मुंगेर की प्रखंड शिक्षिका चांदनी सिस्टम से मांग रही मौत
अपर शिक्षा सचिव ने मंगलवार तक मामले को सुलझााने का दिया निर्देश

पटना (voice4bihar desk)। मुंगेर जिले के तारापुर प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय की बर्खास्त प्रखंड शिक्षिका चांदनी कुमारी उर्फ चांदनी झा ने नौकरी में पुन: बहाल करने अथवा मरने की अनुमति देने की सरकार से मांग की है। शनिवार को ट्वीटर पर #RestoreServiceofChandaniKumari से एक वीडियो ट्रेंड करने लगा जिसमें बर्खास्त शिक्षिका चांदनी झा अपने लिए मौत मांगती दिख रहीं हैं। वीडियो में चांदनी झा बता रहीं हैं कि निगरानी जांच में उसके सभी प्रमाण पत्र सही पाये गये हैं। इसके बावजूद उन्हें सेवा में बहाल नहीं किया जा रहा है। चांदनी यह भी कह रहीं हैं कि कि सरकार अगर उन्हें ससम्मान नौकरी में बहाल नहीं कर सकती है तो उन्हें मरने की अनुमति दे।
निगरानी जांच के नाम पर प्रताड़ित किये जा रहे शिक्षक
असल में चांदनी झा का मामला निगरानी जांच के नाम पर शिक्षकों को प्रताड़ित किये जाने का नमून भर है। चांदनी मुंगेर के मध्य विद्यालय बिहमा में 2014 से कार्यरत थीं। सितंबर 2019 में फर्जी बीटेट प्रमाण पत्र के नाम पर उन्हें न केवल सेवा से मुक्त कर दिया गया बल्कि उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी गयी। चांदनी झा पूल रूप से बांका जिला के शंभूगंज प्रखंड की रहने वाली हैं।
अपर शिक्षा निदेशक ने किया हस्तक्षेप, मंगलवार तक मामला सुलझाने को कहा
शनिवार को ट्वीटर पर जब आम लोगों का उन्हें साथ मिला और वह चौथे नंबर पर ट्रेंड करने लगीं तो बिहार के अपर शिक्षा सचिव संजय कुमार का उस पर ध्यान गया। उन्होंने आनन फानन में राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक और मुंगेर की डीईओ को तलब किया और मंगलवार तक इस मामले को हल करने को कहा। अपर शिक्षा सचिव संजय कुमार ने ट्वीटर पर लिखा “मामले की जांच करनी होगी। मैं डीईओ मुंगेर और निदेशक, प्राथमिक शिक्षा को मामले को देखने और मंगलवार तक इसे हल करने के लिए कह रहा हूं।”
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निगरानी पिछले पांच सालों से कर रहा फर्जी शिक्षकों की जांच
अपर शिक्षा सचिव के इस ट्वीट के बाद मामला भले मंगलवार तक के लिए ठंडा पड़ गया हो पर निगरानी जांच के नाम पर सौ फीसद सही शिक्षकों को भी विभाग किस तरह से प्रताड़ित कर रहा है इसका एक नमूना सामने आ गया। निगरानी पिछले करीब पांच वर्षों से फर्जी शिक्षकों की जांच कर रहा है। इस दौरान हजारों शिक्षक पकड़े गये जिन्होंने 2006 से 2015 के बीच फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र देकर नौकरी हासिल की। ऐसे सैकड़ों शिक्षकों पर विभाग की ओर से एफआईआर दर्ज करायी गयी जबकि अन्य सैकड़ों शिक्षकों को विभाग की ओर से माफी भी दी गयी। पर इन सबके बीच सैकड़ों ऐसे शिक्षक भी हैं जो निगरानी और विभाग की खामियों का दंश अब भी झेल रहे हैं।
एक साल पहले निगरानी से मिली क्लीन चिट, फर भी नहीं हुई बहाली
मध्य विद्यालय बिहमा की शिक्षिका चांदनी झा को निगरानी जांच में करीब एक वर्ष पूर्व क्लीन चिट मिल गयी है। पर विभाग ने जिस तत्परता के साथ उन्हें सेवा मुक्त किया क्लीन चिट मिलने के बाद उस तत्परता से उन्हें सेवा में बहाल नहीं कर रहा है। चांदनी झा ने पिछले साल पांच सितंबर को भी शिक्षक दिवस के मौके सर सिस्टम से पूरे परिवार के लिए मौत मांगी थी। चांदनी के परिवार में पति के अलावा दो छोट़े बच्चे भी हैं। उस वक्त विभाग की ओर से आश्वासन दिया गया पर नौकरी दोबारा नहीं मिली। चांदनी तब से अब तक संघर्ष कर रहीं हैं पर अब हिम्मत जवाब दे गयी है। कहती हैं कि विभाग या तो उन्हें ससम्मान उनकी नौकरी वापस दे या फिर मौत को गले लगाने की अनुमति दे।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक भी दे चुके हैं एफआईआर पर पुनर्विचार करने का निर्देश
चांदनी झा को निगरानी की क्लीन चिट मिलने के बाद गत 28 अप्रैल को प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने निगरानी के प्रधान सचिव को एक पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के निगरानी पदाधिकारी ने चांदनी कुमारी का बीटेट 2011 के प्रमाण पत्र का सत्यापन प्रतिवेदन उपलब्ध कराया है जिसमें उन्हें द्वीतीय पत्र में उत्तीर्ण दर्शाया गया है। अत: अनुरोध है कि निगरानी द्वारा प्रखंड शिक्षिका चांदनी कुमारी पर दर्ज प्राथमिकी पर पुनर्विचार करते हुए नियमानुसार अपेक्षित कार्रवाई करें और कृत कार्रवाई से अवगत करायें।