शोक सभा का आयोजन कर चिकित्सक तथा स्वास्थ्य कर्मियों ने स्वर्गीय डॉक्टर राम नारायण राम के आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की थी। उनके निधन के बाद अनुमंडलीय अस्पताल बिक्रमगंज के प्रभारी चिकित्सक ओम प्रकाश को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का प्रभार सौंपा गया था। तब से डॉक्टर ओम प्रकाश प्राप्त दायित्व का निर्वाह कर रहे है। स्वर्गवासी चिकित्सक को स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिविल सर्जन बनाए जाने की अधिसूचना का लोगों द्वारा खूब आलोचना की जा रही है। सरकार एवं विभाग की कार्यशैली पर प्रश्न उठने लगे हैं।
(इनपुट : बिक्रमगंज से संतोष भंडारी)