बहरीन के लोग ले रहे भागलपुर के जर्दालु आम का स्वाद
पश्चिम बंगाल व बिहार की तीन जीआई प्रमाणित किस्मों सहित आम की 16 किस्में यहां के स्टोरों में प्रदर्शित की जा रहीं हैं
नयी दिल्ली (voice4bihar desk)। खाड़ी के स्वतंत्र गणराज्य बहरीन में शुक्रवार को सप्ताह भर चलने वाले भारतीय आम संवर्द्धन कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। यहां पश्चिम बंगाल के खिरसापति एवं लक्ष्मणभोग तथा बिहार के जर्दालु की तीन जीआई प्रमाणित किस्मों सहित आम की कुल 16 किस्में प्रदर्शित की जा रहीं हैं। इन आमों की किस्मों को वर्तमान में बहरीन में ग्रुप के 13 स्टोरों के जरिये बेचा जा रहा है। इन आमों को अपीडा पंजीकृत निर्यातक ने बंगाल बंगाल एवं बिहार से मंगवाया है।
अपीडा गैर-पारंपरिक क्षेत्रों तथा राज्यों से आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाता रहा है। अपीडा आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए वर्चुअल क्रेता-विक्रेता बैठकों तथा उत्सवों का आयोजन करता रहा है। हाल ही में, इसने जर्मनी के बर्लिन में आम महोत्सव का आयोजन किया था। दक्षिण कोरिया को आम का निर्यात बढ़ाने की कोशिश में अपीडा ने सियोल स्थित भारतीय दूतावास और कोरिया के इंडियन चैंबर ऑॅफ कॉमर्स के सहयोग से पिछले महीने वर्चुअल क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन किया था।
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वर्तमान में जारी कोविड 19 महामारी के कारण, निर्यात संवर्द्धन कार्यक्रमों का वास्तविक रूप से आयोजन किया जाना संभव नहीं था। अपीडा ने भारत एवं दक्षिण कोरिया के आम के निर्यातकों एवं आयातकों को एक मंच उपलब्ध कराने के लिए वर्चुअल बैठक के आयोजन की अगुआई की। इस सीजन में पहली बार, भारत ने हाल ही में, आंध्र प्रदेश के कृष्णा एवं चित्तूर जिलो के किसानों से प्राप्त जीआई प्रमाणित बनगनापल्ली तथा दूसरी किस्म सुवर्णरेखा आमों की 2.5 मीट्रिक टन की खेप निर्यात की है।
दक्षिण कोरिया को निर्यात किए गए आमों को आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित अपीडा की सहायता प्राप्त एवं पंजीकृत पैकहाउस एवं वैपर हीट ट्रीटमेंट फैसिलिटी से उपचारित, साफ तथा लदान किया गया और उसका निर्यात इफको किसान एसईजेड (आईकेएसईजेड) द्वारा किया गया। यहां के लोगों को भारत के विभिन्न आमों के स्वाद खासे पसंद आ रहे हैं।
भारत में आम को फलों का राजा कहा जाता है। प्राचीन ग्रंथों में इसे कल्पवृक्ष के नाम से संदर्भित किया जाता है। वैसे तो भारत में अधिकांश राज्यों में आमों के बागान हैं, पर उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक राज्यों की फल के कुल उत्पादन में बड़ी हिस्सेदरी है। अल्फोंसो, केसर, तोतापुरी तथा बनगनपल्ली भारत की अग्रणी निर्यात किस्में हैं। आमों का निर्यात मुख्य रूप से तीन रूपों में होता है: ताजे आम, आम का गूदा और आम के स्लाइस। आमों को अपीडा पंजीकृत पैकहाउस सुविधा केंद्रों द्वारा प्रोसेस किया जाता है और उसके बाद मिडल ईस्ट, यूरोपीय संघ, जापान तथा दक्षिण कोरिया सहित विभिन्न क्षेत्रों तथा देशों में निर्यात किया जाता है।
बिहार के जर्दालु आम की एक खास पहचान है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस आम को खास तौर पर भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को वर्षों से उपहार के तौर पर भेजते रहे हैं। इसके अलावा यह आम बिहार सरकार की ओर से देश-विदेश के कुछ खास मेहमानों को भेजा जाता रहा है। भागलपुर में जर्दालु आम का उत्पादन बहुतायत में होता है। हालांकि भागलपुर में दुधिया मालदह का भी उत्पादन होता है पर यहां के जर्दालु की अपनी विशिष्ट पहचान है।