सहारा समूह ने अब सितंबर तक भुगतान का निवेशकों से किया वादा
समूह के न्यूज चैनल सहारा समय के जरिये निवेशकों को किया संबोधित
पटना (voice4bihar desk)। सहारा समूह के प्रमुख सहाराश्री सुब्रत राय सहारा ने निवेशकों को इस साल के सितंबर माह तक पूर्ण भुगतान करने का वादा किया है। हालांकि इसके पहले सहाराश्री ने 31 मार्च तक भुगतान करने का वादा किया था पर इसमें वे विफल रहे। सहारा समूह के न्यूज चैनल सहार समय पर अपने संबोधन में सहाराश्री ने कहा कि मार्च तक निवेशकों का भुगतान नहीं करने के लिए आज वे कठघरे में हैं पर इसके लिए वे दोषी नहीं हैं। सहाराश्री ने निवेशकों का अब तक भुगतान नहीं कर पाने के लिए इस बार कोरोना की दूसरी लहर को जिम्मेदार बताया।
उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी लाखों-करोड़ों रुपये की आठ व्यावसायिक योजनाओं पर काम रही है। पर, कोरोना की दूसरी लहर के चलते ये सभी योजनाएं ध्वस्त हो गयीं हैं। सहाराश्री ने उम्मीद जतायी कि जून से स्थिति सुधरेगी तो सितंबर तक सभी निवेशकों का भुगतान कर दिया जायेगा।
सहाराश्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के चलते न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई हिस्से में व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित हुईं हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका और इजराइल समेत कई देशों में हमारी व्यावसायिक गतिविधियां चलतीं हैं जो हमारे देश में जारी कोरोना की दूसरी लहर के चलते प्रभावित हैं। अमेरिका अथवा इजराइल के प्रतिनिध अभी न तो भारत आ सकते हैं और न ही हमारे प्रतिनिधि वहां जा सकते हैं। ऐसे में हम व्यावसायिक गतिविधियों में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।
साथ ही उन्होंने इस सवाल का भी जवाब दिया कि कंपनी अपनी संपत्ति बेचकर निवेशकों का भुगतान क्यों नहीं करती है। सहाराश्री का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाये गये इम्बार्गो के कारण समूह की किसी भी संपत्ति की बिक्री होने पर यह राशि सहारा-सेबी एकाउंट में चली जायेगी। इससे निवेशकों को एक पैसा भी नहीं मिलेगा। इसके अलावा सहारा समूह की सभी संपत्ति बड़ी है जिसके खरीदार नहीं मिल रहे हैं। जो मिल रहे हैं वो सही कीमत नहीं दे रहे हैं। ऐसे में समूह का मानना है कि इन संपत्तियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में डेवलप कर बेचे जाने से कीमत अच्छी मिलेगी।
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उन्होंने बताया कि समूह के 14701 करोड़ रुपए मुंबई की निचली अदालत में एक मामले में फंसे हुए हैं। अदालत में अवकाश के चलते इसकी सुनवाई सात जून के बाद होगी। उन्होंने उम्मीद जतायी कि जून महीने में इस मामले में फैसला आ जायेगा और 15 जुलाई के बाद समूह इसका उपयोग निवेशकों के हित में कर सकेगा।
सहारा-सेबी एकाउंट में जमा हैं 24 हजार करोड़ रुपये
सहाराश्री ने बताया कि निवेशकों की समूह में जमा राशि से तीन गुना अधिक पंरिसंपत्ति सहारा समूह की है। और हम विलंबित व्याज सहित भुगतान करने के लिए वचनबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि सहारा-सेबी एकाउंट में 24 हजार करोड़ रुपये जमा हैं। इसमें से सिर्फ 107 करोड़ रुपये के दावेदार सेबी के पास पहुंचे हैं जिन्हें वह भुगतान कर चुका है। भुगतान प्राप्त करने के लिए सेबी ने चार बार देश भर के अखबारों में विज्ञापन देकर निवेशकों को सूचना दी। अंतिम विज्ञापन 26 मार्च, 2018 को प्रकाशित किया गया जिसमें दो जुलाई तक दावा पेश करने को कहा गया था। पर, इसके बाद से कोई दावेदार सामने नहीं आया और सेबी-सहारा एकाउंट में 24 हजार करोड़ रुपये जमा हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार ये रुपये सहारा को मिलने हैं। सहारा समूह ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील भी दायर कर रखी है। पर, पिछले 14 महीने से समूह को सुप्रीम कोर्ट की ओर से तारीख नहीं दी गयी है।