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हाजीपुर में होगा चाचा-भतीजा के बीच निर्णायक मुकाबला

पांच जुलाई से हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा शुरू करेंगे चिराग पासवान

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पटना (voice4bihar desk)। लोजपा पर कब्जे को लेकर चाचा-भतीजा के बीच जारी जंग का निर्णायक मुकाबला हाजीपुर में होगा। लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान पांच जुलाई को हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा शुरू करेंगे। इस दौरान चिराग पासवान पूरे में बिहार में घूम-घूमकर लोगों को पारस चाचा के विश्वासघात की कहानी बतायेंगे। यह फैसला रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हुआ। पांच जून को रामविलास पासवान की जयंती भी है। बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के तमाम सदस्य मौजूद थे। हालांकि मेघालय, मिजोरम जैसे कई अन्य प्रदेशों से पदाधिकारी जूम एम पर जुड़े थे।

चिराग ने लोजपा नेताओं को दिलायी शपथ

आज की बैठक की शुरुआत पार्टी के संस्थापक सदस्यों रामविलास पासवान और रामचंद्र पासवान के चित्रों पर माल्यार्पण के साथ हुई। इसके बाद चिराग ने बैठक में मौजूद तमाम पार्टी पदाधिकारियों को पार्टी के प्रति वफादारी की शपथ दिलायी। एक हफ्ते से जारी लोजपा पर वर्चस्व की लड़ाई में चिराग पासवान का यह पहला शक्ति प्रदर्शन था। इसके पहले पशुपति पारस पटना आये थे जहां उनके साथ पार्टी से बगावत करने वाले सांसदों ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया था। उस वक्त चिराग ने कहा था कि पार्टी के 90 फीसद कार्यकर्ता उनके साथ हैं। आज पारस बोले कि चिराग की बैठक में कुछ ही पदाधिकारी शामिल हुए। बाकी भीड़ भाड़े पर जुटाई गयी थी।

चिराग ने लगाया पीठ में छुरा घोंपने का आरोप

आज की बैठक में चिराग ने परिवार और पार्टी के अपने प्रतिद्वंद्वियों पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया। बैठक में चिराग ने भारत सरकार से राममविलास पासवान को भारत रत्न देने की भी मांग की। चिराग ने कहा कि हाजीपुर उनके पिता की कर्मभूमि है इसलिए वे हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा उनकी जयंती के दिन ही शुरू करेंगे। यात्रा पूरे प्रदेश का भ्रमण करेगी। यात्रा के समापन के बाद पार्टी के राष्ट्रीय परिषद् की बैठक होगी। उन्होंने कहा कि उनकी पीठ में छुरा घोंपने वालों ने उनके पिता रामविलास पासवान की पहली बरखी का भी इंतजार नहीं किया।

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पारस ने खुद को बताया असली लोजपा

इघर हाजीपुर से सांसद और चिराग के पारस चाचा ने आज चिराग पासवान द्वारा बुलायी गयी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को नकली करार दिया। उन्होंने कहा कि असली कार्यकारिणी की बैठक उन्होंने पटना में बुलायी थी जिसमें उन्हें लोजपा का अध्यक्ष चुना गया है। लोजपा के असली दावेदार के बारे में पूछे जाने पर पारस ने कहा कि वे स्वयं और चिराग पासवान इस मामले को चुनाव आयोग के पास ले गये है। अब आयोग को असली-नकली का फैसला करना है।

इस बीच उन्होंने खुद के नेतत्व वाले गुट को ही असली लोजपा करार दिया। इसके साथ ही पारस ने चिराग पासवान को लोजपा का अध्यक्ष बनाये जाने के फैसले को ही गलत करार दिया। उन्होंने कहा कि चिराग लोजपा के निर्वाचित अध्यक्ष नहीं थे उनका मनोनयन किया गया था, जो कि गलत परंपरा है।

हाजीपुर रही है रामविलास पासवान की परंपरागत सीट

इधर, जानकार कहते हैं कि चिराग पासवान का हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा शुरू करने का फैसला पारस के लिए घातक हो सकता है। हाजीपुर लोकसभा की इसी सीट से रामविलास पासवान रिकॉर्ड मतों से जीते थे। उनका यह कारनामा गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बुक में शामिल है। हाजीपुर में चिराग को लोगों का भरपूर साथ मिलने की उम्मीद है।

रामविलास पासवान अपना अंतिम चुनाव भी इसी सीट से जीते थे। चुनावी राजनीति से दूर होकर जब रामविलास पासवान ने राज्यसभा का रुख किया तो उन्होंने अपनी यह परंपरागत सीट अपने छोटे भाई पशुपति कुमार पारस को सौंप दी। पारस फिलहाल इसी सीट से सांसद है। ऐसे में पारस ने जो कुछ भी चिराग के साथ किया है उससे क्षेत्र के लोगों में पारस के प्रति नाराजगी देखी जा रही है।

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